अमरावती/दि.24 – पुरानी पेन्शन योजना को लागू किये जाने की प्रमुख मांग सहित 29 मांगों को लेकर गत रोज राज्य के सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारियों के मध्यवर्ती संगठन द्वारा दो दिवसीय काम बंद आंदोलन का आवाहन किया गया था. जिसमें जिले के विभिन्न क्षेत्रोें के सरकारी व अर्ध सरकारी कर्मचारी शामिल हुए. जिनमें सरकारी अस्पतालों व दवाखानों के डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों का भी समावेश रहा. ऐसे में इस काम बंद आंदोलन की वजह से सरकारी अस्पतालों में रूग्णसेवा का काम काफी हद तक प्रभावित रहा. जिसके तहत ओपीडी ठप रहने के साथ-साथ कई शल्यक्रियाओं को भी आगे ढकेलना पडा. हालांकि राहतवाली बात यह रही कि, बुधवार की शाम तक इस हडताल को स्थगित करने का निर्णय ले लिया गया, क्योंकि सरकार द्वारा सरकारी व अर्ध सरकारी कर्मचारियों की मांगों को लेकर चर्चा की तैयारी दर्शायी गई.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, मुंबई मंत्रालय में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजीत पवार के साथ हुई चर्चा के चलते हडताल को स्थगित करने का निर्णय गत रोज दोपहर में ही हो गया था. जिससे अवगत होने के बाद कई कर्मचारी बुधवार की दोपहर ही अपनी हडताल को खत्म करते हुए अपने काम पर वापिस लौट आये थे. जिसकी वजह से आधे दिन तक काम बंद रहने के पश्चात दोपहर बाद कई सरकारी कार्यालयों व महकमों में एक बार फिर कामकाज शुरू हो गया था.
स्वास्थ्य सेवा प्रभावित, लेकिन संतुलन साधा
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम ने बताया कि, यद्यपि गत रोज स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किये गये काम बंद आंदोलन की वजह से जिला सामान्य अस्पताल, जिला स्त्री अस्पताल व सुपर स्पेशालीटी अस्पताल सहित जिले के उपजिला अस्पतालों, ग्रामीण अस्पतालों व तहसील केंद्रोें में कामकाज कुछ हद तक प्रभावित हुआ. किंतु स्वास्थ्य महकमे के पास ठेका नियुक्त कर्मचारियों की संख्या अधिक रहने के चलते काम को लेकर संतुलन साध लिया गया और काम को प्रभावित नहीं होने दिया गया.