स्मार्ट कार्ड की किल्लत, ड्रायविंग लाईसेंस मिलना हुए मुश्किल
आरटीओ में 15 दिन से आपूर्ति नहीं
अमरावती/दि.6 – प्रादेशिक परिवहन विभाग द्बारा बदलते समय के साथ खुदमें बदलाव करते हुए ऑनलाइन कामकाज की पद्धति को अपनाया जा रहा है. जिसके चलते वाहन चलाने हेतू दिया जाने वाला लाईसेंस अब कागज की बजाय स्मार्ट कार्ड पर दिया जाता है. किंतु विगत 15 दिनों से स्थानीय आरटीओ ने स्मार्ट कार्ड ही उपलब्ध नहीं है, ऐसे में ऑनलाइन आवेदन और शुल्क अदा करने के बाद भी लोगों को विगत 15 दिनों से ड्रायविंग लाईसेंस नहीं मिल पा रहे है. स्मार्ट कार्ड की किल्लत रहने के चलते अब तक करीब 8 से 10 हजार वाहन चालकों के लाईसेंस आवेदन प्रलंबित पडे है.
उल्लेखनीय है कि, राज्य के प्रादेशिक परिवहन आयुक्त कार्यालय में ड्रायविंग लाईसेंस के लिए स्मार्ट कार्ड की आपूर्ति करने का ठेका यूटीएल कंपनी के साथ किया है. लेकिन इससे पहले की गई आपूर्ति का देय बकाया रहने के चलते कंपनी ने विगत 15 दिनों से आरटीओ कार्यालय में स्मार्ट कार्ड की आपूर्ति करना बंद कर दिया है. वहीं दूसरी ओर ड्रायविंग लाईसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के साथ ही आवश्यक शुल्क अदा करने वाले वाहन चालकों द्बारा अपने ड्रायविंग लाईसेंस के लिए आरटीओ कार्यालय में लगातार चक्कर पर चक्कर कांटे जा रहे है. साथ ही ड्रायविंग लाईसेंस मिलने में हो रही देरी के चलते वाहन चालकों में काफी हद तक रोष व नाराजगी व्याप्त है.
* यातायात पुलिस कर रही लाईसेंस की जांच
जहां एक ओर आरटीओ कार्यालय में स्मार्ट कार्ड की किल्लत रहने के चलते वाहन चालकों को ड्रायविंग लाईसेंस नहीं मिल रहे है. वहीं दूसरी ओर यातायात पुलिस द्बारा इन दिनों लाईसेंस सहित वाहन के दस्तावेजों की जांच हेतू अभियान खेला गया है. जिसके तहत जो लोग बिना लाईसेंस वाहन चलाते पकडे जाते है, उन पर यातायात पुलिस द्बारा आर्थिक जुर्माना लगाया जाता है. ऐसे में कहीं ना कहीं आरटीओ की गलती का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड रहा है.
* ऑनलाइन मंजूरी हुई ठप
आरटीओ में स्मार्ट कार्ड की किल्लत रहने के चलते ऑनलाइन ड्रायविंग लाईसेंस की मंजूरी के काम ठप पडे है, ऐसे में वाहन चालकों को अपने लाईसेंस प्राप्त करने के लिए लगातार चक्कर पर चक्कर कांटने पड रहे है. ताकि यातायात पुलिस द्बारा की जाती जांच पडताल की वजह से भी काफी तकलिफों का सामना करना पड रहा है.
* विगत 15 दिनों से आरटीओ में स्मार्ट कार्ड की किल्लत है और स्मार्ट कार्ड नहीं रहने के चलते नये ड्रायविंग लाईसेंस के लिए आवेदनों को मंजूर नहीं किया जा सकता. अमूमन हर महिने में 8 से 10 हजार स्मार्ट कार्ड की मांग होती है, जिसके संदर्भ में परिवहन आयुक्त कार्यालय के पास ई-मेल भेजते हुए रिपोर्ट दी गई है.