स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी होगी बंद
प्रीपेड व पोस्टपेड पद्धति से देना होगा बिल, केंद्र सरकार की पहल
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१८ – महावितरण कंपनी के करोड़ो के बिजली बिल बकाया होने के साथ ही बिजली चोरी का सिरदर्द और अधिक बढ़ गया है. बकाया बिल वसूल करना तथा बिजली आपूर्ति कट करने के अभियान को प्राथमिकता के साथ चलाया जा रहा है. बिजली चोरी के कारण महावितरण कंपनी को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. बिजली चोरी व बकाया बिल की समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए आगामी दिनों में शहर में सभी बिजली ग्राहकों को प्रीपेड (पहले पैसे फिर बिल) पद्धति से बिजली बिल की रकम लेना आसान होगा.
यह काम केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना से किया जाएगा. स्मार्ट बिजली मीटर लगाने के लिए केंद्र सरकार ने पहल की है. इसके लिए पहले शहरी भाग में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. जिसमें सीम कार्ड जैसी एक चीप रहेगी. जिसके माध्यम से ग्राहकों को बिजली का इस्तेमाल कितना है, उतनी अकाउंट में कितनी रकम शेष है, इन सभी बातों को दर्ज किया जाएगा. वहीं स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी बंद हो जाएगी. खाते की रकम खत्म होते ही परस्पर बिजली बंद हो जाएगी, क्योंकि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद घरेलू बिजली ग्राहकों को प्रीपेड तथा सरकारी कार्यालय में पोस्टपेड पद्धति से बिजली बिलिंग होने की संभावना है.
शहर के कुछ परिसर में बार-बार कार्रवाई करने के बाद भी बिजली चोरी हो रही है. ऐसे स्थानों पर बिजली चोरी रोकने के लिए महावितरण कंपनी की ओर से स्मार्ट मीटर बिजली पोल पर लगाए जाएंगे. स्मार्ट मीटर लगाने के बाद एक बॉक्स पर 12 ग्राहक के स्मार्ट मीटर रहेंगे. इस तरह 1 हजार 899 स्मार्ट मीटर बिजली पोल पर बॉक्स के माध्यम से रहेंगे.
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54 करोड़ रुपए होंगे खर्च
स्मार्ट मीटर लगाने की आवश्यक प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर शुरु हो गई है. सिर्फ घरेलू ग्राहकों को पोस्टपेड सुविधा रहेगी या नहीं, इस बारे में अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. शहर में मौजूदा स्थिति में घरेलू बिजली ग्राहक की संख्या 1 लाख 75 हजार 95 है, जबकि औद्योगिक बिजली ग्राहक की संख्या 9 हजार 772 है. स्मार्ट मीटर लगाने व कार्यान्वित करने, वर्तमान में मौजूद मीटर बदलने तथा बिजली आपूर्ति खंडित होने पर तत्काल पर्यायी उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति लेकर सुचारु करने इस बातों का योजना में समावेश है. जिसके लिए अमरावती शहर के लिए 54 करोड़ रुपए खर्च होगा. यह खर्च योजना केंद्र सरकार करेगी. इसके लिए अलग-अलग चरणों में निधि प्राप्त होगी. इस प्रकल्प का प्रस्तावित खर्च 54 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की ओर से भेजा है.
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बिजली चोरी होगी बंद
स्मार्ट मीटर के कारण बिजली चोरी पूरी तरह से बंद हो जाएगी. वहीं घरेलू स्मार्ट मीटर यह प्रीपेड होने से बकाया बिल की भी समस्या नहीं रहेगी, जिससे बिजली व मनुष्यबल कम होगा.
– आनंद काटकर, कार्यकारी अभियंता