अमरावतीमहाराष्ट्रमुख्य समाचार

तीन दशकों से शिक्षा की भगीरथी बहा रही सिपना शिक्षा संस्था

आदिवासी अंचल में उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने हुई थी संस्था की स्थापना

* महज 180 विद्यार्थियों के साथ किराए की जगह से शुरु होकर आज विशाल कैम्पस में चल रही संस्था
* इंजिनियरिंग व मैनेजमेंट के साथ ही कला, विज्ञान व वाणिज्य महाविद्यालय का संचालन
* किताबी शिक्षा के साथ ही विद्यार्थियों को अपनी जडों व जमीन से भी जुडे रहने का सिखाया जाता है गुर
* संस्थाध्यक्ष व पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता ने तीन दशकों के सफर पर जताया समाधान
अमरावती /दि.21- वर्ष 1995 में तत्कालीन भाजपा सेना युति सरकार के समय आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र का नाम कुपोषण की वजह से जमकर चर्चा में आया था. साथ ही यह तथ्य भी उजागर हुआ था कि, स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ शिक्षा सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं रहने के चलते मेलघाट में यह स्थिति बनी है. ऐसे में तत्कालीन शिवशाही सरकार ने मेलघाट में स्वास्थ्य सुविधाओं को चूस्त-दुरुस्त करने के साथ ही इस आदिवासी अंचल में उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था और इसकी जिम्मेदारी तत्कालीन राज्यमंत्री व जिला पालकमंत्री रहने वाले जगदीश गुप्ता पर सौंपी गई थी. यहीं से सिपना शिक्षण प्रसारक संस्था का प्रारंभ हुआ और सिपना संस्था ने मेलघाट अंचल के चिखलदरा में आदिवासी छात्र-छात्राओं हेतु सिपना कला, विज्ञान व वाणिज्य महाविद्यालय की स्थापना की. इसके 4 वर्ष उपरान्त सिपना शिक्षा संस्था ने सन 1999 में अमरावती में सिपना अभियांत्रिकी महाविद्यालय को शुरु किया. उस समय किरण नगर में नरसम्मा हिरय्या ट्रस्ट की जगह पर शुरु हुआ यह कॉलेज अगले वर्ष फरशी स्टॉप स्थित टांक प्लाझा में किराए की जगह पर संचालित हुआ और तीसरे ही वर्ष सिपना शिक्षा संस्था द्वारा निंभोरा परिसर में खरीदी गई जमीन पर सिपना कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग एण्ड मैनेजमेंट की मौजूदा इमारत व कैम्पस साकार हुए. इस तरह से इस वर्ष सिपना शिक्षा संस्था अपनी स्थापना की त्रिदशकपूर्ति तथा सिपना इंजिनियरिंग कॉलेज अपनी स्थापना का रजत वर्ष मना रहे है.
इस अवसर पर सिपना शिक्षा संस्था के अध्यक्ष व पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता से दैनिक अमरावती मंडल ने विशेष तौर पर बात की, तो पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने संस्था की स्थापना से लेकर अब तक के पूरे सफर पर बडे विस्तार के साथ बातचीत की. इस बातचीत में पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने विशेष तौर पर जोर देकर कहा कि, इन 30 वर्षों के दौरान लगभग सभी क्षेत्रों का जदर्बस्त तरीके से बाजारीकरण हो गया है. लेकिन सिपना परिवार ने अपने द्वारा दी जाती शिक्षा का अब तक व्यवसायिकरण नहीं होने दिया है. बल्कि जिस उदात्त उद्देश्य को लेकर उन्होंने व उनके सहयोगियों ने सिपना शिक्षा संस्था की स्थापना की थी. आज भी संस्था के सभी पदाधिकारियों सहित प्राध्यापक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उन्हीं उद्देश्यों को लेकर आगे बढ रहे है. जिसके तहत हर कोई बडे समर्पित भाव से अपनी-अपनी भूूमिका निभाते हुए शिक्षा के क्षेत्र में अपना समर्पित योगदान दे रहा है, ताकि अमरावती शहर सहित जिले के युवाओं को एक उच्चशिक्षित व कार्यकुशल पीढी के रुप में तैयार किया जा सके.

* नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बने हमारा छात्र
इस बातचीत में पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने कहा कि, इन दिनों अमूमन इंजिनियरिंग तथा मैनेजमेंट पाठ्यक्रम मेें प्रवेश लेने वाले सभी विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों की यह उम्मीद व अपेक्षा रहती है कि, पढाई पूरी होते-होते अंतिम वर्ष में विद्यार्थियों को कैम्पस के जरिए आकर्षक पैकेज पर किसी कंपनी में कोई नौकरी मिल जाये और फिर वे मुंबई, पुणे व बंगलुरु जैसे किसी महानगर अथवा विदेश में जाकर बस जाये. इस प्रवृत्ति प्रतिभा का पलायन करार देते हुए पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने कहा कि, इस प्रवृत्ति व स्थिति से पार पाने हेतु सिपना शिक्षा संस्था में विशेष तौर पर ‘रिसर्च एण्ड एनेलिसिस’ विभाग बनाया गया है. जहां पर विद्यार्थियों को अपनी नई-नई संकल्पनाओं पर काम करने का अवसर प्रदान किया जाता है. साथ ही उन्हें उद्योजकता एवं स्वयं रोजगार के प्रति प्रोत्साहित भी किया जाता है, ताकि वे सही मायनों में इंजिनियरिंग एवं व्यवस्थापन के कौशल्य को आत्मसात कर सके और आगे चलकर नौकरी के पीछे भागने की बजाय खुद आत्मनिर्भर बनते हुए दूसरों को नौकरी देने वाले बन सके. पूर्व मंत्री गुुप्ता के मुताबिक यदि हमारे युवा यहीं पर रहकर अपनी उद्यमशीलता व कार्यकुशलता का परिचय देते है, तो उसका फायदा हमारे अपने शहर, जिले व राज्य को होगा. जिससे शहर व जिले का अपने आप ही विकास होना भी शुरु हो जाएगा.

* इंजिनियरिंग की सभी शाखाओं की होती है पढाई
इस बातचीत में पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने बताया कि, वर्ष 1999 में सिपना इंजिनियरिंग कॉलेज का प्रारंभ इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर व इंन्ट्रूमेंटेशन जैसी तीन शाखाओं के साथ हुआ था. जिसके बाद धीरे-धीरे आईटी, सिविल, मैकेनिकल व इलेक्ट्रीकल जैसी शाखाओं के लिए भी महाविद्यालय को अनुमति मिली. कुछ समय तक बैचलर डिग्री के पाठ्यक्रम चलाने के बाद सिपना इंजिनियरिंग कॉलेज को आगे चलकर पदव्युत्तर पाठ्यक्रम चलाने की भी मंजूरी मिली. वहीं महाविद्यालय में उपलब्ध इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां के समर्पित व उच्च शिक्षित एकेडमिक स्टाफ को देखते हुए अब संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ ने कम्प्यूटर, आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विषयों में पीएचडी के लिए भी सिपना कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग एण्ड मैनेजमेंट को मार्गदर्शन केंद्र के तौर पर अपनी मान्यता दी है. यह अपने आप में इस महाविद्यालय के लिए बहुत बडी उपलब्धि है.

* इंजिनियरिंग के साथ-साथ मैनजमेंट की भी पढाई
इस समय पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने संस्था की 30 वर्षों की यात्रा का सिहावलोकन करते हुए सगर्व बताया कि, कई वर्षों तक इंजिनियरिंग पाठ्यक्रमों का संचालन करने वाले सिपना कॉलेज की क्षमता एवं उपलब्धियों को देखते हुए आगे चलकर एआईसीटी ने इस कॉलेज में मैनेजमेंट पाठ्यक्रम चलाये जाने को भी अपनी मंजूरी दी और आज इस कॉलेज की मैनेजमेंट कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या अच्छी खासी है. गुप्ता के मुताबिक 60 विद्यार्थी क्षमता से प्रारंभ हुई मैनेजमेंट की कक्षाओं में इस समय 120 विद्यार्थियों की प्रवेश क्षमता है.

