धामणगांव रेल्वे क्षेत्र के 119 तलाठी कार्यालयों में निकलते हैं सांप व बिच्छू
10 साल से कोई दुुरुस्ती नहीं, पालकमंत्री व जिलाधीश कब देंगे ध्यान
धामणगांव रेल्वे/दि.7– धामणगांव रेल्वे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल 3 तहसीलों के 119 पटवारी कार्यालय पूरी तरह से जर्जर अवस्था में पहुंच चुके है. जिनकी खिडकियों के कांच फूटे हुए है. टाइल्स उखड गई है और लकडी के दरवाजे पूरी तरह से सड गए है. साथ ही इन पटवारी कार्यालयों में आये दिन सांप व बिच्छू निकलते है. जिसकी वजह से तलाठी कार्यालय के कर्मचारियों सहित यहां आने वाले किसानों व ग्रामीणों के लिए जान का खतरा बना हुआ है. जिला नियोजन में इस कार्य के लिए निधि रहने के बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा इस गंभीर मामले की अनदेखी की जा रही है. ऐसे में अब जिला पालकमंत्री से इस मामले की ओर ध्यान दिए जाने की मांग की जा रही है.
बता दें कि, धामणगांव रेल्वे, चांदूर रेल्वे व नांदगांव खंडेश्वर तहसीलों में करीब 10 वर्ष पहले पटवारी कार्यालय के साथ ही निवासस्थान भी बनाए गए थे. इन कार्यालयों के जरिए किसानों के विविध काम नियमित तौर पर जारी रहने के दौरान इन कार्यालयों की दुरुस्ती की ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. हालांकि जिला नियोजन मेें गतिमान प्रशासन व आपातकालीन व्यवस्था के मजबूतीकरण शीर्षक 2053-ए-476 अंतर्गत सन 2023-24 के आर्थिक वर्ष में 10 करोड 99 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है. जिसमें से 5 करोड 14 लाख रुपए के काम को प्रशासकीय मान्यता दी गई है. ऐसे में यदि जिलाधीश व आरडीसी द्वारा थोडी गंभीरता दिखाई जाये, तो तलाठी कार्यालयों की दुरुस्ती का मार्ग आसान हो सकता है. परंतु इसे लेकर जिला प्रशासन की अनास्था दिखाई दे रही है.
* विधायक अडसड ने पालकमंत्री को कराया अवगत
धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र में शामिल धामणगांव रेल्वे, चांदूर रेल्वे व नांदगांव खंडेश्वर तहसीलों के तलाठी कार्यालयों की स्थिति बेहद गंभीर रहने का निवेदन विदर्भ पटवारी संघ के चांदूर रेल्वे उपविभाग के पदाधिकारियों ने क्षेत्र के विधायक प्रताड अडसड को दिया था. जिसके बाद विधायक अडसड ने तुरंत ही जिलाधीश सौरभ कटियार से मुलाकात करते हुए इस कार्य हेतु जिला नियोजन से निधि की मांग की. साथ ही जिला पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल के समक्ष वास्तुस्थिति रखी.
* 119 तलाठी कार्यालयों की स्थिति गंभीर
सन 2013 में धामणगांव, चांदूर रेल्वे व नांदगांव खंडेश्वर तहसील क्षेत्र में 121 तलाठी व मंडल कार्यालय तथा निवासस्थान बनाए गए थे. परंतु तब से लेकर अब तक उन इमारतों की कोई दुरुस्ती नहीं की गई. ऐसे में अब इन कार्यालयों की खिडकियां व दरवाजे टूट गए है और बारिश के दौरान कार्यालय की छत से पानी गलता है. यहां पर पीने के पानी सहित शौचालय व स्वच्छता गृह में पानी नहीं है. साथ ही कार्यालय में महत्वपूर्ण दस्तावेज रखने हेतु कोई फर्निचर नहीं है और पुरानी अलमारियों में दरारे पड गई है. इसके अलावा इन कार्यालयों में विद्युत आपूर्ति भी खंडित है.
* मैंटेनन्स के लिए वेतन से 260 रुपए की कटौति तीनों तहसीलों में तलाठी कार्यालय व निवास की देखभाल के लिए कार्यालय के निर्माण से लेकर अब तक तलाठी के वेतन से 260 रुपए प्रतिमाह की कटौति की जाती है. परंतु यह रकम कहां जाकर जमा होती है. यह किसी को भी नहीं पता.
* पालकमंत्री कब देंगे ध्यान?
जिला नियोजन की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन पर बेहद संगीन आरोप लगाए थे. जिसमें कहा गया था कि, जनहित के काम हेतु आयी निधि को उस काम के लिए प्रयोग मेें लाने की बजाय अन्य कामों के लिए उपयोग में लाया जाता है. यह बात तलाठी कार्यालयों की दुरावस्था और दुरुस्ती हेतु निधि उपलब्ध एवं मंजूर रहने के बावजूद भी दुरुस्ती के काम नहीं किए जाने के तौर पर स्पष्ट हुई है. ऐसे में यह सवाल पूछा जा रहा है कि, आखिर इस गंभीर मामले की ओर पालकमंत्री द्वारा कब ध्यान दिया जाएगा.
* विगत 10 माह से तलाठी कार्यालयों की दुरुस्ती नहीं हुई है. जबकि हमारे वेतन से हर महिने मेंटेनन्स के नाम पर कटौति की जाती है. ऐसे नादुरुस्त कार्यालय में हम कैसे काम करें, यह सबसे बडा सवाल है. इसके साथ ही ज्यादातर तलाठी कार्यालय गांव से बाहर व जंगल परिसर में है. जिनके टूटे हुए दरवाजे व खिडकी से सांप व बिच्छू भीतर घुस आते है. ऐसे में यहां पर किसी तलाठी या किसान की जान जाने के बाद जिला प्रशासन द्वारा इन कार्यालयों की दुरुस्ती की जाएगी क्या, यह भी एक सवाल है.
– गोपाल नागरीकर,
विदर्भ पटवारी संघ,
चांदूर रेल्वे