अमरावती/दि. 20 – राजापेठ पुलिस स्टेशन में आत्महत्या मामले में दोषी अधिकारी मनीष ठाकरे पर अपराध दर्ज करने तथा अन्य मांग के लिए अपंग श्रीपद ठाकरे जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पब्लिक पार्लमेंट के माध्यम से 15 से आमरण अनशन पर बैठे थे. श्रीपत ठाकरे यह लकवाग्रस्त होकर भी जातीयवादी थानेदार को बचाने के लिए पुलिस आयुक्त तथा जिलाधिकारी ने विगत 5 दिनों से अनशनकर्ताओं की ओर से समर्थन नहीं किया. बल्कि शनिवार की रात 11 बजे गाडगेनगर पुलिस अनशन स्थल पर आकर सामान्य अस्पताल का फर्जी दस्तावेज दिखाकर अनशन कर्ता श्रीपद ठाकरे को जबर्दस्ती से अस्पताल में ले जाकर अनशन छिपाने का प्रयास किया.
सागर ठाकरे को मनीष ठाकरे ने मारपीट कर उन्हें आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने से उन्हें तत्काल निलंबित कर उन पर आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने का अपराध तथा अनुसूचित जाति प्रतिबंधक कानून के अनुसार अपराध दर्ज करे. सागर ठाकरे के लकवा ग्रस्त पिता को 50 लाख अनुकंपा राशि व छोटे भाई को सरकारी नौकरी दी जाए. सागर ठाकरे पर 376 व पोस्को अंतर्गत अपराध बढ़ाया गया. परंतु इसमें पीडिता का मेडिकल नही किया है. सागर ठाकरे को फसाने की साजिश थी क्या? इसकी भी जांच होनी चाहिए. यह मांग मान्य होने तक आमरण अनशन किया जायेगा.