अमरावती

एसआरपीएफ जवान का ऐसा भी फर्जीवाडा

नकली दस्तावेजों को पेश कर खुद को बताया कोरोना पॉजीटिव

  • सुपर स्पेशालीटी में भरती भी हुआ, मामला खुलते ही जवान के खिलाफ अपराध दर्ज

अमरावती/दि.२८ – इस समय जहां एक ओर लोगबाग इस डर से अपनी कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहे कि अगर उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आ गयी तो उन्हें आठ-दस दिन कोविड अस्पताल में भरती रहना पडेगा. वहीं दूसरी ओर एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जिसमें एसआरपीएफ के जवान ने फर्जी दस्तावेजों का जुगाड कर खुद को कोरोना पॉजीटिव दर्शाया. जिसके बाद वह इलाज करवाने के नाम पर सुपर स्पेशालीटी के कोविड अस्पताल में भी भरती हुआ, लेकिन दस्तावेजों का फर्जीवाडा समझ में आते ही सुपर स्पेशालीटी के डॉक्टरों ने इस मामले की शिकायत गाडगेनगर थाने में दर्ज करायी. जिसके बाद गाडगेनगर थाना पुलिस ने एसआरपीएफ पुलिस जवान के खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक चपरासीपुरा के सुंदरलाल चौक निवासी अलीम अजीज चव्हाण नामक व्यक्ति एसआरपीएफ गट क्र. ९ में पुलिस अमलदार के पद पर कार्यरत है और उसने मंगलवार की सुबह १० बजे खुद को कोरोना पॉजीटिव बताते हुए अपने आप को सुपर स्पेशालीटी के कोविड अस्पताल में भरती करवाया. लेकिन अलीम चव्हाण द्वारा पेश किये गये दस्तावेजों को लेकर कोविड अस्पताल के डॉक्टरों को संदेह हुआ. जिसके बाद इन दस्तावेजों की इर्विन अस्पताल के लैब टैक्नीशियन से जांच करवायी गयी. जिसके बाद दस्तावेजों के फर्जी रहने की जानकारी सामने आयी. पश्चात डॉ. सोपान चंद्रशेखर भोंगाडे ने तुरंत ही गाडगेनगर पुलिस स्टेशन जाकर इस मामले में शिकायत दर्ज करवायी और शाम ६.३० बजे एसआरपीएफ जवान अलीम अजीज चव्हाण के खिलाफ धारा ४६८ व ४७१ के तहत अपराध दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की गई.
फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि, आखिरकार एसआरपीएफ जवान अलीम ने फर्जी दस्तावेज बनाते हुए खुद को कोरोना पॉजीटिव क्यों बताया, और ऐसा करने के पीछे उसका मकसद क्या था. साथ ही पुलिस इस बात की जांच भी कर रही है कि, अलीम चव्हाण ने यह फर्जी दस्तावेज कहां से व कैसे बनाये, लेकिन इस मामले के उजागर होने के बाद डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ के साथ ही गाडगेनगर थाने के पुलिस अधिकारी भी दंग रह गये है. इस समय अलीम चव्हाण की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.

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