* नियमों की खुले आम उडाई जा रही धज्ज्यिां
अमरावती/ दि. 23– सायलेन्स झोन के कुछ नियम अस्तित्व में है. परंतु विगत वर्ष में इस नियम के अनुसार शहर में एक भी कार्रवाई नहीं हुई. सायलेन्स झोन संदर्भ में आवश्यक जनजागृति को संबंधित यंत्रणा ने गंभीरता से नहीं लिया है. शासकीय और निजी अस्पताल,शाला, महाविद्यालय, न्यायालय जिलाधिकारी कार्यालय जहां शांति होना जरूरी है. उस ईमारत से लगभग 100 मीटर दूरी तक सायलेन्स घोषित किया जाता है. उसके लिए उस इमारत से कहां से सायलेंस झोन शुरू होता है और कहां तक उसका अंतर है. यह दर्शाने के लिए उस ईमारत के सामने के रास्ते पर लाल रंग के पट्टे लगाये जाते है. इसके अलावा सायलेन्स झोन क्षेत्र अंतर्गत मोडनेवाली इमारती के आसपास वाहन चालक अथवा उस मार्ग से जाने आने वाले को पता चले इसलिए चिन्ह अंकित फलक दर्शनीय क्षेत्र में लगाए जाते है. रास्ते पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने के खिलाफ कारवाई करनेवाले पुलिस को ही सायलेन्स झोन का उल्लंघन करनेवाले के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है तथा रास्ते पर लाल पट्टे मारना चिन्हाकित फलके लगाने की जिम्मेदारी यह स्थानीय स्वराज्य संस्था की है. परंतु कहीं भी सायलेस झोन परिसर में रास्ते पर लाल पट्टे लगाना, चिन्हाकित फलके लगाने की जिम्मेदारी स्थानीय स्वराज्य संस्था की है. परंतु कहीं भी सायलेन्स झोन परिसर में रास्ते पर लाल पट्टे लगे दिखाई नहीं देते. फलक भी अब दिखाई नहीं देते.