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एशिया खंड का पहला प्रकल्प
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स्टेट वाइल्ड लाइफ बोल्ड की अनुमति, नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की अनुमति की प्रतीक्षा
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विधायक बच्चू कडू की जानकारी
चिखलदरा (अमरावती)/दि.18 – विदर्भ के नंदनवन चिखलदारा में स्कायवॉक को स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की अनुमति मिली हैं. जल्द ही नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की अनुमति मिलते ही काम की शुरुआत की जाएगी, ऐसी जानकारी अलचपुर के विधायक तथा पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने दी हैं. प्रकल्प का काम 72 प्रतिशत पूर्ण हो गया हैं. बचा हुआ काम जल्द पूर्ण होकर स्कायवॉक प्रकल्प पर्यटकों की सेवा में दिखेगा ऐसा विश्वास कडू ने व्यक्त किया.
पिछले 1 वर्ष से अधिक समय से चिखलदरा के स्कायवॉक का काम व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत आता रहने से महत्वपूर्ण रही अनुमति को लेकर रुक गया था. इस संदर्भ में विधायक बच्चू कडू और मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री बच्चू कडू से भेंट कर चर्चा की. स्टेट वाइल्ड लाइफ की अनुमति मिली हैं. वह अमरावती के व्याघ्र प्रकल्प के संचालकों को प्रस्तुत की गई हैं. वहां से संबंधित दस्तावेज नैशनल बोर्ड के पास भेजकर जल्द ही अनुमति मिलते ही काम आगे बढाया जाएगा, ऐसा विधायक बच्चू कडू ने कहा. अमरावती जिलाधिकारी कार्यालय में सिडको के अधिकारी और विधायक बच्चू कडू और राजकुमार पटेल की बैठक हुई. इस बैठक के बाद प्रकल्प से संबंधित सभी दुविधा दूर हो गई हैं. नेशनल वर्ल्ड बोर्ड की अनुमति मिलते ही काम की शुरुआत होगी, ऐसा भी बच्चू कडू ने कहा.
ऐसा हैं स्कायवॉक
विश्व में स्विझरलैंड और चीन में स्कायवॉक हैं. स्विझरलैंड की स्कायवॉक की लंबाई 397 मीटर तथा चीन के स्कायवॉक की लंबाई 360 मीटर हैं. चिखलदरा का स्कायवॉक भले ही विश्व का तीसरा स्कायवॉक रहा तो भी इसकी लंबाई सर्वाधिक 407 मीटर रहने वाली हैं.
पर्यटकों की सेवा में जल्द उपलब्ध होगा
पिछले काफी समय से ठप्प पडे चिखलदरा के स्कायवॉक प्रकल्प को स्टेट बोर्ड वाइल्ड लाइफ की अनुमति मिली हैं. जल्द ही केंद्र की अनुमति मिलेगी और पर्यटकों की सेवा में उपलब्ध होगा. अब औपचारिकता बाकि हैं काम पूर्ण करने के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मैं और सहयोगी विधायक राजकुमार पटेल लगातार प्रयासरत हैं.
– बच्चू कडू, विधायक
एक माह में होगा शेष काम
स्कायवॉक का 72 प्रतिशत काम पूर्ण हुआ हैं. बचा हुआ काम एक माह में पूर्ण हो जाएगा. स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की अनुमति मिले दस्तावेज व्याघ्र प्रकल्प संचालक को सौंप दी हैं. केंद्र की अनुमति मिलते ही एक पखवाडे में काम की शुरुआत हो जाएगी.
– देवेंद्र जामनीकर, कार्यकारी अभियंता सिडको