* संस्था से निकले विद्यार्थियों का जीवन रहा सफल
पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता के मुताबिक उन्हें हमेशा इस बात को लेकर गर्व की अनुभूति होती है कि, उनकी शिक्षा संस्था द्वारा संचालित महाविद्यालयों से प्रतिवर्ष सैकडों विद्यार्थी उच्च शिक्षित होकर निकलते है और विगत 30 वर्षों के दौरान उनकी शिक्षा संस्था से निकले कई विद्यार्थियों को अपने-अपने जीवन में काफी सफल मुकामों तक पहुंचे. इस समय पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता ने बताया कि, जिस मेलघाट में कभी अच्छी शिक्षा के अवसर उपलब्ध नहीं थे, आज उसी मेलघाट में सिपना कला, वाणिज्य व विज्ञान महाविद्यालय से पढ-लिखकर निकले कई युवा मेलघाट अंचल की ही कई शालाओं व आश्रमशालाओं मेें मुख्याध्यापक एवं शिक्षकों के तौर पर काम कर रहे है और अपने ही क्षेत्र के नौनिहालों को पढा-लिखाकर शिक्षित कर रहे है. यह अपने आप मेें एक बेहद क्रांतिकारी बदलाव है. इसके साथ ही चिखलदरा स्थित सिपना कॉलेज द्वारा शारीरिक रुप से हृष्ट-पुष्ट रहने वाले आदिवासी युवाओं के लिए विभिन्न मैदानी खेलों की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती है तथा प्रतिवर्ष चिखलदरा स्थित सिपना कॉलेज की खो-खो टीम विद्यापीठ स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त करती है. इस खो-खो टीम का हिस्सा रहने वाले कई छात्र आगे चलकर पुलिस एवं सैन्य भर्ती में भी सफल हो चुके है और इस समय मां भारती की सेवा कर रहे है. यह भी शिक्षा क्षेत्र के जरिए किया गया एक उल्लेखनीय बदलाव है.

* उच्च शिक्षित प्राध्यापकों की फौज है तैयार
इस बातचीत में पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने बताया कि, संस्था द्वारा संचालित सभी महाविद्यालयों में एआईसीटी के नियमानुसार योग्य पात्रताधारक प्राध्यापकों की नियुक्ति की गई है. साथ ही कई प्राध्यापक तो निर्धारित से अधिक अहर्ता भी रखते है. इसके अलावा सभी प्राध्यापकों को स्पष्ट रुप से निर्देशित किया गया है कि, वे विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान देने और अपना सिलेबस पूरा करवाने तक ही सीमित न रहे, बल्कि ‘आउट ऑफ द बॉक्स’ जाकर विद्यार्थियों को कौशल्य आधारित व्यवहारिक ज्ञान भी दे, ताकि हमारे विद्यार्थी हर तरह की चुनौती का सामना करने में समक्ष हो.

* आर्किटेक्चर का पाठ्यक्रम भी शुरु
चिखलदरा में कला, वाणिज्य व विज्ञान महाविद्यालय तथा अमरावती के निंभोरा परिसर में इंजिनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेज का संचालन करने वाले सिपना शिक्षा प्रसारक मंडल द्वारा निंभोरा स्थित अपने कैम्पस में विगत कुछ वर्षों से आर्किटेक्चर का कॉलेज भी संचालित किया जाता है. सिपना स्कूल ऑफ प्लॉनिंग एण्ड आर्किटेक्चर नामक इस महाविद्यालय में आर्किटेक्ट विषय की कौशल्य आधारित पढाई कराई जाती है. साथ ही इस महाविद्यालय से निकले कई विद्यार्थी इन दिनों आर्किटेेक्ट एवं इंटेरियर डिझाइनर के तौर पर सफलतापूर्वक काम कर रहे है, ऐसा भी पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता द्वारा बताया गया.

* ड्रोन पायलट का ट्रेनिंग सेंटर होगा शुरु
संस्था द्वारा भविष्य में किये जाने वाले उपक्रमों एवं योजनाओं के बारे में बात करते हुए पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने बताया कि, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आधुनिक तकनीक के साथ जोडते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु ड्रोन दीदी नामक योजना शुरु की है. जिसे ध्यान में रखते हुए सिपना शिक्षा संस्था द्वारा अपने कैम्पस में ड्रोन पायलट का ट्रेनिंग सेंटर शुरु किया जाएगा. जिसमें ड्रोन उडाने व उसे संचालित करने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें भी पीएम मोदी द्वारा शुरु की गई योजना के मद्देनजर महिलाओं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग में पहली प्राथमिकता दी जाएगी.

