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अमरावती /दि.21– पौराणिक भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित दुर्लभ किताबे अभ्यासकों को उपलब्ध कर देने के लिए सिपना शिक्षण प्रसारक मंडल द्वारा सिपना डिजिटल आर्काइव उपक्रम शुरु किया गया है. इस आर्काइव के वेब पोर्टल का उद्घाटन सिपना अभियांत्रिकी महाविद्यालय के भाउ लिमये सभागृह में संपन्न हुआ.
संस्था के अध्यक्ष पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता की अध्यक्षता में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में उद्योजक व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. सुधीर भिवापुरकर उद्घाटक के रुप में उपस्थित थे. साथ ही कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि व मार्गदर्शक के रुप में संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. मिलिंद बारहाते तथा मराठी भाषा विद्यापीठ रिद्धपुर के कुलगुरु डॉ. अविनाश आवलगावकर, विद्यापीठ के ग्रंथालय व सूचना शास्त्र विभाग प्रमुख व अधिष्ठाता डॉ. वैशाली गुडधे व सहायक ग्रंथालय संचालक डॉ. राजेश पाटिल उपस्थित थे. दानदाताओं की तरफ से संस्था को प्राप्त हुए तथा संस्था द्वारा संचालित महाविद्यालय में उपलब्ध रहने वाले पौराणिक व दुर्लभ ग्रंथोें का डिजिटल स्वरुप का संग्रहण इस आर्काइव में किया गया है. यह डिजिटलाइज ग्रंथ बेव पोर्टल द्वारा अभ्यासक व संशोधक तक पहुंचाने के लिए सिपना डिजिटल आर्काइव एक प्रभावी माध्यम सिद्ध होने वाला है. इस आर्काइव में संदर्भ ग्रंथ धर्मशास्त्र, तत्वज्ञान, इतिहास, भाषाशास्त्र, व्याकरण, योग, स्वास्थ्य, प्रशासन, संस्कृति, कला, साहित्य आदि भारतीय पारंपारिक ज्ञान का अंतर्भाव रहे लिखित साहित्य डिजिटल स्वरुप में संग्रहित किये गये है. भविष्य में अमरावती परीक्षेत्र में उपलब्ध रहे दुर्लभ ग्रंथों का डिजिटाइजेशन कर यह ग्रंथ सिपना डिजिटल आर्काइव के माध्यम से लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध करने का संस्था का मानस है. कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि कुलगुरु डॉ. मिलिंद बारहाते तथा कुलगुरु डॉ. अविनाश आवलगांवकर ने इस उपक्रम की प्रशंसा की और नष्ट होने के मार्ग पर रहने वाले दुर्लभ ग्रंथ का जतन करने के लिए डिजिटाइजेशन ही उत्तम पर्याय बताया. अधिष्ठाता डॉ. वैशाली गुडधे ने विश्व के महत्व के डिजिटाइजेशन प्रकल्प व उपक्रम की जानकारी अपने संबोधन में दी. इस डिजिटल आर्काइव के लिए अपने संग्रह के 105 दुर्लभ ग्रंथ सिपना संस्था को भेंट स्वरुप देने वाले उद्योजक व समाजसेवी डॉ. सुधीर भिवापुरकर का संस्था की तरफ से सत्कार किया गया. साथ ही विविध ग्रंथालय में व अभ्यासकों के पास यदि दुर्लभ ग्रंथ होगे, तो वे उसे डिजिटाइजेशन करने के लिए संस्था को दे, डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया होने के बाद ग्रंथ की मूल प्रति सॉफ्ट कॉपी सहित उन्हें वापस लौटाई जाएगी, ऐसा आवाहन सिपना संस्था की तरफ से इस अवसर पर किया गया. कार्यक्रम में महाविद्यालयीन ग्रंथपाल, सार्वजनिक वाचनालय के ग्रंथपाल तथा प्राध्यापक बडी संख्या में उपस्थित थे. संस्था के अध्यक्ष जगदीश गुप्ता तथा प्राचार्य डॉ. संजय खेरडे व डॉ. राजेश जयपुरकर के मार्गदर्शन में ग्रंथपाल डॉ. सचिन महाजन व डॉ. शिरीष देशपांडे ने डिजिटल आर्काइव प्रकल्प पूर्ण किया है. उद्घाटन समारोह के सफल आयोजन के लिए डॉ. शिरीष देशपांडे, डॉ. सचिन महाजन, डॉ. अतुल जोशी, प्रा. एस. आर. गुडधे मैडम तथा सभी ग्रंथालय कर्मचारी व रिडर्स क्लब की छात्राओं ने अथक प्रयास किया.