* 23 बीमारों का स्कूल में उपचार जारी
* हुई थी 20 दिनों में 9 की मृत्यु
जामली/दि.13 – चिखलदरा तहसील के जामली आर ग्राम में स्वास्थ्य विभाग के दल ने लगातार दूसरी रात मरीजों का उपचार करते काटी. डॉ. चंदन पिंपलकर ने बताया कि, 150 से अधिक ग्रामीणों की विविध शिकायतों के बारे में स्वास्थ्य जांच की गई. लगभग दो दर्जन मरीज जिला परिषद शाला में बनाये गये अस्थायी अस्पताल में उपचार शुरु रहने की जानकारी भी प्रभारी तहसील मेडिकल अधिकारी ने दी. उल्लेखनीय है कि, ग्राम में गत 20 दिनों में 9 लोगों की मृत्यु हो जाने का भयंकर समाचार है. इसमें भी 3 लोगों की जान दूषित पानी की वजह से हैजा के कारण जाने का अंदेशा है. जबकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि, अभी वे रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.
* पानी के सैम्पल भेजे
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश आसोले ने कहा कि, रात भर स्वास्थ्य दल सदस्य जामली में ही रुका है. वहां डॉक्टर्स की टीम और भरपूर मात्रा में सभी प्रकार की दवाईयां उपलब्ध की गई है. बीमारों का समुचित उपचार किया जा रहा है. डॉ. आसोले ने दावा किया कि, सभी प्रकार की खबरदारी बरतने के साथ पानी के नमूने टेस्ट के लिए भेजे गये हैं.
* पहुंचे विधायक पटेल
अमरावती मंडल में जामली की मौतों का समाचार प्रकाशित होते ही खलबली मची है. विधायक राजकुमार पटेल ने गांव को भेंट दी है. उन्होंने डॉक्टर्स को निर्देश दिये कि, पूरी खबरदारी से उपचार किये जाये. विधायक पटेल ने जामली के आदिवासियों से भी संवाद किया. उनसे आदिवासी लोगों का झाडफूंक करने वाले भुमका से बचने समुपदेशन भी वे कर रहे हैं. वहीं जामली की सरपंच ने लोगों से अंधश्रद्धा न रखते हुए तत्काल डॉक्टर्स से उपचार करवाने कहा है. साथ ही सरपंच ने स्वास्थ्य उपकेंद्र में स्वास्थ्य सेविका और दवाईयों का स्टॉक करने की मांग प्रशासन से की है.
* इनकी हुई मृत्यु, 3 को हैजा?
नीलेश परते (29), संगीता भुसुम (30), दीपाली जांबू (25) की हैजे के कारण अचानक मृत्यु हो जाने से पूरा गांव सहम गया था. वैसे गांव में पखवाडे भर से एक के बाद एक 9 लोगों की जान चली गई. किंतु नीलेश, संगीता और दीपाली को उल्टी और दस्त हुए थे. जिसके बाद उनकी मृत्यु हुई, ऐसा दावा किया जा रहा है. स्वास्थ्य महकमा कह रहा है कि, दूषित पानी की रिपोर्ट का इंतजार है. उपरोक्त के अलावा बाबूलाल कास्देकर (75), सोनाय कास्देकर (90), मनाली कास्देकर (80), बाबनू दहीकर (90), रुचू जयराम काले (72) की हाल ही में मृत्यु हुई है. बुडी महादेव कास्देकर (95) की गुरुवार को मृत्यु हो जाने की जानकारी स्वास्थ्य टीम ने दी. टीम का दावा है कि, प्रत्येक की मृत्यु का अलग-अलग कारण है. वहीं कुछ मृत्यु वृद्धावस्था के कारण हुई है.
* बाहर से लाना पड रहा दवाएं
टेम्भ्रुसोंडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाएं खत्म हो गई है. जिससे मरीजों को बाहर से दवाईयां लानी पड रही है. इस स्वास्थ्य केंद्रांतर्गत 40 देहांत का समावेश है. 30 से 32 हजार आदिवासी लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा इस एकमात्र केंद्र पर होने से रोज ओपीडी 250 तक मरीज रहते हैं. दवाईयों की डिमांड अधिक रहने पर भी स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आपूर्ति कम किये जाने की शिकायत लोगों ने की है. उनका दावा है कि, गत कुछ दिनों से जामली ग्राम में सर्दी, बुखार और अन्य के मरीज बढ गये. 9 मरीजों ने गत पखवाडेभर में दम तोड दिया. जबकि ग्राम की आबादी केवल 2200 है.
* प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राम भरोसे
2200 की आबादी वाले ग्राम में एकमात्र स्वास्थ्य उपकेंद्र है. वहां भी स्थायी स्वास्थ्य सेविका नहीं है. प्रभारी के भरोसे कामकाज शुरु है. बिजली आपूर्ति नहीं होने से रात को आये मरीजों को उलटे पांव लौटना पडता है. अथवा टेंभ्रूसोंडा की दौड लगानी पडती है. ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के पास बारबार शिकायत की है. उधर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश आसोले ने दावा किया कि, दवाईयों की कोई कमी नहीं है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अधिक आपूर्ति करने पर वे लोग दवाई नाहक बर्बाद करते हैं.
* टैंकर से जलापूर्ति
गांव में स्थित कुएं की मोटर बंद पडी है. क्योंकि उसकी बिजली सप्लाई रोकी गई है. पाइप-लाइन लीकेज होने के कारण दूषित पानी की सप्लाई का संशय व्यक्त किया गया. प्रशासन ने एक के बाद एक 9 मौतों के बाद टैंकर से जलापूर्ति शुरु की है.