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अन्यथा 16 जून से कोविड-19 काम का करेंगे बहिष्कार
अमरावती/प्रतिनिधि दि.३ – आशा स्वयंसेविका व समूह प्रवर्तक की समस्याओं का निराकरण 14 जून तक नहीं करने पर 16 जून से कोविड कार्य का बहिष्कार करने के संदर्भ में आयटक संगठन की ओर से आज जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री सहित उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री को निवेदन भेजा गया.
निवेदन में बताया गया कि राज्य में कोविड के प्रकोप को नियंत्रण में लाने के लिए व मृत्यु का प्रमाण कम करने के लिए राज्य सरकार ने कड़ी पाबंदियां लागू करते हुए टीकाकरण अभियान शुरु किया है. इस टीकाकरण अभियान में आशा स्वयंसेविका व समूह प्रवर्तकों का समावेश किया गया है. आशा सेविकाएं घर-घर जाकर विविध प्रकार की जांच कर सर्वे कर रही है. सर्वे का रिकॉर्ड रखना, कोरोना टीकाकरण के समय कैम्प में मौजूद रहकर काम करना आदि जिम्मेदारियां आशा सेविकाओं को सौंपी गई है. आशा सेविकाओं को काफी काम करना पड़ रहा है. इस काम का बोझ आशा व समूह प्रवर्तकों पर डाल दिये जाने से उन पर शारीरिक व मानसिक तनाव बढ़ गया है. आशा स्वयंसेविका व समूह प्रवर्तकों की मांग है कि उन्हें 3 हजार रुपए वृध्दिगत मानधन दिया जाये, 50 लाख रुपए का बीमा कवच घोषित किया जाये, आशा सेविकाओं को पोलियो, मलेरिया, कुष्ठरोग जैसी संक्रामक बीमारियों के सर्वेक्षण का बकाया दिया जाये, स्वास्थ्यवर्धिनी अंतर्गत उनका समावेश किया जाये, स्वास्थ्यवर्धिनी पदभर्ती में आशा स्वयंसेविकाओं व समूह प्रवर्तकों को 50 फीसदी आरक्षण किया जाये, आशा स्वयंसेविकाओं को मास्क, हॅन्ड ग्लब्ज, सेनिटाइजर नियमित रुप से उपलब्ध कराये जाये, तहसील समूह संगठक को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा देकर उन्हें 30 हजार रुपए वेतन दिया जाये आदि सहित अन्य मांगें की गई. यह मांगें 14 जून तक पूरी नहीं किये जाने पर आशा स्वयंसेविका व समूह प्रवर्तकों ने 15 जून को संपूर्ण राज्य में एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल करने और 16 जून से कोविड काम का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है.
निवेदन देने वालों में साधना तायडे, सुषमा रहागडाले, निर्मला वरघट, वंदना वाघमारे, विजया कुसाम, संगीता बनसोड, वर्षा हिंगि रे, लता तालन, सुनीता उटाले, ज्योत्सना सुने, शीला गुल्हाने, सविता भगत, विद्या रामटेके, ललिता ठाकरे, माधुरी आवनकर, सुनीता भेंडारकर, नंदा काकडे, संध्या सुले, सुषमा लोहकरे, सुवर्णा दाभेकर, सुवर्णा मेश्राम आदि का समावेश रहा.