
अमरावती/दि.4 – छोटे बच्चों से भारी काम कराने के मामले आज भी दिखाई दे रहे है. बडनेरा स्थित ईटभट्टे पर काम करने वाले 6 नाबालिग बच्चे को उस काम से मुक्ति दिलाई गई. इसमें दो बच्चों की आयु केवल 11 वर्ष बताई गई है.
हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के चाईल्ड लाइन के माध्यम से बडनेरा स्थित ईटभट्टी पर नाबालिग बच्चे काम कर रहे है, ऐसी जानकारी प्राप्त हुई. चाईल्ड लाइन के सदस्यों ने मुआयना किया. उन्हें ईटभट्टी पर नाबालिग बच्चे काम करते हुए दिखाई दिये. बच्चों को वहां से आजादी दिलाने के लिए सहायक कामगार आयुक्त को इसकी सूचना दी गई. उसके बाद वहां छापा मारा गया. उस समय 6 बच्चे प्रति तीन किलोग्राम के अनुसार 12 ईट सिर पर ढोते हुए दिखाई दिये. मुक्त कराये गए बच्चों में से कुछ मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र की होने की जानकारी बच्चों ने दी.
महत्वपूर्ण बात यह है कि, दो बालक केवल 11 वर्ष के है. 4 बालक 16 वर्ष के होने के कारण बाल न्याय अधिनियम 2015 के तहत अपराध होने के कारण संबंधित मालिक को नोटीस दी गई. 14 वर्ष के आयु से कम बच्चों को खतरनाक तरीके के स्थान पर काम पर रखने के कारण कामगार प्रतिबंधक कानून 1986 के अनुसार दफा 3 के तहत संबंधित मालिक पर बडनेरा पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया. इसके बाद बालकों का मेडिकल कराने के बाद उनका ध्यान और संरक्षण की दृष्टि से अमरावती के बालकल्याण समिति के सामने उन्हें उपस्थित किया गया. बालकों को शासकीय बालगृह में भिजवाया गया. 15 दिन पूर्व भी सहायक कामगार आयुक्त कार्यालय के अंतर्गत शुरु किये गए अभियान में एक 13 वर्षीय नाबालिग बालक को मोर्शी से आजाद कराया गया. वहां भी संबंधित मालिक के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया. 15 दिन में 7 बालमजदूरों को पहली बार मुक्ति दिलाई गई.