अमरावतीमहाराष्ट्र

लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र नांदगांव का श्री खंडेश्वर मंदिर

महाशिवरात्रि पर दर्शन के लिए भक्तों की उमडी भीड

* ऐतिहासिक है श्री खंडेश्वर का प्राचीन शिवालय
* आज भव्य शोभायात्रा
नांदगांव खंडेश्वर/दि.27-अमरावती जिले के नांदगांव खंडेश्वर में 750 से अधिक वर्ष प्राचीन हेमाड पंथी शिवालय हजारों भक्तों का श्रध्दास्थान आहे. निसर्गरम्य परिसर में स्थित यह प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर पूरी तरह पत्थरों से बना है. मंदिर नक्काशी सभी के आकर्षण बनी है. श्री खंडेश्वर मंदिर में महाशिवरात्री निमित्त भक्तों की भीड उमडी.
नांदगाव खंडेश्वर का श्री खंडेश्वर प्राचीन शिवालय हेमाडपंथी शिल्पकला का उत्तम नमुना तो है ही, साथही संतों की तपश्चर्या से पावन और मन को शांति देने वाली यह पावन भूमि है. महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में 20 से 26 फरवरी तक महाशिवपुराण कथा का आयोजन किया गया. कथा वाचक बाल व्यास मुरलीमनोहर चौबे (वाराशिवणी बालाघाट मध्यप्रदेश) की सुमधुर वाणी में भक्तों ने संगीतमय झांकी के साथ शिवमहापुराण कथा श्रवण का लाभ लिया. सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक और दोपहर 3 से 5 बजे तक कथा वाचन का आयोजन किया गया था. रोजाना सुबह अभिषेक व सामूहिक ध्यान व आरती, शाम को प्रार्थना, हरिपाठ व आरती होगी. रोजाना विविध पंचरंगी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें 20 फरवरी को सुबह 5.30 बजेे किशोर शिरभाते व समस्त महाशिवरात्रि उत्सव समिति के हाथों कलश स्थापना व पूजा की गई. रोजाना रात 8 बजे नामांकित कीर्तनकारों ने कीर्तन सेवा दी. इसमें हभप सुश्री स्नेहगंगाताई पकडे नांदगाव खंडेश्वर, गणेशानंद गिरी महाराज शिव ज्ञानपीठ सातरगांव, सुश्री ज्ञानेश्वरीताई गाडगे, माडा सोलापूर, नितीन भट की टीम व केतकी मोहदरकर का गीतगायन, निंबाजी महाराज तागड की भारुड सेवा, 26 फरवरी को सप्त खंजिरी वादक सत्यपाल महाराज के शिष्य रामपाल महाराज धारकर की कीर्तन सेवा आदि धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हुए. आज सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक उमेश महाराज जाधव ने काला कीर्तन सेवा दी. तथा शाम 7 बजे गांव से श्री खंडेश्वर भगवान पालकी की भव्य शोभायात्रा ताल-मृदंग की गूंज के साथ निकलेगी.
* प्राचीन मंदिर भक्तों का आस्था स्थल
श्री खंडेश्वर मंदिर भक्तों का आस्था स्थल है. यहां पर श्रावण मास निमित्त व महाशिवरात्रि पर भक्तगण दूर-दूर से आवते है. इस मंदिर का निर्माण शके 1177 आनंद संवत्सरी यानी 1254-55 में किया है. मंदिर की नक्काशी प्राचीन शिल्पकारों के सौंदर्य दृष्टि की साक्ष दे रहा है.

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