अमरावती

खेड में स्थापित होगा सीताफल हब

किसानों की उम्मीदें फिर से बढ़ी

मोर्शी/दि.2 – सीताफल की फसल को प्रोत्साहन देने के लिये राज्य के कृषि मंत्रालय व्दारा दो वर्ष पूर्व बुलढाणा जिले के मेहकर व अमरावती जिले के खेड में नये से दो सीताफल हब स्थापित करने का निर्णय लिया गया था. जिसके अनुसार जिलाधिकारी शैलेश नवाल व्दारा खेड में जांच दौरा किये जाने से सीताफल उत्पादकों की उम्मीद पल्लवित हुई है.
फडणवीस सरकार के कार्यकाल में मोर्शी तहसील के खेड में सीताफल हब निर्मिति का निर्णय लिया गया. इसके व्दारा सीताफल की फसल को प्रोत्साहन, विविध जाति पर संशोधन, वृक्षारोपण, फल प्रक्रिया इस उद्देश्य को सामने रख वन विभाग मार्फत खेड की वन जमीन पर 27 हजार 500 सीताफल वृक्षों का रोपण किया गया. ये वृक्ष लगाये जाने से 11.50 लाख रुपए आय प्राप्त हुए. आगे यह आय करोड़ो तक पहुंच सकती है. संतरा फसल को पर्याय के रुप में फिलहाल खेड परिसर के किसानों ने स्वयं के 100 हेक्टर खेती में ेंसीताफल की उपज की है. दिनोंदिन भूजल स्तर कम होने से संतरे के बाग नाम मात्र होने की संभावना है.इस कारण संतरे की पर्यायी फसल के रुप में सीताफल की फसल की ओर देखा जा रहा है.
सीताफल से विविध प्रकार का उत्पादन लिया जाता है. विश्वभर में सीताफल के गूदा की मांग बढ़ी है. इससे शेक, आईस्क्रीम, रबडी, कँडी सरीखे स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं.
सीताफल की पत्तियों व बीजों से औषधि तो छिलके से बायोगैस बनता है. इसलिए इस फसल को कम खर्च व कम समय में ज्यादा उत्पादन वाली फसल कहा जाता है. इसी कड़ी में दो वर्ष पहले खेड में सीताफल प्रक्रिया प्रकल्प स्थापित करने के लिये 14 लाख रुपए का निधि मंजूर किया गया जो जल्द ही सार्थक होगा.

  • राज्य के दोनों सीताफल हब के लिये निधि मंजूर करने पर बड़े पैमाने में किसान इस फसल के प्रति आकृष्ट होंगे, जिससे किसानों के उत्पादन में इजाफा होगा. रोजगार भी उपलब्ध होंगे. खेड की वन जमीन पर 100 हेक्टर क्षेत्र पर उत्पादन करने पर राज्य में सीताफल उत्पादन क्षेत्र में अमरावती जिले का नाम रोशन होगा.
    – दिनेश शर्मा, सहायक सचिव, जिला सीताफल महासंघ

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