अमरावती

इस्कॉन मंदिर में श्री प्रह्लाद नरसिंह कथा का आयोजन

२८ अप्रैल से ४ मई तक विभिन्न कार्यक्रम

* श्री रुक्मिणी द्वादशी व नृसिंह चतुर्दशी महोत्सव
अमरावती-दि.28 अमरावती के इस्कॉन मंदिर में श्री रुक्मिणी महारानी की एकमात्र मूर्ति है, जो राठी नगर के सरस्वती कॉलोनी में श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश आध्यात्मिक संस्कार केंद्र (इस्कॉन) में स्थापित है. इस संस्कार केंद्र द्वारा समयसमय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसी श्रृंखला में इस्कॉन के संस्थापक आचार्य ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के वरिष्ठ शिष्य, इस्कॉन पदयात्रा मंत्री, महाराष्ट्र राज्य पत्रकार संघ द्वारा जीवन गौरव सम्मान से सम्मानित, विश्व प्रसिद्ध कीर्तन सम्राट, त्रिदंडी संन्यासी परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज के मार्गदर्शन और प्रेरणा से आगामी २ मई को श्री रुक्मिणी द्वादशी महामहोत्सव और ४ मई को श्री नृसिंह चतुर्दशी महामहोत्सव का आयोजन किया गया है. उत्सव के दौरान २८ अप्रैल से २ मई तक श्री श्री प्रह्लाद नृसिंह कथा का आयोजन शाम ६ से रात बजे तक किया गया है.
अनंतशेष प्रभुजी कथा का रसपान कराएंगे. २ मई को प्रात: ४.३० बजे श्री श्री रुक्मिणी द्वारिकाधीश की मंगल आरती होगी. पश्चात महामंत्र का सामूहिक जाप होगा. ७.३० बजे दर्शन आरती होगी. उसके बाद इस्कॉन के संस्थापक आचार्य ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की गुरु पूजा का समापन होगा. शाम ६ बजे सुमधुर संकीर्तन के माध्यम से वरिष्ठ ब्रह्मचारी भक्तों द्वारा श्री श्री रुक्मिणी द्वारिकाधीश का महाअभिषेक संपन्न किया जाएगा. इसमें पद्मनाभ प्रभुजी, अद्वैत आचार्य प्रभुजी, रणछोड कृष्ण प्रभुजी, सचिप्रान प्रभुजी, श्री विठ्ठल प्रभुजी, अवतारी गोविंद प्रभुजी, नित्य हरिनाम प्रभुजी आदि वरिष्ठ भक्त शामिल होंगे. पश्चात इस्कॉन भक्त प्रह्लाद स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा श्री रुख्मिणी जन्मोत्सव पर आधारित नाटिका प्रस्तुत की जाएगी. ५६ भोग दर्शन व श्री रुक्मिणी महारानी के विशेष चरण दर्शन व साथ ही महाआरती संपन्न होगी. महाप्रसाद वितरण से महामहोत्सव का समापन होगा.
* महामंत्र का सामूहिक जाप होगा
श्री नृसिंह चतुर्दशी का दूसरा महामहोत्सव ४ मई को प्रात: ४.३० बजे श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश और श्री श्री लक्ष्मी नृसिंह, प्रह्लाद की मंगल आरती के साथ शुरू होगा. पश्चात महामंत्र का सामूहिक जाप होगा. ७.३० बजे दर्शन आरती होगी और उसके बाद इस्कॉन के संस्थापक आचार्य ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की गुरु पूजा संपन्न होगी. शाम ६ बजे श्री श्री लक्ष्मी नृसिंह, प्रह्लाद का महाअभिषेक सुमधुर संकीर्तन के माध्यम से वरिष्ठ ब्रह्मचारी भक्तों द्वारा संपन्न किया जाएगा. इसमें पद्मनाभ प्रभुजी, अद्वैत आचार्य प्रभुजी, रणछोड कृष्ण प्रभुजी, सचिप्रान प्रभुजी, श्री विठ्ठल प्रभुजी, अवतारी गोविंद प्रभुजी, नित्य हरिनाम प्रभुजी आदि जैसे वरिष्ठ भक्त भी शामिल होंगे. इसके बाद इस्कॉन भक्त प्रह्लाद स्कूल के छात्र श्री प्रह्लाद नृसिंह लीला पर आधारित नाटिका प्रस्तुत करेंगे. श्री श्री लक्ष्मी नृसिंह, प्रह्लाद के ५६ भोग दर्शन व महाआरती संपन्न होगी. उसके बाद उपस्थित भक्तों को महाप्रसाद वितरण के साथ पूरे महामहोत्सव समारोह का समापन होगा.
* भक्तगणों द्वारा निरंतर सेवा जारी
इन दो महान महामहोत्सव के लिए महाराष्ट्र के सभी हिस्सों से भक्त मंडली का आगमन अंबानगरी होने वाला है. अनंतशेष प्रभुजी, अद्वैताचार्य प्रभुजी, रणछोड कृष्ण प्रभुजी, सचिप्राण प्रभुजी, राम अवतार प्रभुजी, नित्य हरिनाम प्रभुजी, मनीष गावंडे, श्री गोविंद प्रभुजी, अभय गोविंद प्रभुजी, सचिकुमार प्रभुजी, गोविंद यादव, गोविंद गाडे, मयूर भोजने, मेघशाम प्रभुजी, राहुल चव्हाण, शुभम कपिले, तम्बुस्कर प्रभुजी, आदेश बागडी, अवधेश बागडी, दामोदर दुलाल प्रभुजी, द्वारकानाथ प्रभुजी, सागर बर्डे, जयभद्रा देवी दासी, अनुराधा लीला देवी दासी आदि भक्तगण दिन-रात सेवा कर रहे हैं. अमरावतीवासियों से बडी संख्या में कार्यक्रम में भाग लेने का आह्वान किया गया है.

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