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प्रतिबंधित चायना मांजा बेचने पर सीताराम डेली निड्स को किया सील

1 लाख रुपए का जुर्माना ठोका, बापट वाडी में कार्रवाई

* महापालिका ने नॉयलॉन मांजे के खिलाफ छेडा अभियान
* उच्च न्यायालय ने जारी किए आदेश, 5 वर्ष तक सजा का प्रावधान
* सभी झोन के उपायुक्त को निगमायुक्त ने दिए कार्रवाई के आदेश
अमरावती/दि.13 – पतंगोत्सव के दौरान नॉयलॉन (चायना) मांजे का भरपूर उपयोग किया जाता है. यह मांजा मानव समेत पशु-पक्षियों के लिए खतरनाक साबित होता है. इस पर राष्ट्रीय हरित लवाद की याचिका पर सुनवाई लेेते हुए मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने आदेश जारी करते हुए चायना मांजा बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है. मांजा बिक्री करने या उपयोग करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए है. जिसके आधार पर अमरावती महापालिका के निगमायुक्त ने अलग-अलग दल गठित कर मनपा के पांचों झोन के उपायुक्त को कार्रवाई करने के आदेश जारी किए. जिसके आधार पर कल राजापेठ झोन क्रं. 2 के तहत राजापेठ बापट वाडी, केडिया नगर परिसर में महापालिका के दल ने पुलिस दल के सहयोग से 10 दुकानों की जांच की. इस दौरान यहां के सीताराम डेली निड्स नामक दुकान में 5 रील, नॉयलॉन मांजा बरामद हुआ. इस पर उस दुकान में सील लगाने के साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माना ठोकते हुए आगे की कार्रवाई के लिए राजापेठ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया.
राजापेठ झोन क्रं. 2 में कल शाम के वक्त निगमायुक्त के आदेश पर उपायुक्त डॉ. सिमा नैताम, सहायक आयुक्त नंदकिशोर तिखिले की उपस्थिति में चायना मांजे के खिलाफ अभियान छेडा गया. केडीया नगर, बापट वाडी, राजापेठ परिसर में चायना मांजे के खिलाफ अभियान छेडते हुए 10 दुकानों की तलाशी ली गई. इस दौरान यहां के सीताराम डेली निड्स नामक दुकान के संचालक प्रतिबंधित चायना मांजा बेचते हुए पाए गए. इस पर पुलिस और महापालिका द्बारा चलाए गए संयुक्त अभियान में इस दुकान को सील लगाकर संचालक के खिलाफ 1 लाख रुपए का जुर्माना ठोका गया. इसके खिलाफ राजापेठ पुलिस थाने में शिकायत दी गई. इस कार्रवाई के समय राजापेठ पुलिस थाने की पुलिस उपनिरीक्षक गवई मैडम, सहा. क्षेत्रीय अधिकारी भिमराव जोगी, वरिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक बुरे, स्वास्थ्य निरीक्षक धनिराम कलोसे, मनीष हडाले, महेश पलसकर, योगेश कंडारे, वैभव खरड, सिपाही अमित डिके आदि का समावेश था.
* 5 वर्ष सजा व 1 लाख जुर्माना
मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए 6 जनवरी 2023 को जारी किए आदेश के अनुसार नॉयलॉन मांजा बिक्री और उसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए कार्रवाई और अधिक व्यापक करने के निर्देश दिए गए. आदेश के अनुसार नॉयलॉन मांजे का उपयोग करने वाले, बेचने वाले, अपने पास रखने वाले व्यक्ति के खिलाफ 6 माह तक सजा के साथ कम से कम 10 हजार रुपए जुर्माना इसी तरह नॉयलॉन मांजे का निर्माण, बिक्री, बिक्री के लिए यातायात करने वाले व्यक्ति के खिलाफ 3 से 5 वर्ष तक सजा के साथ 1 लाख रुपए तक जुर्माने का नियोजन किया गया है.
* झोन निहाय दल गठित
पतंग उडाने के लिए नॉयलॉन मांजे का उपयोग न करें, इसी तरह शहर में कोई भी विक्रेता नॉयलॉन मांजा न बेचे, इसके लिए उपाय योजना के रुप में नॉयलॉन मांजा जब्ति की कार्रवाई करने, नॉयलॉन मांजा जब्त कर ऐसी दुकान के संचालक के खिलाफ जुर्माना ठोकने की कार्रवाई करने के लिए सहायक क्षेत्रीय अधिकारी के नियंत्रण में झोन निहाय वरिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक, स्वास्थ्य निरीक्षक का दल गठित किया गया है. इस दल मेें राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों का समावेश किया गया है.
* प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अनुमति बगैर नहीं बेच सकते कोई भी मांजा
उच्च न्यायालय के आदेशानुसार पतंग व मांजे की बिक्री करने के लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की सहमति बहुत जरुरी है. जिसके तहत महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुमति बगैर पतंग व मांजा बेचने वाले सभी दुकान को तत्काल सील करने की कार्रवाई की जाएगी. इस वजह से सभी ऐसे दुकानदार अनुमति लेने के लिए प्रादेशिक अधिकारी महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के कार्यालय से संपर्क साधे.
* बच्चों पर होगी फौजदारी की कार्रवाई
सभी पालकों को महापालिका के जारी पत्र में आवाहन किया गया है कि, पालकों के बच्चे पतंग उडाने के लिए नॉयलॉन मांजे का उपयोग करते होगे, या प्रतिबंधित मांजा अपने पास रखते होंगे, तो उनके बच्चे फौजदारी की कार्रवाई के लिए पात्र होंगे. उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, जिससे उनका भविष्य खतरे में आ सकता है. इस बात को गंभीरता से लेकर, ऐसे करने से पहले बच्चों को इस बात से अवगत करा कर ऐसे घातक मांजे से दूर रहने की सलाह दें.

* जानलेवा साबित हो सकता है मांजा
नॉयलॉन मांजा उपयोग करने से वह जानलेवा साबित हो सकता है. पक्षियों को बडे पैमाने में क्षति पहुंचती है. इसी वजह से मकर संक्रांति उत्सव के दौरान पक्षियों की मरने की संख्या काफी अधिक बढ जाती है. नॉयलॉन धागा नष्ट नहीं होता. जिसके कारण वह काफी घातक व जानलेवा है. नॉयलॉन मांजे के संपर्क से बिजली आपूर्ति खंडित होने, करंट लगने, इसी तरह मोटर साइकिल या पैदल चलने वाले घायल होने या जनहानि होने की घटना हो सकती है. ऐसी किसी भी तरह की घातक घटना न हो पाए, इस बात का ध्यान रखते हुए शहरवासी पतंग उडाते समय नॉयलॉन मांजा का उपयोग न करें, शहर में कोई भी विक्रेता नॉयलॉन मांजे की बिक्री, भंडारण व ट्रान्स्पोर्टेशन न करें.
– डॉ. प्रवीण आष्टीकर,
आयुक्त, महापालिका अमरावती.

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