अमरावती

दूसरे प्रांत से रेती परिवहन की अनुमति में रोड़ा

ऑनलाइन पंजीयन करना होंगा, जिलाधीश के पास अटकी है फाइल

परतवाड़ा/अचलपुर/दि १० -: जिले में रेती घाट नीलामी प्रक्रिया बाधित होने से शासकीय और निजी निर्माण कार्य नहीं हो पा रहे.पड़ोसी मध्यप्रदेश से रेती लाई जा रही थी किंतु अभी पांच फरवरी को एक नया आदेश जारी किया गया.उस अनुसार अब रेती के लिए कलेक्टर की परमिशन अनिवार्य कर दी गई.इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करना होंगा. इसके लिए अनेक ठेकेदारों ने जिलाधीश के पास मध्यप्रदेश से रेती लाने हेतु आवेदन किया है.आज एक माह से अधिक होने पर भी किसी को अनुमति नहीं मिलने की जानकारी है .रेत निर्यात के आवेदन खारिज किये जाने की भी चर्चा सुनने को मिल रही.
मार्च माह का पहला सप्ताह समाप्त हो चुका.शेष तीन सप्ताह में शासन के निर्देशानुसार और दी गई कालावधि में निर्माण कार्य पूर्ण करना होंगा.विभिन्न विभागों द्वारा इन निर्माण को पूर्ण करने की अनुमति दी गई .इसके लिए आवश्यक निधि भी तैयार रखी गई.रेत उपलब्ध न होने से लोक निर्माण कार्य अधूरे पड़े है.इसमें भी जिलाधीश ने नए अध्यादेश अनुसार किसी भी आवेदक को अभी तक अनुमति प्रदान नही की. इस कारण कोई भी कार्य पूर्ण करना असंभव होंगा.मार्च महीना होने से संबंधित कार्य की निधि भी वापिस चली जायेगी.इस कारण रेती आपूर्ति पर तत्काल निर्णय लेने  की मांग की जा रही.
-रेती नीलामी ठंडे बस्ते में-:शासन के नए नियम के अनुसार यदि सीधे निर्माण स्थली पर रेती की जरूरत है तो संबंधित को जिलाधीश से अनुमति लेना आवश्यक होंगा.असंख्य कॉन्ट्रक्टर ने इस हेतु आवेदन किया, किंतु उन्हें अनुमति नही मिली है.मार्च माह में राजस्व विभाग को भी कर वसूली का लक्ष्य रहता है.इस कारण राजस्व विभाग की निगाह भी गौण खनिज वसूली पर रहती है.इस साल भी रेती घाट प्रक्रिया पूरी नही हो पायी है.
-घरकुलधारक अड़चन में-: रेत के कारण जहां सार्वजनिक निर्माण कार्य अटके हुए हैं वहीं घरकुलधारक लाभार्थियों को भी संकट का सामना करना पड़ रहा.नजदीक पास की नदी-नालों से रेत लाने की अनुमति नहीं होने से घरकुल का निर्माण भी अधर में पड़ा है.नया घर बनाने के लिए लाभार्थी ने अपने पुराने घर तोड़ दिए थे.अब रेती उपलब्ध नही होने से इनके निवास की समस्या भी उत्पन्न हो चुकी.

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