अमरावती

स्नेहा लांडगे भी युक्रेन से अमरावती पहुंची

बेटी को देखते ही माता-पिता की आंखे हुई नम

  • नागपुर विमानतल पर स्नेहा की परिजनों के साथ हुई भेट

अमरावती/दि.5 – रूस द्वारा छेडे गये युध्द की वजह से युक्रेन में हालात बिगड गये है. ऐसे में वहां से निकलकर अमरावती जिले की छात्रा स्नेहा लांडगे कल सकुशल व सुरक्षित तरीके से नागपुर विमानतल पर पहुंची. जहां उसे देखते ही उसके माता-पिता की आंखों से आंसूओं की धारा बह निकली. पश्चात वे अपनी बेटी को लेकर वरूड स्थित अपने घर पहुंचे.
बता दें कि, वरूड निवासी पूर्व सैनिक भीमराव लांडगे की बेटी स्नेहा लांडगे (20) युक्रेन के खारकीव शहर में मेडिकल पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष की पढाई कर रही है. युक्रेन में युध्द के हालात शुरू होते ही उसे कॉलेज के होस्टेल से बंकर में रवाना कर दिया गया. पश्चात कुछ भारतीय विद्यार्थियों के साथ मिलकर व रेलवे के जरिये जैसे-तैसे पोलैंड की सीमा पर पहुंची और फिर भारत सरकार द्वारा भेजे गये विमान के जरिये उसे दिल्ली लाया गया. जहां से गत रोज वह घरेलू उडान के जरिये नागपुर विमानतल पहुंची और इसके साथ ही उसके माता-पिता से उसकी भेंट हुई.

सीमा पर मिली दूतावास की सहायता

स्नेहा लांडगे ने बताया कि, अचानक ही युध्द छिड जाने की वजह से उसने रेलवे के जरिये सैंकडों किमी की यात्रा करते हुए युक्रेन छोडा और पोलैंड पहुंची. युक्रेन से बाहर निकलने के बाद ही उसे दूतावास की मदद मिली. कुछ विद्यार्थियों के साथ पोलैंड की सीमा पर पहुंचने के बाद भारतीय अधिकारी उनकी सहायता करने हेतु आगे आये.

शिक्षा शुल्क घटाने से रूकेगा स्थलांतर

स्नेहा के मुताबिक भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए यदि मेधावी छात्र-छात्राओें को इच्छित पाठ्यक्रम में प्रवेश देने हेतु सरकार द्वारा प्रयास किये जाते है, तो अपने देश के विद्यार्थियों को विदेश जाने की जरूरत ही नहीं पडेगी. इसके साथ ही भारतीय महाविद्यालयों में पढाई-लिखाई पर काफी अधिक खर्च होता है. ऐसे में सरकार ने शिक्षा शुल्क को कम करने के संदर्भ में भी विचार करना चाहिए.

माता-पिता के साथ गांववासी भी पहुंचे

अपने सैनिक मित्र की बेटी का स्वागत करने हेतु जरूड गांव के सरपंच व पूर्व सैनिक सुधाकर मानकर व अरूण हरवे भी स्नेहा के माता-पिता के साथ नागपुर विमानतल पर पहुंचे और जैसे ही स्नेहा लांडगे विमानतल से बाहर आयी, सभी ने उसका पुष्पमाला व पुष्पगुच्छ से स्वागत किया. करीब एक सप्ताह की आपाधापी के बाद सुरक्षित अपनी मातृभुमि पर कदम रखनेवाली स्नेहा लांडगे भी खुद को अपनों के बीच पाकर बेहद खुश दिखाई दी.

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