अमरावती

श्री गुरूदेव समर्थ कामगार पुरूष भजन प्रतियोगिता

प्रमोद पोकले और टीम ने जीता प्रथम पुरस्कार

* प्रशांत दूधे को सर्वश्रेष्ठ तबला वादक का पुरस्कार
अमरावती/दि.9– महाराष्ट्र श्रम कल्याण मंडल की ओर से शनिवार 7 अक्तूबर को ‘गटस्तरीय पुरूष भजन प्रतियोगिता’ स्थानीय ललित कला भवन, छाबडा प्लॉट में सफलतापूर्वक आयोजित की गई. प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन अमरावती विभाग की श्रमिक कल्याण अधिकारी प्रतिभा भाकरे द्बारा महात्मा गांधी की छवि पर माल्यार्पण कर किया गया. इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली कुल 8 टीमों में से कामगार कल्याण केंद्र, गांधी चौक के प्रमोद पोकले और संघ ने शानदार जीत हासिल कर सर्वश्रेष्ठ भजनी संघ का प्रथम खिताब प्राप्त किया.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्मृति सप्ताह आयोजित इस श्रम पुरूष भजन प्रतियोगिता में श्रमिक कल्याण केंद्र, गांधी चौक, राधानगर, शेगांव नाका, नवीबस्ती बडनेरा, संभाजीनगर अचलुर, धामणगांव रेलवे, मूर्तिजापुर और जयभारत चौक यवतमाल सहित ललित कला भवन, अमरावती की टीमों ने भाग लिया. प्रस्तुत प्रतियोगिता का निर्णायक मनोज विंचुरकर, छत्रपति म्हलसने और भूमिका मोकदम ने किया. पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता प्रतिभा साहित्य संघ एवं मंगेश वानखडे नेकी. मुख्य अतिथि के रूप मं एमडीएस फैसिलिटीस एवं हयूमन रिसोर्सेस एवं प्रशासक विजय ठाकरे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में अकोला की की प्रभारी सहायत कल्याण आयुकत श्रीमती वैशाली नवघरे उपस्थित थी.

भजन प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह का उद्रूघाटन श्रम कल्याण अधिकारी भाकरे ने किया. इस प्रतियोगिता में कामगार कल्याण केंद्र, गांधी चौक, अमरावती के प्रमोद पोकले की टीम ने सर्वश्रेष्ठ भजन टीम का प्रथम पुरस्कार जीता . दूसरा पुरस्कार श्रमिक कल्याण केंद्र, शेगांव नाका, अमरावती को और तीसरा पुरस्कार श्रमिक कल्याण केंद्र, मुर्तिजापुर को प्रदान किया गया. साथ ही प्रमोद पोकले और प्रशांत दुधे को सर्वश्रेष्ठ गायक और सर्वश्रेष्ठ तबला वादक का पुरस्कार दिया गया.
सफलता हेतु प्रतिभा पगधुने, कल्याण निरीक्षक विद्या अंबाडकर, केंद्र निदेशक सचिन खारोडे, संजय खेंते, बबन बिडकर, विनोद इंगले, हरीश वैद्य , राजेश खडसे, श्रीकांत राठोड, अमरदीप काले, प्रमोद खडसे, संतोष कुकडे, सुनीता गुप्ता, अनंत देशमुख, जयश्री देशमुख, विद्या गुल्हाने, विद्या बनारसे, रंजना पारलकर, कुंदा तांबटकर, नंदा भोवाटे, राम अर्धपुरकर, नीलेश कुकडे ने परिश्रम किए.

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