अमरावती

शिक्षकों की नई बदली नियोजन बाबत नाराजी

महिलाओं के लिए प्रतिकूल क्षेत्र का उल्लेख ही नहीं

अमरावती/दि.13 – प्राथमिक शिक्षकों की नई बदली नियोजन में महिलाओं के लिये प्रतिकूूल क्षेत्रों का उल्लेख ही नहीं होने से इस पूर्व ऐसे क्षेत्र में काम करने वाली महिला शिक्षकों पर नये नियोजन के कारण अन्याय होने की भावना व्यक्त की जा रही है.
2017 के बदली नियोजन में महिलाओं के लिये प्रतिकूल क्षेत्र निश्चित किया गया था. आदिवासी, नक्सलग्रस्त, डोंगराल, व हिंस्त्र स्वापदों वाले क्षेत्र यानि प्रतिकूल क्षेत्र ऐसी व्याख्या की गई थी. इस क्षेत्र वाली स्कूलों में काम करने वाली महिलाओं को कुछ कालावधि पश्चात इच्छित स्थान पर बदली मिलती थी. लेकिन 2021 के नये बदली नियोजन में ऐसे प्रतिकूल क्षेत्रों का उल्लेख ही नहीं है. इस कारण इससे पूर्व प्रतिकूल क्षेत्र में काम करने वाली शिक्षिकाओं को कौन सा न्याय मिलेगा? ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है. इस कारण नये नियोजन में ऐसे क्षेत्रों का समावेश किया जाये, इससे पूर्व काम करने वाली शिक्षिकाओं को सेवा कालावधि की शर्त न रखते हुए बदली प्रक्रिया में मुख्य रुप से समाविष्ट किये जाने की भूमिका स्पष्ट की जा रही है. 31 मई की बजाय 30 जून तक की सेवा ग्राह्य मान बदली के लिये पात्र माना जाना प्रशासकीय दृष्टि से आवश्यक है.
2018 व 2019 के बदली के समय जो शिक्षक और प्रमुख रुप से महिला शिक्षकों की विस्थापित के रुप में पद स्थापना हुई है, उन्हें इस समय प्रधानता अपेक्षित है.पहले के नियोजननुसार अवघड क्षेत्र के गांव नये नियोजननुसार उस स्थान पर तीन वर्ष सेवा किये शिक्षिकाओं को संबंधित क्षेत्र में सेवा करने का लाभ मिले, समानीकरण के लिये रिक्त जगह रख कार्यरत शिक्षकों की असुविधा होने वाली है. रिक्त स्थान न हो, इसलिए तत्काल भर्ती प्रक्रिया मार्फत पदस्थापना दी जाये, बदली आदेश में प्रशासकीय बदली या विनंती बदली ऐसे स्पष्ट उल्लेख कर सेवा पुस्तिका में पंजीयन कराये, गत अनेक वर्षों से अपने परिवार से दूर रहकर सेवा देने वाली महिला शिक्षिकाओं के पारिवारिक स्वास्थ्य का विचार कर अनुकूल निर्णय लेने की अपेक्षा म.रा. प्राथमिक शिक्षक समिति ने व्यक्त की है. जिला व आंतर जिला बदली बाबत सुधार करने हेतु राज्याध्यक्ष उदय शिंदे, महासचिव विजय कोंबे ने ग्राम विकास मंत्री हसन मुश्रीफ को निवेदन सौंपा.

  • नये नियोजन बाबत शिक्षक संगठना की सिफारिशें मांगी गई. लेकिन अंतिम निर्णय लेने से पूर्व ऑनलाइन संवाद साध चर्चा की गई तो कुछ अपेक्षित बदलाव किया जा सकते था. नये नियोजन में कुछ अच्छी बात है, उसी तरह त्रुटियां भी है.
    – राजेश सावरकर,
    राज्य प्रसिध्दि प्रमुख, म.रा. प्राथमिक शिक्षक समिति

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