अमरावती

समाज वरिष्ठ नागरिकों की सुप्त शक्ति से ज्ञान की विरासत का जतन करें

विधायक खोडके ने बुजुर्गों के प्रति व्यक्त की कृतज्ञता

अभूतपूर्व रहा वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह
अमरावती/दि.22- दुनिया और देश में वरिष्ठ नागरिक आंदोलन का एक लंबा इतिहास रहा है. महाराष्ट्र ने भी वरिष्ठ नागरिकों के लाभ और कल्याण के लिए एक व्यापक वरिष्ठ नागरिक नीति अपनाई है. चूंकि ये नीतियां वरिष्ठ नागरिकों की कई क्षमताओं को पुनर्जीवित करती हैं, वरिष्ठ नागरिक आज समाज में एक बड़ी ताकत के रूप में उभरे हैं. बुजुर्ग नागरिक एक शिक्षित, संतुलित समाज की सकारात्मक ऊर्जा होते हैं. और आज आवश्यकता है कि नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल के रूप में अनुभवी ज्ञानी व्यक्तियों की. वरिष्ठ नागरिक एक विशाल सुप्त शक्ति हैं. इस शक्ति का उपयोग समाज को हो इसके लिए उन्हें सुविधा उपलब्ध कर उनके ज्ञान की विरासत का समाज ने जतन करने की जरूरत है, इस आशय का कृतज्ञतापूर्वक कथन विधायक सुलभा खोडके ने किया.
इस भव्य दिव्य समारोह के साक्षी बने मातृ-पितृतुल्य वरिष्ठ नागरिकों का विधायक खोडके ने कृतज्ञतापूर्वक स्वागत करते हुए सम्मानचिह्न बहाल कर सत्कार किया. इस अवसर पर उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के आंदोलन और वैश्विक स्तर पर देश और महाराष्ट्र द्वारा अपनाई गई वरिष्ठ नागरिकों की व्यापक नीति पर प्रकाश डाला.
ंंंंंइससे पूर्व अपने परिचय में संत गाडगे बाबा जेष्ठ नागरिक संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. सतीश तराल ने कहा कि समाज में वरिष्ठ नागरिकों का स्थान महान है और वरिष्ठ नागरिक होने का सौभाग्य किसी को नहीं है. वर्ष 2009 में इसी मैदान में आयोजित अविस्मरणीय वरिष्ठ नागरिक सम्मान समारोह के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री एवं दिवंगत नेता ए.आर. पाटिल ने विधायक सुलभा खोडके एवं राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके की प्रशंसा करते हुए कहा था कि, खोडके दंपत्ति का कार्य श्रावणबाल के कर्तव्य जैसा है. कार्यक्रम दौरान अमरावती जिला वरिष्ठ नागरिक संघ समन्वय समिति के अध्यक्ष पी.टी.गावंडे ने अपने विचार रखे. इस अवसर अवसर पर इस अवसर पर प्रकाशराव पिंपरकर, दामोदर पवार, रामेशराव राउत, जुगलकिशोर गट्टानी, पूर्व कुलगुरु डॉ. गणेश पाटिल, डॉ. जयकिरण तिड़के, पूर्व प्राचार्य-दिलीपसिंह खांबरे, ओमप्रकाश परतानी, पूर्व शिक्षा सहसंचालक प्रा.डॉ. भोजराज चौधरी, डॉ.आय.टी.गेमनानी, रामचंद्र थावरानी, वासुदेवराव उमाले, पंडितराव पंडागले, आशा दरने, छबुताई मातकर, डॉ. सुधाकरराव कालमेघ, हनुमान प्रसाद मानका, वासुदेवराव वानखेड़े, प्रा. दादाराव दाभाड़े, हेमराज राउत, डॉ. बी.आर.देशमुख, रामेश्वर अभ्यंकर, प्रतापराव शिवनेकर, नारायणदास गोधवानी आदि मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन डॉ.संदीप जुनघरे ने किया.

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