अमरावतीमहाराष्ट्र

तो वे 5 लाख वोट किसके?

इस्तीफें के बाद विधायक पोटे ने व्यक्त किया संताप

* काम करने के बावजूद व्यर्थ आलोचना को लेकर जताया रोष
अमरावती/दि.7– लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा की जीत के लिए भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं ने दिन-रात मेहनत की. इसकी वजह से नवनीत राणा को 5 लाख से अधिक वोट हासिल हुए. यह 5 लाख वोट कही आसमान से नहीं टपके थे. बल्कि भाजपा समर्थक मतदाताओं ने नवनीत राणा के पक्ष में डाले थे. लेकिन इन सभी बातों का विचार किये बिना यदि हार के बाद कोई हमारी बिना वजह आलोचना करता है, या हमें हार के लिए जिम्मेदार बताता है, तो हम इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस आशय की सीधी चेतावनी भाजपा विधायक व भाजपा शहराध्यक्ष प्रवीण पोटे पाटिल द्वारा दी गई.

बता दें कि, महायुति प्रत्याशी नवनीत राणा के पराजीत हो जाने के चलते भाजपाई खेमें में अच्छी खासी निराशा है. इसी बीच बुधवार को विधायक प्रवीण पोटे पाटिल ने शहराध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और अपना त्यागपत्र पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को भेज दिया. जिसके बाद विधायक पोटे के कार्यालय में भाजपा पदाधिकारियों ने सभी सदस्यों व कार्यकर्ताओं की आपात बैठक बुलाई. जिसमें सभी ने विधायक प्रवीण पोटे पाटिल के समक्ष अपना इस्तीफा वापिस लेने का आग्रह किया. इस समय विधायक प्रवीण पोटे पाटिल ने कहा कि, उन्होंने काफी सोच-विचार करने के बाद ही अपने पद से इस्तीफा दिया है. वे पार्टी के सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते है. क्योंकि सभी ने भाजपा प्रत्याशी की जीत के लिए अपनी जिम्मेदारी को पूरा किया है. ऐसे में राणा को मिले 5 लाख से अधिक वोट पूरी तरह से भाजपा के ही है, किसी और के नहीं, लेकिन राणा की हार के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं से सवाल-जवाब किये जा रहे है. साथ ही भाजपा नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को अपमानित करने का प्रयास भी किया जा रहा है. अप्रत्यक्ष तौर पर आलोचना करते हुए पार्टी के निष्ठावाणों को संदेह की दृष्टि से देखना बिल्कुल भी योग्य नहीं है. इस बात को वे कदापि सहन नहीं कर सकते. साथ ही विधायक प्रवीण पोटे ने यह भी कहा कि, वे अपना इस्तीफा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को सौंप चुके है. अत: अब वे अपना इस्तीफा वापिस नहीं ले सकते, ऐसे में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष का निर्णय ही सबसे उपर रहेगा.

इस बैठक में विधायक प्रवीण पोटे ने यह भी कहा कि, भाजपा द्वारा किये गये विकास कामों को हम लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं तक पहुंचाने में काफी हद तक असफल रहे. हमने केवल उद्धव ठाकरे व शरद पवार की आलोचना की. इसकी बजाय यदि हमने पार्टी द्वारा किये गये विकास कामों पर जोर दिया होता, तो शायद जनता ने हमारे पक्ष में और अधिक मतदान किया होता. विधायक पोटे के मुताबिक केवल अमरावती ही नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र में भाजपा को अपेक्षित व आशातित सफलता नहीं मिल पायी है. ऐसे में कार्यकर्ताओं ने निराश होने की बजाय दोबारा नये जोश के साथ काम पर लगना चाहिए, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव के समय हम अपनी पार्टी को अधिक से अधिक सीटों पर जीत दिला सके. इस बैठक में पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रा. दिनेश सूर्यवंशी, किरण पातुरकर, डॉ. नितिन धांडे, जयंत डेहनकर, किरण महल्ले, एड. प्रशांत देशपांडे, सिद्धार्थ वानखडे, प्रशांत शेगोकार, सुनील काले, लता देशमुख व गंगा खारकर सहित सभी पूर्व पार्षद व शहर पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे.

 

 

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