अमरावती

सर्पमित्रों ने बचायी दुर्मिल सांप की जान

करोडो रुपये की किमत वाले सांप की वनविभाग ने की जांच

वडाली के जंगलो में छोडा गया
अमरावती/दि.23– रहाटगांव में अत्यंत दुर्मिल दो मुंहा सांप मिलने की जानकारी यहां के नागरिकों व्दारा सर्पमित्र व भीम ब्रिगेड कार्यकर्ता धिरज निरगुडे को दी. जिसके बाद सर्प मित्र अपने सहयोगियों के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर उस सांप को पकडकर वन विभाग के हवाले किया. जहां से उस दुर्मिल सांप को वडाली के जंगलों में छोडा गया.

जानकारी के अनुसार मांडुल जाती का सांप जो कि अत्यंत दुर्मिल माना जाता है. इसका कई दवाईयों में उपयोग भी होता है. ऐसा माना जाता है कि गुप्तधन की खोज के लिए इसका आंतराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी भी होती है. यह सांप बिन जहर का होता है. यह बहुत ही मंद गति से चलता है. मोटा शरीर व दोनो ओर मुंह होने से इसे दो मुंहा सांप भी कहा जाता है. अंधश्रध्दा के कारण मांडुल(दोमुहां) जाती के सांप की तस्करी का भी खुलासा हो रहा है. मांडुल जाती के सांप जमीन में होने से यह खेतीहर जमीन को उपजाऊ बनाते है. इस लिए इन्हें किसानों का मित्र भी कहा जाता है. दुर्मिल मांडुल सांप को सर्प मित्र धिरज निरगुडे, शुभम राऊत, प्रतिक गेडाम,गौरव वानखडे, सम्यक डोंगरे, बच्चू भालेराव, समीप बनसोड व भीम ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने पकड कर वडाली वन विभाग के कार्यालय में ले जाकर उसका पंजीयन किया. जहां इसका पंजीयन कर वडाली के जंगलों में छोड दिया गया.इस समय सभी नागरिकों ने सर्प मित्रों की प्रशंसा की.

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