अमरावती

अगले साल तक पूरा हो सकता स्कायवॉक का काम

वन व पर्यावरण विभाग की बाधाओं के बावजूद तेजी से काम शुरू

चिखलदरा/प्रतिनिधि दि.६ – देश के पहले तथा एशिया के तीसरे रोप-वे ग्लास स्कायवॉक का काम इस समय विदर्भ क्षेत्र के एकमात्र हिल स्टेशन पर्यटन नगरी चिखलदरा में चल रहा है. जिससे चिखलदरा की शान और सुंदरता में चार चांद लगेंगे. साथ ही यहां पर देश के विभिन्न शहरों सहित दुनिया के अलग-अलग देशों से पर्यटक आयेंगे. जिसकी वजह से यहां पर पर्यटन व रोजगार के लिए अनेकों अवसर उपलब्ध होंगे. ऐसे में इस स्कायवॉक का काम जल्द से जल्द पूरा करते हुए इसे आम लोगों की आवाजाही हेतु खोले जाने की जरूरत है. ऐसे में संभावना है कि, करीब 34 करोड रूपये की लागत से साकार किये जा रहे इस प्रकल्प का काम अगले साल तक पूरा हो जायेगा. जिसके बाद इसे आम पर्यटकों के लिए खोल दिया जायेगा. हालांकि इस काम को पूरा करने में वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से कई तरह की अनुमतियों को लेकर तमाम तरह की बाधाएं उत्पन्न की गई है और इन बाधाओं के बावजूद इस स्कायवॉक का काम युध्दस्तर पर जारी है.
इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए स्कायवॉक के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश मिश्रा ने बताया कि, चिखलदरा में बन रहा स्कायवॉक कई मामलों को लेकर अपनी तरह का अकेला स्कायवॉक है. इस तरह की डिजाईनवाला स्कायवॉक पूरी दुनिया में कही नहीं है. दो टेकडियों को जोडनेवाले इस स्कायवॉक की बैलंसिंग 14 केबलों के जरिये की जायेगी और जमीन स्तर से करीब 2 हजार फुट की उंचाई पर इन केबलों को लगाया जा रहा है. साथ ही इस स्कायवॉक की लंबाई 450 मीटर है. इतना लंबा स्कायवॉक अब तक पूरी दुनिया में कहीं नहीं बना है. प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश मिश्रा के मुताबिक इस स्कायवॉक के प्रकल्प से पर्यावरण को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है. इसके बावजूद वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस प्रोजेक्ट के कुछ हिस्से को लेकर अब तक अपनी अनुमति नहीं दी गई है. ऐसे में उतने हिस्से को छोडकर बाकी के क्षेत्र का काम तेज गति से किया जा रहा है. साथ ही उम्मीद है कि, इस स्कायवॉक को लेकर विगत दिनों नागपुर में हुई बैठक के बाद अब इस मसले का कोई हल निकल जायेगा. उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकल्प को हकीकत में फरवरी 2021 तक पूरा हो जाना चाहिए था, किंतु कोविड की महामारी के चलते यहां पर लंबे समय तक कामकाज ठप्प पडा रहा. साथ ही वन एवं पर्यावरण विभाग की अनुमतियां नहीं मिलने की वजह से भी इस प्रकल्प के काम में बाधा उत्पन्न हुई.

  • ऑस्टे्रलियाई विशेषज्ञों ने दी भेंट

प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश मिश्रा के मुताबिक समूची दुनिया में अपनी तरह के इकलौते स्कायवॉक को लेकर केवल चिखलदरा व अमरावती जिले ही नहीं बल्कि देश व दुनिया में उत्सूकता का माहौल है. जिसके तहत चार माह पूर्व ही ऑस्ट्रेलिया के दो विशेषज्ञों ने चिखलदरा आकर यहां पर बन रहे स्कायवॉक के काम का निरीक्षण किया था. साथ ही उन्होंने इस स्कायवॉक के पूरी तरह बनकर तैयार हो जाने के बाद एक बार फिर आने और इसकी खुबियां समझने की बात कही है.

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