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नेमाणी जीन में कार्तिकेय संग विराजे श्री गणेश

पूर्व पार्षद दिनेश बूब ने किया दर्शन व पूजन

* ओम गणेश मंडल में गठान टोली करती है गणेश स्थापना
अमरावती/दि.3- स्थानीय नेणीमा जीन, लढ्ढा जीन व एदलजी जीन में कपास की गांठों का काम करनेवाली गठान टोली द्वारा नेमाणी जीन परिसर में विगत 30-35 वर्षों से ओम गणेश मंडल के बैनरतले बडी धूमधाम के साथ गणेशोत्सव मनाया जाता है. नेमानी जीन के संचालक गोपालबाबू नेमाणी के मार्गदर्शन में गठान टोली द्वारा मनाये जानेवाले गणेशोत्सव में इस बार भगवान श्री गणेश को उनके भाई भगवान कार्तिकेय के संग प्रतिमा स्वरूप में स्थापित किया गया है. इस नयनाभिराम प्रतिमा व झांकी का गत रोज न्यू आजाद गणेशोत्सव मंडल के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद दिनेश बूब द्वारा भी दर्शन व पूजन किया गया.
नेमाणी जीन परिसर में विगत करीब 35 वर्षों से ओम गणेश मंडल द्वारा मनाये जा रहे गणेशोत्सव के संदर्भ में नेमाणी जीन के संचालक गोपालबाबू नेमाणी ने बताया कि, इस परिसर में कई कपास जीने है, जहां पर कपास की गांठें बनाने का काम गठान टोली द्वारा किया जाता है. अलग-अलग कपास जीनोें में काम करनेवाली गठान टोली द्वारा कई वर्ष पहले स्वयंस्फूर्त रूप से नेमाणी जीन में गणेशोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया था. जिसे नेमाणी परिवार ने सहर्ष स्वीकार करते हुए इसमें अपनी ओर से आवश्यक सहयोग भी देना शुरू किया और तब से यह सिलसिला लगातार चलता आ रहा है. गोपालबाबू नेमाणी ने बताया कि, गठान टोली के सभी कामगारोें द्वारा अपनी कमाई का निश्चित हिस्सा गणेशोत्सव के लिए अर्पित किया जाता है. साथ ही नेमाणी परिवार द्वारा भी इसमें अपना सहयोग प्रदान किया जाता है. प्रतिवर्ष अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन से पहले ओम गणेश मंडल द्वारा भव्य महाप्रसाद का आयोजन किया जाता है. जिसमें गठान टोली के सदस्यों व उनके परिवारों के साथ-साथ करीब 3 से 4 हजार भाविक श्रध्दालु शामिल होते है.
इस वर्ष ओम गणेश मंडल में स्थापित गणेश प्रतिमा के बारे में गोपालबाबू नेमाणी ने बताया कि, गठान टोली के आग्रह पर प्रतिमा पसंद करने के लिए उन्होंने युट्यूब का सहारा लिया, तब उन्हें दक्षिण भारत में भगवान श्री गणेश के साथ ही आस्था व श्रध्दा का केंद्र रहनेवाले भगवान कार्तिकेय के बारे में विस्तार के साथ पता चला. जिन्हें दक्षिण भारत में अयप्पा व मुनुक्कल स्वामी ही कहा जाता है. ऐसे में उन्होंने भगवान श्री गणेश व उनके भाई भगवान कार्तिकेय की मूर्ति स्थापित करने का सुझाव दिया. जिसे गठान टोली ने स्वीकार किया. पश्चात मूर्तिकार को इस मूर्ति का निर्माण करने हेतु कहा गया और विशेष रूप से यह प्रतिमा बनवाई गई.
नेमाणी जीन के संचालक गोपालबाबू नेमाणी के मार्गदर्शन में गठान टोली के सदस्य रहनेवाले केशव उर्फ मुन्ना यादव, महेश साहू, छत्रपाल ठाकुर, गिरीधर गौड, गजानन ठेंगरे, रामा घोरपडे, सुरेश बांगल, कैलाश जाधव, पवन दहिकर, हेमंत नागफासे, रमेश यादव, दिनेश यादव, श्यामराव कोल्हे, मनोज यादव, विक्रम शेलके, मोहन मुराई, युवराज यादव, रवि बांगल, सुभाष आकारे, समाधान जाधव, प्रभु नवले, भीवा ठेंगरे, यशवंत ठेंगरे, कैलाश नागफासे, संपत ठेंगरे, मुन्ना चढार आदि जीन कामगारों द्वारा ओम गणेश मंडल में बडे हर्षोल्लास के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव मनाया जा रहा है और यहां पर सभी धार्मिक विधान भी पूर्ण किये जा रहे है.

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