अमरावती

सामाजिक उदासिनता महिलाओं की उच्च शिक्षा में बनी बाधा

मीनाक्षी खरटमोल का प्रतिपादन

* पी.आर. पाटिल अपंग एकात्मिक विकास शैक्षणिक व बहु. संस्था का राज्यस्तरीय दिव्यांग महिला कार्यक्रम
अमरावती/ दि.9 – समाज में आज भी महिलाओं को दुय्यम स्थान दिया जाता है. विशेषकर शिक्षा के प्रति समाज आज भी उदासीन है. युवती और महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने में सामाजिक विचारधारा बाधा बन रही है. यही कारण है कि महिलाएं पूर्ण रुप से साक्षर नहीं हो पा रही है, ऐसा प्रतिपादन मीनाक्षी खरटमोल ने किया. स्थानीय अंबापेठ स्थित उजंबावाडी में पी.आर. पाटिल अपंग एकात्मिक विकास शैक्षणिक व बहु. संस्था व्दारा दो दिवसीय राज्यस्तरीय दिव्यांग महिलाओं के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर शैक्षणिक समस्या विषय पर मार्गदर्शन करते हुए वे बोल रही थी.
कार्यक्रम में संस्था की पदाधिकारी माधुरी जोशी, मंदा पाटिल, कालिंदा मुन, दीक्षा जोगेकर, मुकेश जोगेकर आदि प्रमुखता से उपस्थित थे. मीनाक्षी खरटमोल ने कहा कि महिलाओं को शिक्षित होना जरुरी है. विशेषकर आज के दौर में उच्च शिक्षा समय की मांग है. ऐसे में समाज को अपना विचार बदलना होगा. बेटियों के साथ बहुओं को भी उच्च शिक्षित बनाना होगा तभी समाज का सर्वांगीण विकास हो सकता है. इससे पूर्व डॉ. अलका कुथे ने बाल संगोपान और स्वास्थ्य तथा एड. उर्वी केचे ने कानूनी मार्गदर्शन किया. महिलाओं के लिये तैयार किये गए कानूनों की जानकारी उन्होंने दी. दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार को हुआ.
इस समय सर्वज्ञ फाउंडेशन रोटी बैंक की वैशाली पावडे की अध्यक्षता में डॉ. रामगोपाल तापडिया के हाथों कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. दो दिवसीय कार्यक्रम में निर्मला विश्वकर्मा, वंदना ठाकरे, उषा ठुसे, कविता राठी, धीरुभाई सांगाणी, काकी मां दरबार सेवाधारी रामबाबा मेठानी, मनीष पावडे आदि ने सदिच्छा भेंट दी. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में महराष्ट्र के अलावा जोधपुर, जयपुर, लखनऊ से करीब 200 नेत्रहीन महिलाओं ने सहभाग लिया था. इन महिलाओं के लिये विविध स्पर्धाएं आयोजित की गयी थी. कार्यक्रम का समापन अलका तालनकर के काव्य वाचन से हुआ. कार्यक्रम का संचालन माधुरी जोशी व आभार मंदा पाटिल ने माना. इस कार्यक्रम में सहभागी सभी नेत्रहीन महिलाओं को भेंटवस्तु देकर उनका आभार व्यक्त किया गया.

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