
* विभिन्न स्थान से 174 बहनों ने लिया भाग
धामणगांव रेलवे/दि.4- धामणगांव (रेल्वे) स्थित माहेश्वरी भवन में धामनगांव की बहन-बेटीयों का बहन बेटी मिलन सम्मेलन का दो दिवसीय आयोजन शानदार रहा. नागपुर की कल्पना गिरीश मुंदडा, एवं ब्रह्मपुरी की सुचिता कमलेश मोहता के संयोजन में बहोत ही हर्षोउल्हास के साथ सम्मेलन मनाया गया. इस सम्मेलन में संपूर्ण भारतवर्ष से विभिन्न शहरों एवं गांवों से 174 बहन बेटीयों ने भाग लिया. सम्मेलन में पधारी बहन-बेटीयों का स्वागत मायके की सैर का बैच लगाकर किया गया. सम्मेलन के प्रथम दिवस की शुरूवात भगवान महेश का पूजन एवं महेश वंदनापर नृत्य प्रस्तुत कर किया गया. तत्पश्चात उम्र 55 और यादें बचपन के तहत धामणगांव स्थित स्कूल-कॉलेज, मंदीर, गली-मोहल्ले, बाजार का स्लाईड शो दिखाया गया. जिसे देख सभी बहन-बेटीयाँ अपनी बचपन की यादों में खो भावविभोर हो गई. तत्पश्चात सुची मोहता, सुरभी चांडक, योगीता लढ्ढा, नेहा भुतडा एवं कविता मुंदडा के संयोजन मे विभिन्न गेमस खिलाये गये. संध्या की बेला में अर्जना कोठारी, सुरज माहेश्वरी, निलीमा मंत्री एवं रजनी कलंत्री के संयोजन में सुमधुर संगीत रजनी का आयोजन वृन्दावन से राजस्थान के थीम पर किया गया. जिसमें सभी बहन-बेटीयों ने अलग अलग प्रस्तुती दी. किसी ने राधा-कृष्ण पर संयुक्त लघु नाटीका तो किसी ने व्यक्तीगत एवं संयुक्त नृत्य की प्रस्तुती देकर सभी का मन मोह लिया. तत्पश्चात राधिका डागा, गायत्री मांगडीया एवं अनिता टावरी के संयोजन में हौजी तथा अन्य गेम्स खिलाये गये. सभी बहन-बेटीयों ने अपनी बचपन की सहेलियों के साथ ग्रुप बनाकर बचपन की यादें जो संजोई थी उसे ताजा कर आत्मविभोर हो गई. सभी का आपस में मेलजोल अपने अपने परिवार की चर्चा शादी से लेकर अब तक का जिंदगी का सफर इस पर आपस के गुफत्गु इसमें ही जैसे रात बीत गई.
सभी बहन-बेटीयां अपने मायके जरूर आई थी पर अपने मायके के घर कोई नही गई. सभी भवन में ही रूकी रही. दूसरे दिन प्रातः धामणगांव स्थित गौरक्षण संस्था में सामूहीक महाअभिषेक का कार्यक्रम रखा गया. माहेश्वरी भवन से गौरक्षण संस्था तक शोभायात्रा निकाली गई. सभी बहन-बेटीयाँ, भजन, गित गाते हुये नाचते झुमते गौरक्षण संस्था पहुँची. भजनों की प्रस्तुती आरती लढ्ढा, उषा पलोड, राजश्री गांधी एवं सरीता मंत्री व्दारा दी गई. गौरक्षण संस्था के पदाधिकारीयों ने सबका स्वागत किया. सभी ने मिलकर संस्था में स्थापीत मंदीर में सामुहीक महाअभिषेक एवं आरती पूजन किया. सभी कों अल्पोहार कराया गया एवं सभी लौटकर अगले कार्यक्रम के लिये भवन पहुँची जहां सभी बहन-बेटीयों की मातायें एवं भाभीयों का भी जमावडा भवन में उपस्थित था, जिसके देखकर सभी बहने अचंभित हुई. उन सभी के लिये यह सुखद एहसास था क्यो की माँ एवं भाभीयों का आमंत्रन गुप्त रखा गया था. अगले कार्यक्रम की थीम माताओं पर रखी गई थी. जिसमे वैष्णवी मुंदडा ने ये तो सच है की भगवान है, ओ माँ तू कितनी अच्छी है, जिनको है बेटीयाँ एवं अन्य गित गाकर संपुर्ण सभागार को भाव विभोर कर दिया.
भावनात्मक गीतों किया मंत्रमुग्ध
भावनात्मक गीतों की प्रस्तुति से सभी माँ-बेटीयाँ मंत्रमुग्ध होकर एक दुसरे कों लिपटक आत्मविभोर हो गई. सुरज माहेश्वरी, ज्योती राठी, सौ निता राठी एवं अर्चन कोठारी द्वारा सुंदर सुंदर कवितायें प्रस्तुत की गयी. सभी माताओं को तुलसी पौधा प्रदान कर उनका स्वागत किया गया. इससमय बेटियों को श्रीमती अतिराजबाई मुंदडा इनकी स्मृति में मुंदडा परिवार व्दारा स्मृति चिह्न भेट दिये गये.
अंत में 22-23 उम्र से लेकर 84 वर्ष की उम्र की बहन बेटीयों व्दारा रास गरबें का शानदार प्रदर्शन किया गया. इस दो दिवसीय संम्मेलन में धामणगांव स्थित माहेश्वरी परिवारों का माहेश्वरी भवन समिति, माहेश्वरी हितकारक संघ, माहेश्वरी महीला मंडल, धामणगांव तहसील माहेश्वरी महीला संघठन एवं इनके पदाधिकारियों का समय समय पर भरपुर सहयोग प्राप्त हुआ. कार्यक्रम के सफलतार्थ भाई बंडु मुंदडा, भाई मनिष मुंदडा, भाई दीपक केला, भाई पियुष पनपालीया, प्रेमा राठी, जयश्री राठी, सिमा मुंदडा एवं उषा राठी ने अथक प्रयास किये. अंतमे संपुर्ण कार्यक्रम की संयोजिका कल्पना मुंदडा एवं सुचिता मोहता ने सभी का धन्यवाद किया.