अमरावती

जिले में डेढ महिने में 223 लोगों को सर्पदंश

समय पर उपचार करने से 221 लोगों की जान बची, 2 की मृत्यु

अमरावती/दि. 15-साँप यह किसान का मित्र फिर भी एक वर्ष से घटना बढने लगी है. इस बार बारिश की तेजी से शुरूआत हुई है. 1 जून से 12 जुलाई 2022 तक सर्पदशं की 223 घटनाओं का पंजीकृत किया गया. समय पर उपचार किए जाने से 221 लोगों की जान बची तथा दोनों की मृत्यु हुई. ग्रामीण अस्पताल के सर्पदंश प्रतिबंधक लस (स्नेकॅ अ‍ॅटिव्हेनिन )मरीजो को नि:शुल्क दी जाती है. किंतु मांग की तुलना में कम आपूर्ति व नागरिको में गलतफहमी आदि कारणों के कारण परिवार के मुख्य व्यक्ति को गंवाने की घटना चिंता बढाने वाली है.
बारिश के दिनों में अनेक जाति के सांपों का प्रजनन काल रहता है. उसी के साथ सांप के बिल में बारिश का पानी भर जाता है. जिसके कारण भक्षण व छिपने के लिए सांप सुरक्षित जगह की खोज में जून से अगस्त इस माह मेंं लोगों की बस्ती के आसपास दिखाई देते है. सर्पदंश की अधिकांश घटना ग्रामीण व डोंगरी क्षेत्र में घटती है. यह वास्तविक है. सर्पदंश के बाद संबंधित मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती करने के लिए विलंब होने पर मृत्यु होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे समय में केवल ग्रामीण अस्पताल में ही नहीं तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ही प्रतिबंधात्मक लस उपलब्ध होना अत्यावश्यक है. उसमें भी डॉक्टर्स व स्वास्थ्य कर्मचारी 24 घंटे ड्यूटी पर होने पर भी आपातकालीन स्थिति में भी मरीजों पर उपचार हो सकता है विगत वर्ष 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 इस एक हजार 992 सर्पदंश होने की पंजीयन है. उसी प्रकार इस दौरान 16 लोगों की मृत्यु हो गई है. स्वास्थ्य प्रशाासन की रिपोर्ट के अनुसार 1 जून से 30 जून 2022 इस एक महिने की कालावधि में 197 सर्पदंश होने की घटना घटी है. इस महिने में एक मृत्यु है. 1 जुलाई से 12 जुलाई इस समय 26 सर्पदंश होने की पंजीयन तथा एक 17 वर्षीय लडकी की मृत्यु हो गई. 42 दिन में जिले में विषारी सर्पदंश की अभी तक 223 घटना घटी है तथा उपचार के दौरान दो की मृत्यु हो गई. जिला सामान्य अस्पताल में उपचार होने से मरीज की जान बची है. इसके लिए सर्पदंश की घटना घटने के बाद गावठी उपचार अथवा मंत्र पर विश्वास न रखकर अस्पताल में भर्ती करने पर मरीज की जान बच सकती है. ऐसा डॉक्टरों की ओर से कहा गया है.

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