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सोशल मीडिया भी अभिव्यक्ति का व्यासपीठ

हाईकोर्ट का कहना

* रवि राणा के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट
नागपुर/ दि.23 – हमारा प्रजातंत्र अब विकसित हो गया है. इसलिए आलोचना और व्यंग्य प्रजातंत्र के हॉलमार्क बन गए है. ऐसे में सोशल मीडिया भी अभिव्यक्ति का सशक्त व्यासपीठ है. यह प्रतिपादन बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने किया. बडनेरा के विधायक रवि राणा के फेसबुक पेज पर अपमानास्पद और आपत्तिजनक पोस्ट करने के कारण एक युवक के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था. उस युवक ने यह अपराध रद्द करने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई. उस याचिका की सुनवाई दौरान न्या. सुनील शुक्रे और न्या. महेंद्र चांदवानी की खंडपीठ ने उपरोक्त आशय का प्रतिपादन किया.
राजूरा थाने में सूरज अरविंद ठाकरे (39, राजूरा, जिला चंद्रपुर) के विरुध्द भादंवि 153 अ के तहत अपराध दर्ज किया गया था. जिसे रद्द करने की विनंती सूरज ठाकरे ने अपने वकील एड. तेजस देशपांडे के माध्यम से उच्च न्यायालय से की. सुनवाई दौरान न्यायालय ने कहा कि, समाज माध्यम पर लोग अपने मत, सहमति, असहमति, आलोचना अथवा व्यंग्य के माध्यम से पोस्ट कर सकते है. वह हमारी लोकशाही के स्तंभ का एक हिस्सा बन गया है. इसका अर्थ समाज माध्यम का दुरुपयोग नहीं है. सोशल मीडिया पर पोस्ट करते अथवा कमेंट करते समय सावधानी बरतने की सलाह देते हुए खंडपीठ ने आरोपी पर दर्ज अपराध रद्द करने का हुक्म पुलिस को दिया.

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