अमरावती

ज्यादा चॉकलेट खाने से सड रहे छोटे बच्चों के दांत

कम उम्र वाले बच्चों के दांतों में भरना पड रहा सिमेंट व चांदी

अमरावती/दि.10– इन दिनों छोटे बच्चों द्बारा जमकर चॉकलेट खाये जाते है. जिसकी वजह से उनके दांतों में कीडा लगने की समस्या काफी अधिक बढ गई है. इसके चलते बेहद कम उम्र वाले बच्चों के दांतों में सिमेंट या चांदी भरने की नौबत आने लगी है. या फिर कम उम्र वाले बच्चों की दांत निकालनी पडती है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, छोटे बच्चों को ज्यादा प्रमाण में चॉकलेट न दिए जाए. साथ ही उनके दांतों की साफ-सफाई की ओर पूरा ध्यान दिया जाए.
उल्लेखनीय है कि, छोटे बच्चों की जिद के सामने किसी की भी नहीं चलती और बच्चों द्बारा की गई जिद की वजह से ही अभिभावकों द्बारा उन्हें अलग-अलग तरह के चॉकलेट लेकर दिए जाते है. अन्यथा छोटे बच्चे पूरे घर को सिर पर उठा लेते है. परंतु चॉकलेट अथवा जंक फूट का सेवन करने की वजह से छोटे बच्चों के दांत जल्दी खराब होते है और कम उम्र में ही उनके दांत निकाल देने की नौबत आन पडती है.

दंत विशेषज्ञों के मुताबिक चॉकलेट व मीठे पदार्थों का लगातार सेवन करते रहने की वजह से छोटे बच्चों के दांतों में कीडा लगने का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. साथ ही नियमित तौर पर ब्रश नहीं करने पर भी दांतों में कीडा लग जाता है. ऐसे में छोटे बच्चों को बार-बार चॉकलेट, मीठे पदार्थ, फास्ट फुड व चिप्स जैसे खाद्य पदार्थ नहीं देने चाहिए. साथ ही ऐसे पदार्थ खाने के पश्चात तुरंत ही पानी से कुल्ला करवाना चाहिए और रोजाना नियमित तौर पर दो बार ब्रश करवाना चाहिए. इसके अलावा हर 6 माह में एक बार डॉक्टरों के जरिए अपने दांतों की जांच करवानी चाहिए. यदि छोटे बच्चों के दांतों में कीडा लग गया है, तो उसे रोकने हेतु दांतों में से बैटेरिया यानि कीडे के बाहर निकालते हुए कीडे द्बारा किए गए छेद को बंद करने हेतु दांतों में सिमेंट या चांदी भरनी पडती है.

* क्यों लगता है छोटे बच्चों के दांत में कीडा?
– चॉकलेट व मीठे पदार्थों का अतिसेवन
यदि बच्चों द्बारा बार-बार चॉकलेट या मीठे पदार्थों का सेवन किया जाता है, तो इसकी वजह से दांत खराब हो सकते है.
– फास्ट फुड का अतिसेवन
इन दिनों छोटे बच्चों द्बारा चीप्स व कुरकुरे अथवा फास्ट फुड का भी अत्याधिक सेवन किया जाता है. जिनके कण दांतों मेें अटके रहने की वजह से दांतों में कीडा लगने की संभावना रहती है और कीडा लग जाने पर दाढ में दर्द की समस्या पैदा होती है.

* क्या सतर्कता जरुरी?
– रोजाना दो बार ब्रश
दांतों की स्वच्छता की ओर ध्यान देना बेहद जरुरी है. जिसके लिए रोजाना दो बार ब्रश करना आवश्यक है. इसके तहत रोजाना भोजन होने के बाद और रात में सोने से पहले ब्रश जरुर करना चाहिए.
– 6 माह में एक बार दांतों की जांच
प्रत्येक 6 माह में एक बार दंत चिकित्सक से मिलकर बच्चों के दांतों की जांच करवानी चाहिए. साथ ही बच्चे जब भी कुछ खाते-पीते है, तो उसके बाद उन्हें कुल्ला करवाना चाहिए.

* सिमेंट व चांदी भरवाने वालों की संख्या बढी
छोटे बच्चों के दांतों में कीडा लगने के बाद उसे रोकने हेतु दांतों में से बैटेरिया को निकालते हुए छेद को बुझाने हेतु सिमेंट या चांदी भरनी पडती है. इन दिनों कम उम्र वाले बच्चों के दांतों में कीडा लगने और उनके दांतों में सिमेंट व चांदी भरवाने का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. जिसके चलते दंत चिकित्सकों के यहां छोटे बच्चों की अच्छी खासी भीड दिखाई देने लगी है.

* कम उम्र में ही निकालनी पडती है दाढ
चॉकलेट या मीठा खाने का प्रमाण बच्चों में काफी अधिक होता है. परंतु इसकी वजह से छोटे बच्चों के दांत सडने और उनमें कीडा लगने का प्रमाण बढ जाता है. जिसकी वजह से बच्चों के दांत अथवा दाढ को निकालने की नौबत आ जाती है.
– इसके अलावा दांत पर काले व पीले दाग दिखाई देते है. दांतों में ठंडे व गरम का एहसास होने के साथ ही तेज दर्द होता है. साथ ही मुंह से दुर्गंध आने की समस्या भी पैदा होती है.

* दांतों के स्वास्थ्य को लेकर नियमित सतर्क रहना जरुरी होती है. विशेष तौर पर छोटे बच्चों को बार-बार चॉकलेट व जंक फुड जैसे पदार्थ नहीं देने चाहिए. ऐसे पदार्थों को खाने से बच्चों के दांत जल्दी खराब हो सकते है. जिसके साथ ही बच्चों को रोजाना दो समय ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए. साथ ही दांतों से संबंधित कोई भी समस्या या तकलीफ रहने पर तुरंत ही दंत चिकित्सक से मिलकर उसका इलाज करवाना चाहिए.
– डॉ. सैय्यद अबरार,
वरिष्ठ दंत चिकित्सक

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