अमरावती/दि.5– सिंधुताई के निधन के 2 वर्ष पश्चात ही उनके परिवार में कलह शुरु हो गई है. सिंधुताई के निजी सचिव रहे विनय मुकुंद नितवणे ने अपने नाम के आगे अपने पिता मुकुंद नितवणे का नाम लिया है और राजपत्रों के माध्यम से अपना नाम सिंधुताई सपकाल बताया है. सिंधुताई सपकाल के पुत्र अरुण सपकाल ने विनय नितवणे ने सिंधुताई सपकाल का नाम अपने उत्तराधिकारी के रुप में दावा करने पर आपत्ति जताई है. इस मामले में अरुण सपकाल ने कोर्ट में याचिका दायर की है.
पद्मश्री सिंधुताई सपकाल के निजी सचिव विनय मुकुंद नितवणे वर्धा के मूल निवासी है. वे पुणे में सिंधुताई सपकाल की संस्था की देखभाल करते है. सिंधुताई सपकाल का 4 जनवरी 2021 को निधन हो गया था. विनय नितवणे ने राजपत्र के माध्यम से अपने नाम के आगे नाम बदलकर सिंधुताई सपकाल कर लिया है. अरुण सपकाल का कहना है कि जो बच्चे अनाथ होते है उनके नाम के आगे सिंधुताई सपकाल का नाम लगाया जाता है. हमें विनय नितवणे के सिंधुताई सपकाल संस्था के काम करने और समाज सेवा करेन से कोई आपत्ति नहीं है. सपकाल ने कहा कि उन्हें इस बात पर कडी आपत्ति है कि वह अपने नाम के आगे सिंधुताई सपकाल का नाम इस्तेमाल करत हैं, जबकि वह अनाथ नहीं थे. सिंधुताई सपकाल लगातार विनय नितवणे के साथ रहती थी और सिंधुताई सपकाल की वजह से उनकी कई लोगों के साथ जान-पहचान हो गई थी. अरुण सपकाल ने यह भी सवाल उठाया है कि सिंधुताई सपकाल का नाम लेकर विनय नितवणे आखिर क्या हासिल करना चाहते हैं. सबसे पहले मैनें इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर की. हाईकोर्ट के माध्यम से पहले निचली अदालत में याचिका दायर करने की बात स्पष्ट करने के बाद अब अचलपुर कोर्ट में याचिका दायर की गई है. कोर्ट ने विनय नितवणे को 1 दिसंबर को कोर्ट में पेश होने का नोटिस भेजा था. लेकिन वह 1 दिसंबर को कोर्ट में पेश नहीं हुए. सपकाल ने कहा कि उन्हें अपना स्पष्टीकरण देने के लिए दोबारा नोटिस भेजा गया है.