* ग्राहक दक्षता कल्याण फाउंडेशन
* घरेलू सिलेंडर के व्यवसायिक और वाहनों में उपयोग का विरोध
अमरावती/ दि. 17 – ग्राहक दक्षता कल्याण फाउंडेशन जीडीकेएफ के अध्यक्ष नितिन सोलंके ने दावा किया कि अमरावती में घरेलू गैस सिलेंडर का व्यावसायिक और वाहनों, होटलों में हो रहा उपयोग कडाई से प्रतिबंधित कर दिया जाए तो व्यावसायिक सिलेंडर की विक्री बढेगी. जिससे तेल कंपनियों को घरेलू सिलेंडर के रेट कम करने की सुविधा मिलेगी. अमरावती के लोगों को 300 रूपए में भी गैस सिलेेंडर उपलब्ध हो सकता है. जरूरत है प्रशासन के अधिकारियों को नियमों का कडाई से पालन करवाने की. यहां एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए सोलंके ने यह भी बताया कि राजस्थान में 500 रूपए में गैस सिलेंडर वहां की सरकार ने ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने के बाद उपलब्ध करवाया है. सोलंके के साथ पत्रकार परिषद में पीआरओ प्रशांत जामगडे, एड प्राजक्ता मेश्राम, राशि मेश्राम, किरण आठवले भी उपस्थित थे.
* क्यूआर कोड की मांग
सोलंके ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली का उदाहरण देते हुए घरेलू गैस सिलेंडर के बार कोडिंग, क्यूआर कोड की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि क्यू आर कोड के कारण सिलेंडर ट्रेकिंग संभव होगा. इससे पूरे देश में एलपीजी सिलेंडर की अवैध विक्री कम होगी. घरेलू दुर्घटनाओं का प्रमाण भी कम होगा. देश के राजस्व में बढोत्तरी होगी.
* कंपनी अधिकारियों की सांठगांठ
सोलंके ने दावा किया कि उनका संगठन एलपीजी के उचित उपयोग के लिए प्रयास कर रहा हैं. देश में 75 प्रतिशत लोग आज एलपीडी सिलेंडर पर खाना बना रहे है. अब मात्र 20 प्रतिशत लोग ही चूल्हे पर भोजन पका रहे हैं. उन्होंने एलपीजी सिलेंडर के दुरूपयोग का मुद्दा उपस्थित कर आरोप लगाया कि आपूर्ति विभाग सोया हुआ है. कार्रवाई नहीं करता. इस बारे में वे अमरावती के कलेक्टर से मिल चुके हैं. कलेक्टर ने डीएसओ की तरफ जिम्मेदारी दी. डीएसओ पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप सोलंके ने किया. उन्होंने तेल कंपनियों के अधिकारियों पर भी एलपीजी के दुरूपयोग में सांठगांठ आरोप लगाकर कुछ कंपनियों का बाकायदा नाम ही लिया.
* 400 स्वयंसेवक लगाए काम पर
सोलंके ने बताया कि घरेलू गैस हंडे का दुरूपयोग रोकने उनका संगठन काम कर रहा है. जनजागृति कर रहा है. नुक्कड नाटक भी यह संगठन करता है. संगठन में 400 स्वयंसेवक है जो एलपीजी सिलेंडर के दुरूपयोग की निगरानी कर रहा है. उन्हें एप बनाकर दिया गया है. जिस पर शिकायत की जा सकती है. नितिन सोलंके ने बताया कि शिकायत के आधार पर दुरूपयोग करनेवालों की सूची उन्होंंने बनाई है. यह सूची आपूर्ति विभाग को दी गई. मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
* दिए आंकडे, बढे उपयोग
नितिन सोलंके ने देशभर में एलपीजी उपयोग के आंकडे देते हुए बताया कि सबसिडी पर वर्ष में 12 सिलेंडर दिए जाने पर भी हकीकत में 5-7 सिलेंडर ही उपयोग में लाए जा रहे हैं. सबसिडी के बचे सिलेंडर की तेल कंपनियां, एजेंसियां और सरकारी अधिकारी की मिली भगत से व्यावसायिक उपयोग करनेवालों को घरेलू सिलेंडर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उज्वला योजना अंतर्गत वितरीत कनेक्शन की हर तीन माह में कलेक्टर के माध्यम से समीक्षा होनी चाहिए. हकीकत यह है कि उज्वला योजना में वितरीत सिलेंडरे का यूज नहीं हो रहा है. जबकि प्रति कनेक्शन सरकार ने कंपनियों को 3980 रूपए चुकाए हैं.