स्मार्ट क्लास और दो छात्रावास बनेंगे
शाासकीय ज्ञान-विज्ञान संस्था को बजट में फंड
* संचालिका डॉ. अंजलि देशमुख व्दारा जानकारी
अमरावती/दि.10- शासकीय ज्ञान-विज्ञान संस्था की संचालिका डॉ. अंजलि देशमुख ने बताया कि, संस्था का यह शताब्दी वर्ष है. उसके शताब्दी समारोह हेतु उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित करने और संस्था के कुछ विभागों के अपग्रेडेशन हेतु वे लोग मिलने गए थे. संस्था के स्मार्ट क्लासेस, विद्यार्थी सुविधा केंद्र और होस्टल निर्माण के लिए 180 करोड रुपए का प्रस्ताव दिया था. उसे फडणवीस ने प्रदेश के बजट में स्वीकृति दी है. बजट में आवंटित निश्चित राशि का अभी उन्हें भी नहीं पता फिर भी राज्य शासन से फंड मिलने पर सबसे पहले स्मार्ट क्लासरुम उपरांत लडके और लडकियों के होस्टल के नवनिर्माण का कार्य आरंभ होगा. डॉ. देशमुख आज दोपहर अमरावती मंडल से बातचीत कर रही थी. उन्होंने बताया कि, डीसीएम से भेंट करनेवाले संस्था के शिष्टमंडल में डॉ. यावले, डॉ. कोल्हे, डॉ. श्रीखंडे, डॉ. मालोदे, डॉ. मंजूषा वाघ आदि का भी समावेश रहा. डॉ. देशमुख ने विद्यार्थी हित में बजट में संस्था के लिए प्रावधान करने पर फडणवीस के प्रति आभार भी व्यक्त किया.
* स्वायत्त संस्था, 4740 विद्यार्थी
उल्लेखनीय है कि शासकीय ज्ञान-विज्ञान संस्था लगभग 168 एकड में व्याप्त है. संस्था की स्थापना हुए 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. संस्था को पिछले 2021 में स्वायत्त का दर्जा प्राप्त हुआ था. ऐसे ही वर्ष 2016 से संस्था को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक का ए ग्रेड प्राप्त हैं. इस ग्रेड को वर्ष 2016 तक मान्यता मिल गई है. भव्य स्टोन मेसनरी की इमारत मुख्य रुप से है. कभी 30 विद्यार्थियों के साथ आरंभ हुई संस्था में आज 22 विषयों के साथ स्नातक और स्नातकोत्तर पढाई होती है. छात्र-छात्राओं की संख्या 4740 है.
* 600 विद्यार्थियों हेतु छात्रावास
डॉ. अंजलि देशमुख ने बताया कि, राज्य शासन को चार बातों का मुख्य रुप से प्रस्ताव दिया था. जिसमें विद्यार्थी सुविधा केंद्र, स्मार्ट क्लासरुम तथा लडके और लडकियों के लिए 300-300 की क्षमता के दो अलग-अलग होस्टल का प्रस्ताव था. जिसे कदाचित शासन ने मंजूर कर लिया है. बजट में घोषणा हुई है निश्चित फंड की अभी कोई सूचना उन्हें प्राप्त नहीं हुई. डॉ. देशमुख के अनुसार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरुप सुविधाएं और संसाधन बढाए जाएंगे.
* सबसे बडी स्वायत्त संस्था
डॉ. देशमुख ने बताया कि, ज्ञान-विज्ञान संस्था प्रदेश की सबसे बडी स्वायत्त संस्था है. इसे अभिमत विद्यापीठ की भी श्रेणी मिल सकती है. नैक का ए ग्रेड 3.2 सीजीपी के साथ प्राप्त है. 108 कैम्पस है. सीबीसीएस लागू करने वाली कदाचित देश की पहली संस्थान है. दो बैचेस हो चुके है जल्द ही सबसे पहले सीबीसीएस अंतर्गत स्नातक यहां से निकलेंगे.
* गाडगेनगर थाना भी संस्था के अहाते में
शासकीय ज्ञान-विज्ञान संस्थान सैकडों एकड में फैला है. गाडगेनगर पुलिस स्टेशन संस्था की जगह पर स्थापित है. पुलिस स्टेशन का किराया भी संस्था के खाते में जमा होता है.
* अभिमत विद्यापीठ का दर्जा !
डायरेक्टर डॉ. देशमुख ने कहा कि, अभी कन्फर्म नहीं है फिर भी उन्हें पता चला है कि संस्था को अभिमत विद्यापीठ की श्रेणी मिली है. इस बारे में कल खुलासा हो सकता है. वे महत्वपूर्ण मिटिंग के लिए मुंबई जा रही है. उल्लेखनीय है कि शिंदे-फडणवीस सरकार ने हव्याप्रमं को अभिमत खेल विद्यापीठ की श्रेणी घोषित की है. ऐसे ही रिद्धपुर में मराठी विद्यापीठ स्थापित करने का भी ऐलान गुरुवार को प्रस्तुत पहले बजट में किया है.