
* वनविभाग का दल पहुंचा
मोर्शी/दि.1– मोर्शी तहसील के खेड परिसर में तेंदूए और दो शावक के ग्रामवासियों को दर्शन हुए. इस कारण ग्रामवासी और किसानों में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है. तेंदूए का परिसर में संचार रहने से खलबली मच गई है. घटना की जानकारी मिलते ही वनपरिक्षेत्र अधिकारी अमोल चौधरी के मार्गदर्शन में वनविभाग का एक दल घटनास्थल पहुंच गया. उनके द्वारा तेंदूए की तलाश शुरु कर दी गई है.
खेड गांव के उत्तर दिशा के पेठ जंगल में पिछले कुछ दिनों से तेंदूआ और उसके दो शावक संचार करते दिखाई दिये है. खेड से सायवडा मार्ग से सटकर किसानों को इस तेंदूए और शावक के दर्शन हुए है. इस कारण ग्रामवासियों में दहशत का वातावरण है. इस मार्ग से हमेशा आना-जाना करने वाले वाहन चालकों ने तेंदूए के कारण अपना मार्ग बदल दिया है. वे दूसरे मार्ग का इस्तेमाल कर रहे है. स्थानीय किसान रत्नाकर मांडेकर ने कहा कि, तेंदूए बाबत शुरु रही चर्चा पर उनका विश्वास नहीं था. लेकिन वे खुद अपने खेत से खेड की तरफ लौट रहे थे, तब खेड-सायवडा मार्ग पर तेंदूए के दो शावक उन्हें बैंठे दिखाई दिये, तब वे काफी भयभित हो गये. इस बाबत उन्होंने सीताफल महासंघ के जिला समन्वयक दिनेश शर्मा के साथ चर्चा की. पश्चात मोर्शी वनपरिक्षेत्र अधिकारी अमोल चौधरी को इस बाबत जानकारी दी गई. उपवन परिक्षेत्र अधिकारी शेख ने खेड पहुंचकर समीप के जंगल में अपने साथियों के साथ जायजा किया. उन्हें तेंदूआ और शावक दिखाई नहीं दिया. लेकिन उनका परिसर में संचार रहने की बात स्पष्ट होने से नागरिक और किसानों में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया है. इस मार्ग से आवाजाही करने भी अब दुपहिया वाहन चालक तैयार नहीं है. किसान भी नहीं में जाने से कतरा रहे है. तेंदूए और उसके दोनों शावक का तत्काल बंदोबस्त करने की मांग सुनील तायडे, शेख नदीम, राजू भुस्कटे, माणिकराव अमृते ने की है.