अमरावतीमहाराष्ट्र

तीन वर्ष में एक बार मृदा जांच आवश्यक

होगी आय में वृध्दि

* रसायनिक खाद का अतिरिक्त उपयोग होने से जमीन की उपजाउ खराब होती है
अमरावती/दि.13– रासायनिक खाद का अतिरिक्त उपयोग के कारण जमीन की उपजाउ खराब होती है. इसके अलावा अन्य कारण से भी जमीन का पोषक तत्व कम होता है. जिसके कारण लगभग 3 वर्ष में एक बार स्वास्थ्य जांच आवश्यक है. इसके द्बारा जमीन की आवश्यक पोषकतत्व की जानकारी होती है व इसके द्बारा किसानों की आय में वृध्दि होने का कृषि विभाग ने बताया.

नमूना जांच के लिए भेजते समय किसान का नाम, गट क्रमांक, इससे पूर्व ली गई फसल के नमूने लेने का दिनांक आदि उस पैकेट में दर्ज करना आवश्यक होने की जानकारी कृषि विभाग ने दी. मिट्टी का नमूना खेत की मेड के पास न ले. साधारण रूप से एक से डेढ मीटर अंतर रखकर नमूना ले.

किसी भी पेड के पास का नमूना न ले. इसके अलावा जिस क्षेत्र में मवेशी बांधे जाते है वहां की मिट्टी का नमूना न लेे. कुएं के पास की जगह , दलदल की जगह, कचरा डालने की जगह इन स्थानों से मिट्टी का नमूना न ले. इसके अलावा सेंद्रीय खाद डालने के बाद दो से ढाई माह तक वहां की मिट्टी का नमूना न ले, ऐसी सलाह कृषि विशेषज्ञ ने दी है.

* मिट्टी का जैविक स्वास्थ्य खतरे में
जमीन का भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणधर्म का विश्लेषण होने के लिए तीन वर्ष में कम से कम एक बार मिट्टी का परीक्षण करना आवश्यक है. खाद का अतिरिक्त उपयोग से जमीन में रासायन मिल जाती है. मिट्टी का जैविक स्वास्थ्य खतरे में होने से फसल को अन्नद्रव्य उपलब्ध करनेवाले घटक कम होते है. इसके अलावा अन्य कारण के कारण जमीन की स्वास्थ्य जांच करना आवश्यक है.

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