* नये स्टार्टअप के लिए स्वतंत्र सेल
युवा बनने जा रहे अपने विद्यार्थियों को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने और उनकी उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने हेतु अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने कहा कि, सिपना शिक्षा प्रसारक मंडल के महाविद्यालयों में नये स्टार्टअप के लिए स्वतंत्र सेल गठित किया गया है. जिसके जरिए विद्यार्थियों की नई-नई संकल्पनाओं को बल देने के साथ ही उन्हें हकीकत में साकार करने का काम किया जाता है. साथ ही इस स्टार्टअप सेल को रिसर्च एण्ड एनालिसिस सेल के साथ जोडा गया है. जिसके तहत हर नये स्टार्टअप के साथ जुडी संभावना और खतरों की समिक्षा करते हुए विद्यार्थियों को आगे बढने के लिए प्रेरित किया जाता है.

* मधुमक्खीपालन के क्षेत्र में भी योगदान
आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से सिपना शिक्षा संस्था की स्थापना होने की बात कहने के साथ ही पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने कहा कि, मेलघाट क्षेत्र में प्रचूर वनसंपदा है. जिसका मेलघाट क्षेत्र के आदिवासियों हेतु उपयोग किया जा सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सिपना शिक्षा संस्था ने शैक्षणिक क्षेत्र के साथ-साथ आदिवासी कल्याण के क्षेत्र में भी काम करना शुरु किया है. जिसके तहत मेलघाट में मधुमक्खी पालन व शहद संकलन के काम को प्रोत्साहित करना शुरु किया गया. यह सिपना शिक्षा संस्था तथा किये गये प्रयासों का परिणाम ही है कि, एआईसीटी ने भी सिपना शिक्षा संस्था को मेलघाट के जंगल क्षेत्र में 5 वर्षों के लिए शहद उत्पादन की अनुमति दी. जिसके चलते सिपना शिक्षा संस्था द्वारा मेलघाट क्षेत्र के आदिवासियों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया और अब सरकार द्वारा संस्था को शहद शुद्धिकरण हेतु मशीन लगाने की अनुमति देने के साथ ही इस मशीन के लिए शत-प्रतिशत अनुदान दिया गया है.

* मेलघाट में दुर्लभ वनोषधियों के संरक्षण का भी काम
प्रचूर वनसंपदा से भरे रहने वाले मेलघाट क्षेत्र में दुर्लभ वनौषधियों का भंडार रहने की बात कहते हुए पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने कहा कि, इस प्राकृतिक संपदा को संरक्षित किये जाने की सख्त जरुरत है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सिपना शिक्षा संस्था ने मेलघाट के जंगलों में पायी जाने वाली आयुर्वेदिक वनस्पतियों एवं वनौषधियों को संरक्षित रखने हेतु भी अपनी ओर से स्वयंस्फूर्त प्रयास करने शुरु किये. इसकी भी गंभीर दखल राज्य सरकार द्वारा ली गई है.

* युवानंद व शिव जन्मोत्सव जैसे विशेष आयोजन
युवाओं को पढाई-लिखाई के साथ ही अपने संस्कारों व संस्कृति के साथ जोडे रखने की सख्त जरुरत प्रतिपादित करते हुए पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने कहा कि, सिपना शिक्षा प्रसारक मंडल ने शुरु से ही सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों पर विशेष जोर दिया है. जिसके चलते सिपना शिक्षा प्रसारक मंडल के कैम्पस में युवा ओज के प्रतिक स्वामी विवेकानंद तथा हिंदवी शान के प्रतिक छत्रपति शिवाजी महाराज की विशालकाय प्रतिमा स्थापित की गई है, ताकि ऐसे महापुरुषों के प्रति विद्यार्थियों का जुडाव एवं आकर्षण है. इसके साथ ही सिपना शिक्षा संस्था ने प्रतिवर्ष 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती अवसर पर युवानंद नामक कार्यक्रम का आयोजन होता है. इसके अलावा प्रतिवर्ष 17 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा शिव जन्मोत्सव रैली का भव्य-दिव्य आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही पूरे सालभर विविध महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि के उपलक्ष्य किसी न किसी तरह के आयोजन चलते ही रहते है. साथ ही साथ सालभर के दौरान कई बार चर्चा सत्र व व्याख्यान जैसे आयोजन भी होते है.

