अमरावती

एक्सप्रेस ट्रेनों में बढ़ाई जा रही स्लीपर बोगियां

आम यात्री कैसे करें सफर

* एसी कोचेस बढ़ाए जा रहे
अमरावती/दि.25- रेल्वे प्रशासन ने जिले से मुंबई, दिल्ली तथा अन्य महानगरों से यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों में मौजूद स्लीपर कोच की संख्या कम करना शुरु कर दिया है. एक-एक कोच कम करके अगले दो महीने में ट्रेन के हिसाब से शेड्यूल कोच कम किये जाएंगे. इससे आम जनता को स्लीपर कोच की बजाय अब आरक्षित यात्रा के लिए एसी में सफर करना होगा.
गोंडवाना सुपरफास्ट, अमरावती एक्सप्रेस में एक स्लीपर कोच कम करके एसी कोच बढ़ा दिया गया है. अमरावती-मुंबई-अमरावती एक्सप्रेस धीरे-धीरे पूरी तरह से वातानुकुलित की ओर बढ़ने लगी है. 15 जून से दोनों शहरों के बीच रोजाना चलने वाली इस ट्रेन के दूसरे स्लीपर क्लास के 5 डिब्बों की संख्या कम करने की योजना है.
इस महीने एक डिब्बा कम किया है. अगले महीने तक चार डिब्बे कम कर दिए जाएंगे. धीरे-धीरे स्लीपर क्लास को कम कर थर्ड-एयर कंडीशनिंग (थर्ड एसी) के अतिरिक्त 6 कोच जोड़े जाएंगे. पांच स्लीपर कोच कम होने से मुंबई यात्रा आम जनता की जेब पर भारी पड़ेगी. दिल्ली जाने वाली गोंडवाना सुपरफास्ट एक्सप्रेसके दूसरे स्लीपर क्लास में भी कटौती होगी. मध्य रेल ने सप्ताह में दो बार चलने वाली इस ट्रेन में 21 जुलाई से 23 जुलाई तक चार स्लीपर कोच और एक जनरल कोच की संख्या कम करने का फैसला किया है. इस ट्रेन में अब थर्ड एसी कोच 6 से बढ़ाकर सीधे 10 कर दिए जाएंगे.
गोंडवाना सुपरफास्ट एक्सप्रेस में वर्तमान में स्लीपर क्लास के छह कोच थे. इन कोचों की संख्या अब घटकर दो हो जाएगी. केवल दो कोच सामान्य यात्रियों के लिए आरक्षित रहेंगे. भुसावल मंडल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गोंडवाना सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कोच के ढांचे को स्थायी रुप से बदलने का निर्णय लिया गया है. इसके मुताबक अब इस ट्रेन में फर्स्ट क्लास स्लीपर क्लास कोच जोड़ा जाएगा. हालांकि थर्ड एसी कोच की संख्या बढ़ाकर दस की जाएगी. साथ ही जनरल के भी तीन कोच होंगे. इस फैसले का असर सेकेंड क्लास में सफर करने वालों पर पड़ेगा.

एक ट्रेन में स्लीपर क्लास के 12 डिब्बे होते थे. चूंकि स्लीपर कोच का किराया आम यात्रियों की जेब के अनुकूल होता है. इसलिए अधिकांश यात्री स्लीपर क्लास कोच का टिकट बुक करते हैं. हालांकि रेलवे प्रशासन ने तीन-चार साल में स्लीपर कोच हटाने की तकनीक अपनाई है. इसलिए अधिकांश ट्रेनों में वर्तमान में 6 या 7 स्लीपर कोच ही दिखाई देने लगे हैं.

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