जन्म प्रमाणपत्र की जांच के लिए गठित एसआईटी रिपोर्ट तत्काल प्रस्तुत करें
हम भारत के लोग और भीम आर्मी ने जिलाधीश कटियार को सौंपा ज्ञापन
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* फौजदारी अपराध दाखिल करना सरासर अन्याय
अमरावती /दि.22– पूर्व सांसद किरीट सोमैया द्वारा लगाए गए बेबुनियाद आरोपो की जांच हेतु गठित एसआईटी ने अभी तक अपने रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किए है. तथा अगले आदेश तक सभी स्तर पर जन्ममृत्यु प्रमाणपत्र देना बंद है. इसके कारण विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है. साथ ही आम नागरिकों के भी शासकीय काम प्रभावित हो सकते है.
जन्ममृत्यु प्रमाणपत्र की संपूर्ण प्रक्रिया अमरावती मनपा व तहसील कार्यालय के बिच पूर्ण की जाती है. दस्तावेजों की गहन जांच पडताल के बाद ही तहसीलदार के आदेश पर मनपा जन्मप्रमाणपत्र देती है, फिर इसके लिए आम नागरिक जिम्मेदार कैसे? यदी कोई दस्तावेज सही नहीं है. तो उसका आवेदन उसी समय रद्द किया जाना चाहिए था, किंतु ऐसा न करते हुए भी प्रमाणपत्र दे दिया गया. ऐसे में इसका जिम्मेदार संबंधित अधिकारी होगा, न कि आवेदनकर्ता. किंतु राजनीतिक दबाव में सिधे आवेदनकर्ता पर ही फौजदारी मामला दायर करना यह सरासर अन्याय है. जिसे रोका जाना चाहिए. ’हम भारत के लोग’ संगठन के शेख इसरार आलम व भिम आर्मी संगठन के अहद अली ने जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में लिखा है कि, जांच हेतु गठित एसआईटी शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि हकिकत सामने आ सके. साथ ही जन्मप्रमाणपत्र जारी करने पर लगी पाबंदी भी हटाई जाए. ज्ञापन देते समय परवेज घोरी, शादाब कुरेशी, वाजिद अहमद, शेख रिजवान, सज्जाद खान आदि उपस्थित थे.
* जन्म प्रमाणपत्र फर्जी कैसे?
जन्म प्रमाणपत्र आवेदन हेतु सर्वप्रथम मनपा को एफीडेवीट देना पडता है. उसमें दर्ज विवरण नहीं है का पत्र अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ एक अॅफिडेवीट तहसील विभाग में तहसीलदार के आदेश द्वारा समाचार पत्र में विज्ञापन, जिसके बाद तहसीलदार का जन्मपत्र रजिस्टर्ड किया जाए के आदेश पर आदेशपत्र के साथ फिर से एक अॅफिडेविट मनपा विभाग में जमा करवाना पडता है. इतनी जटिल प्रक्रिया के बाद मिले जन्मप्रमापत्र में यदी कोई त्रृटी रहती भी है, तो उसका जिम्मेदार आवेदनकर्ता नहीं बल्कि संबंधित अधिकारी रहना चाहिए.
– शेख इसरार आलम,
हम भारत के लोग संगठन.