अमरावती

ताकि युवाओं में भारतीय संस्कृती की हो पहचान

पद्मश्री डॉ.किरण शेठ ने दी जानकारी

अमरावती/ दि.05 अगस्त संपुर्ण भारत में अपनी सायकल यात्रा के व्दारा भारतीय संस्कृती समृध्दी का परिचय आज के युवाओं को बताने के उद्देश्य से पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. किरण शेठ नें जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक सायकल यात्रा करते हुए अमरावती में पधार कर यहां के युवाओं को मार्गदर्शन दे रहे है. सायकल चलाने से किस तरह फिटनेस कैसे मेंटनेंस होता है. यह जानकारी पत्रपरिषद व्दारा युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास उन्होनें किया.
शनिवार को सिपना अभियांत्रिकी व तंत्रज्ञान महाविद्यालय की ओर से ली गई एक पत्रपरिषद व्दारा पद्मश्री डॉ.किरण शेठ ने कहा कि युवाओं को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना आज की जरुरत है. हम जम्मू से कन्याकुमारी तक सायकल चला कर आज के युवाओं को खासतौर पर यहीं संदेश देना चाह रहे है कि अपनी सेहत का ध्यान रख कर ज्यादा से ज्यादा सायकिल चलाए. इसी तरह अपने देश की संस्कृती का भी सम्मान करें. पत्र परिषद में आगे बताया गया कि इस सायकल यात्रा के माध्यम से युवाओं को बता रहे है कि सायकल चला कर फिटनेस कैसे मेंटेन होता है.74 वर्षीय डॉ.किरण शेठ ने 1977 में सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्युजिक एंड कल्चर अमंगस्ट युथ एक आंतराष्ट्रीय संस्था की स्थापना की थी. युवओं में भारतीय संगीत व संस्कृती की पहचान पैदा हो यह संस्था का मुख्य उद्देश्य था. अमरावती के सिपना अभियांत्रिकी व तकनीकी महाविद्यालय में 2008 में स्पिक मैक चैप्टर की शुरूआत की गयी तथा आज तक विविध आंतराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त कलाकारों का कार्यक्रम यहां संपन्न हुआ. 2011 में स्वयं डॉ.किरण शेठ ने स्पीक मैक कन्व्हेन्शन कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय को भेट दी थी. संस्कृती, शिक्षण, सामाजिक समस्या, स्वास्थ, पर्यावरण आदि विषयों पर सतत जनजागृती करने वाले डॉ. किरण शेठ करे कार्य मौलिक है. ऐसा पत्रपरिषद में बताया गया. पत्रकार परिषद में आर्किटेक्ट रमेशपंत सावरकर, प्रा. डॉ. अतुल जोशी, डॉ. राजेश बुरंगे, प्राध्यापिका गौरी देशपांडे उपस्थित थे.

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