अमरावती/दि.15 – अंजनगांव सुर्जी की सीताबाई संगई एजूकेशन सोसाइटी अंतर्गत विविध विद्यालय, महाविद्यालय, विना अनुदानित संस्था चलाई जाती है. लेकिन इस संस्था मार्फत नियमों की धज्जियां उड़ाई जाने से इसका असर विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर होते दिखाई दे रहा है. जिसके चलते लोगों व्दारा बार बार इस संस्था के कामकाज पर प्रश्नचिन्ह उपस्थित किया है. अल्पसंख्यांक दर्जा होने के बावजूद भी नियमानुसार इस संस्था का कामकाज किया जा रहा है या नहीं, इस बारे में संस्था की जांच करने की विनती अंजनगांव सुर्जी के समाजसेवक व पूर्व सभापति शशिकांत मंगले ने निवेदन व्दारा की थी.
इस संस्था के मार्फत चलाई जा रही विविध शाला, कॉलेज की संख्या, अनुदानित, विनाअनुदानित टुकड़ियों की संख्या, विद्यार्थी संख्या, कुल विद्यार्थियों में से अल्पसंख्यांक, धार्मिक, भाषिक आधारित विद्यार्थियों का प्रमाण, शाला में प्रवेश नियमों का पालन करते हुए किया जाता है या नहीं, प्रवेश प्रक्रिया में कौनसी त्रुटियां है, विद्यार्थियों से शुल्क वसूलते समय नियमों का पालन किया जाता है, संस्था को अल्पसंख्यांक का दर्जा होने के बावजूद नियमानुसार कामकाज न होने की अनेक शिकायतें बार बार पालकों व्दारा की जा रही है. शासन शिक्षा बाबत गंभीरतापूर्वक ध्यान देते समय अल्पसंख्यांक दर्जे के नाम पर यह संस्था विद्यार्थी हित को अलग रख शिक्षा का बाजारीकरण कर रही हो तो उसे समय पर रोकने की विनती इस शिकायत से शालेय शिक्षण राज्यमंत्री बच्चूभाऊ कडु से की गई.