सामाजिक व आर्थिक रुप से पिछडे किन्नर समाज को मिले न्याय
लष्कर कृषक संघ ने पत्रवार्ता मेें उठाई मांग
अमरावती/दि.29 – वैश्विक स्तर पर किन्नर समाज से जुडे मुद्दों को लेकर विविध उपक्रम होते दिखाई देते है. परंतु देश और राज्य में किन्नर समाज की स्थिति बेहद भीषण व दुर्लक्षित है तथा किन्नर समाज विकास की मुख्यधारा से दूर आर्थिक व सामाजिक रुप से पिछडा हुआ है. अत: सरकार एवं प्रशासन के स्तर पर किन्नर समाज को योग्य न्याय व समान अवसर दिये जाने का प्रबंध होना चाहिए. इस आशय की मांग लष्कर कृषक संघ के अध्यक्ष मोहन पुंड पाटिल द्वारा आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में उठाई गई. साथ ही किन्नर समाज को न्याय दिलाने हेतु लष्कर कृषक संघ की ओर से जरुरत पडने पर आंदोलन करने की बात भी कही गई.
इस पत्रवार्ता में बताया गया कि, विगत कुछ समय से राज्य के अलग-अलग स्थानों से वास्ता रखने वाले किन्नर समाज के लोगों ने लष्कर कृषक संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात करते हुए अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की और बताया कि, किन्नरों को कोई सरकारी सेवा अनुदान अथवा आरक्षण का लाभ नहीं मिलता. ऐसे किन्नरों के लिए सरकार ने विशेष योजना चलाते हुए उनकी शिक्षा व चिकित्सा हेतु बेहतर प्रबंध करने चाहिए. साथ ही उन्हें सरकारी सेवा में आरक्षण देते हुए नि:शुल्क घरकुल योजना का लाभ भी देना चाहिए.
इस पत्रवार्ता में लष्कर कृषक संघ के अध्यक्ष मोहन पुंड व शहराध्यक्ष सतेंद्रसिंह लोटे के साथ ही किन्नर समाज की ओर से आम्रपाली चौधरी, मंगला ठाकुर, तनु भोसले, आनंदी केलतकर, खुशबू बारस्कर, बबली चौधरी, रोहित कांबले, डिंपल धपकस, संमिका विश्वकर्मा, विशाखा पाटिल, पुनम पंडित, राजकुमारी नावानी, ममताबाई, हनी खान, रितू सरकटे, पूजा कांबले, राशि खान, शिवाणी बाई, प्रिया श्रीवास, डॉली पाटिल, शगुफ्ता बाई, धनश्री गडलिंग, सोनाबाई, परवीनबाई, मारीयाबाई, काजल बाई, गुड्डीबाई, खुशीबाई, गौरीबाई, मोगलीबाई, किंजल पाटिल, आंचल राजपूत, मधुबाई व निकूबाई आदि उपस्थित थे.