अमरावतीमहाराष्ट्र

विदर्भ के प्रकल्पग्रस्त कलेक्ट्रेट पर बैठे भूख हडताल पर

आश्वासन की पूर्तता न होने पर न्यायोचित मांग के लिए विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष संगठना आक्रामक

अमरावती /दि. 7– विदर्भ के प्रकल्पग्रस्तों की न्यायोचित मांग को लेकर उपमुख्यमंत्री व जलसंपदा मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन की पूर्तता न होने के कारण सैंकडो प्रकल्पग्रस्तों ने अपने परिवार के साथ जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में आज से विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष संगठना के नेतृत्व में भूख हडताल शुरु की है.
ज्ञापन में कहा गया है कि, प्रकल्पग्रस्तों बाबत सरकार की उदासीन नीति के कारण आत्महत्या हो रही है. उनकी मांगे पूर्ण करने के लिए अमरावती से नागपुर विधान भवन पर 7 से 12 दिसंबर के दौरान पैदल लाँगमार्च निकालने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की संगठना के साथ नागपुर विधान भवन में 12 व 13 दिसंबर को बैठक हुई. उसके पूर्व 2 अगस्त 2023 को मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ भी बैठक हुई. उसके पूर्व 4 मार्च व 10 अप्रैल 2022 तक 38 दिनों का विदर्भ प्रकल्पग्रस्तों का अमरावती में अनशन हुआ. विदर्भ बलीराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष संगठना विदर्भ के सिंचन प्रकल्प के अन्यायग्रस्त किसानों के मांगो के संदर्भ में पिछले 7-8 वर्ष से लडाई लड रही है. प्रकल्पग्रस्तो को वर्ष 2006 से 2013 की कालावधि में अध्यादेश के मुताबिक जमीन का 2013 के भूसंपादन कानून के मुताबिक मुआवजा बढाकर दिया जाए, पुनर्वसन कानून के तहत प्रकल्पग्रस्त परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने अन्यथा 30 लाख रुपए नकद देने, प्रकल्पग्रस्तो को नौकरी में 5 प्रतिशत समांतर आरक्षण की बजाए 15 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, प्रकल्पग्रस्तों के सर्वांगिण विकास के लिए स्वतंत्र आर्थिक विकास महामंडल की निर्मिती करने और प्रकल्पग्रस्तों की स्थानीय स्तर की सभी सुविधा व समस्या तत्काल पूर्ण करने की मांग की गई है. आज से शुरु हुई प्रकल्पग्रस्तों की इस भूख हडताल में सैंकडो प्रकल्पग्रस्त अपने परिवार के साथ शामिल हुए है.

 

 

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