* विद्यार्थियों हेतु 10 से अधिक क्लबों की निर्मिति
किताबी ज्ञान के साथ ही अपने विद्यार्थियों को व्यवहार कुशल बनाने की प्रतिबद्धता पूरी बातचीत के दौरान कई बार दोहराने वाले पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने बताया कि, संस्था में विद्यार्थियों हेतु अलग-अलग तरह के 10 क्लब बनाये गये है, जो शैक्षणिक, सामाजिक, पर्यावरण, खेल व कला के क्षेत्र से वास्ता रखते है. इन क्लबों के जरिए संस्था के अध्यक्ष अलग-अलग क्षेत्रों के साथ जुडने का अवसर प्राप्त करते है. जिससे उनके सुप्त कलागुणों का विकास होने में सहायता मिलती है.

* छात्राओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
इस बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने महाविद्यालय में पढने वाली छात्राओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिये जाने की बात कहते हुए कहा कि, संस्था द्वारा बाहर गांव से अमरावती पढने आयी छात्राओं के लिए अमरावती में 4 छात्रावास खोले गये है. पूरी तरह से वातानुकूलित एवं सर्वसुविधायुक्त ये छात्रावास बेहद नाममात्र शुल्क पर छात्राओं के रहने हेतु उपलब्ध कराये जाते है. साथ ही छात्रावासों में छात्राओं की सुरक्षा के मद्देनजर तमाम इंतजाम करने के साथ ही कुछ हद तक कडे नियम भी लगाये गये है. यहीं वजह है कि, सिपना संस्था के कॉलेजों में पढने वाली सभी छात्राओं के अभिभावक अपनी बच्चियों की सुरक्षा एवं सकुशलता को लेकर पूरी तरह से निश्चित रहते है. इसके साथ ही पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने यह भी बताया कि, चिखलदरा के निकट आलाडोह में भी सिपना शिक्षा संस्था ने छात्राओं हेतु अपना पहला छात्रावास खोला था और वहां पर भी छात्राओं की सुरक्षा को लेकर बेहद पुख्ता इंतजाम किये गये है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, छात्राओं में नारी शक्ति व मातृशक्ति का भाव विकसित करने हेतु सभी छात्रावासों के नाम राजमाता जिजाउ, रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर व क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले जैसी विदुषी महिलाओं के नाम पर रखे गये है, ताकि हमारी छात्राएं ऐसी महान महिलाओं के आदर्श को अपना सके.

* आर्टिफिशियल इंटेलिजंस का कोर्स भी शुरु
बीई, एमई व पीएचडी के साथ ही कक्षा 11 वीं व 12 वीं के पाठ्यक्रम संचालित करने वाले शिक्षा संस्था प्रसारक मंडल को हाल ही मेें एआईसीटी द्वारा इंटेलिजंस आधारित पाठ्यक्रम एआईडीएस के लिए भी मंजूरी प्राप्त हुई है. ऐसे में अब सिपना कॉलेज में आर्टिफिशियल इंटेलिजंस आधारित कोर्स करने का भी अवसर उपलब्ध है.

* दर्जनों लैब व शानदार लाइब्रेरी
इस बातचीत में पूर्व मंत्री व संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता ने बताया कि, सिपना संस्था द्वारा संचालित सभी महाविद्यालयों में पढाये जाने वाले प्रत्येक विषय के प्रात्याक्षिक ज्ञान हेतु लैब की सुविधा उपलब्ध है. साथ ही प्रत्येक महाविद्यालय में हजारों किताबों का समावेश रहने वाली लाइब्रेरी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. ताकि विद्यार्थियों के लिए असीमित व अथाह ज्ञान के भंडार को हमेशा खुला रखा जा सके.

Related Articles

Back to top button