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अपने गलत कामों का कच्चा-चिठ्ठा खुलने के डर से कुछ लोग गये भाजपा में

विधायक खोडके से हमारी कोई नाराजगी नहीं

* पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर की दो टूक राय
* संपादक अनिल अग्रवाल के साथ की विशेष बातचीत
* धंधे के लिए धर्म का सहारा लेते है लोग
* सांप खाने वाले मोर की तरह हैं नेता
अमरावती/दि.28– 20 बरस पहले की राजनीति और आज की राजनीति में जमीन आसमान का फर्क हुआ करता था. तब सत्तापक्षा और विपक्ष के बीच एकतरह की नैतिकतापूर्ण मैर्यादा हुआ करती थी. लेकिन आज के मौजूदा सत्तापक्ष का नैतिकता और मर्यादा से कोई लेना-देना नहीं है तथा सत्तापक्ष द्वारा दबाव एवं दमन की नीतियों का प्रयोग करते हुए विपक्ष सहित देश की जनता व मीडिया को अपने सामने दबाने व झुकाने का काम किया जा रहा है. ऐसे में जिन लोगों ने कभी कोई काले कारनामे किये होंगे. वे अपने खिलाफ होने वाली संभावित कार्रवाई के डर की वजह से अपनी पार्टी छोडकर भाजपा में शामिल हो रहे है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, जो राजनीति में डर गया, वह भाजपा की तरफ गया. कुल मिलाकर इसी तरह के हालात फिलहाल दिखाई दे रहे है. इस आशय की दो टूक राय कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री तथा पूर्व मंत्री व तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक यशोमति ठाकुर द्वारा व्यक्त की गई.

गत रोज गणेडीवाल लेआउट परिसर स्थित अपने आवास पर दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल के साथ मौजूदा राजनीतिक हालात पर विशेष रुप से बातचीत करते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, 10 वर्ष पहले तक देश में लोगों के बीच कभी भी आपसी भेदभाव वाला कोई माहौल नहीं था. लेकिन आज समाज के अलग-अलग तबको में एक-दूसरे के प्रति अजिब तरह का जहर घोल दिया गया है. जिससे लोगों का व्यवहार काफी हद तक एक दूसरे के प्रति भेदभाव वाला हो गया है. जिसके चलते देश में हर ओर अविश्वास व डर का माहौल है. यदि ऐसा ही चलता रहा, तो यह आने वाले समय में नई पीढी के लिए बेहद खतरनाक स्थिति रहेगी.

* लोकतांत्रिक व संवैधानिक ढांचा खतरे में
इस बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, हमारे देश में लोकतंत्र तभी तक सुरक्षित है, जब तक वह संविधान के अनुरुप चल रहा हो, लेकिन इन दिनों मौजूदा सत्ता पक्ष द्वारा जिस तरह से काम किया जा रहा है, उससे संविधान एवं संवैधानिक प्रावधानों व लोगों के संवेधानिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. जिसकी वजह से संविधान के साथ-साथ हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था भी खतरे में कही जा सकती है. साथ ही इस समय हम सभी पर एक तरह से तानाशाही का खतरा मंडरा रहा है. उपरोक्त कथन को अपने अनुभव के आधार पर कहने की बात कहते हुए पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, चूंकि उन्हें किसी का कोई डर नहीं है. यहीं वजह है कि, वे मुखर होकर अपनी बात स्पष्ट रुप से कहती है.

* जो डर गया, वह भाजपा के घर गया
विगत दिनों पूर्व सीएम अशोक चव्हाण सहित मिलिंद देवडा व बाबा सिद्धिकी जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं द्वारा दल-बदल कर लिये जाने और अशोक चव्हाण के भाजपा में चले जाने को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए यशोमति ठाकुर ने कहा कि, इन तीनों नेताओं को कांग्रेस पार्टी ने जमीन से उठाकर आसमान पर बिठाया और अशोक चव्हाण के तो पिता भी कांग्रेस में रहने के साथ राज्य के मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री भी रहे. लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने इस तरह का कदम उठाया. जिसका सीधा मतलब है कि, या तो उन्हें सत्ता की लालसा रही होगी, या फिर अपने खिलाफ होने वाली किसी कार्रवाई का डर रहा होगा. पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर के मुताबिक भाजपा द्वारा विपक्षी दलों के बडे नेताओं को तोडकर उन्हें अपनी ओर मिलाने हेतु तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे है. यहीं वजह है कि, जैसे आदर्श घोटाले को लेकर श्वेत पत्र में अशोक चव्हाण का नाम आया. वैसे ही अशोक चव्हाण पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गया. वहीं कमाल की बात यह भी रही कि, कल तक भष्ट्राचार के मुद्दे पर अशोक चव्हाण को जी भरकर कोसनेवाली भाजपा के लिए आज अशोक चव्हाण पूरी तरह से बेदाग हो गये है. यहीं वजह है कि, भाजपा को वॉशिंग मशीन कहा जाता है, जिसमें जाते ही हर तरह के दाग धुल जाते है.

* दल बदलू लोग हमें एकनिष्ठता न सिखाएं
इस समय जब पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर का ध्यान इस ओर दिलाया गया कि, कुछ समय पहले उन्हें लेकर भी यह खबर सुनने में आयी थी कि, शायद वे भी पाला बदल सकती है, तो बडी जोर से हंसते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, सबसे अव्वल बात तो यह है कि, खुद उनकी कोई बहुत बडी राजनीतिक आशाएं और अपेक्षाएं नहीं है. साथ ही उन्होंने आज तक कोई ऐसा काम नहीं किया है. जिसके लिए उन्हें किसी तरह का कोई डर हो, इसके अलावा उनका परिवार पीढी-दर पीढी कांग्रेसी विचारधारा के प्रति समर्पित रहा है और वे स्वयं कांग्रेसी नेता रहने वाले अपने दिवंगत पिता भैय्यासाहब ठाकुर की विरासत को लेकर आगे बढ रही है. ऐसे में दल-बदल करने का कोई सवाल ही नहीं उठता. जहां तक इस बारे में कुछ लोगों द्वारा खबर फैलाये जाने का मामला है, तो दल-बदल करने मेें माहीर ऐसे लोग कभी भी किसी को भी लेकर अंटशंट बयान देते रहते है. ऐसे लोग कभी यशोमति ठाकुर तो कभी बच्चू कडू और कभी बलवंत वानखडे सहित राजकुमार पटेल व केवलराम काले जैसे नेताओं को लेकर कुछ भी कहते घुमते रहते है और खुद को दूध का धुला बताने का प्रयास करते है. अपने इस कथन के साथ ही विधायक यशोमति ठाकुर ने अप्रत्यक्ष रुप से बिना नाम लिये सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा पर निशाना साधने का प्रयास किया.

* धंधे के लिए धर्म का सहारा लेने वाले लोग भी है
जिले की सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा का जिक्र छेडने के बाद हुई चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस के दम पर चुनाव लडते हुए जीत हासिल करने वाले दोनों लोगों ने चुनाव जीतने के बाद 15 दिन के भीतर ही पल्टी मार दी और भाजपा का दामन थाम लिया. ऐसे लोगों की बातों को कतई गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. लेकिन उन्हें अनदेखा भी नहीं करना चाहिए. यही वजह है कि, जब उन्हें लेकर व्यक्तिगत टिपणी हुई थी, तब उन्होंने उसका जवाब दिया था. साथ ही विधायक यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, हम लोगों के लिए राजनीति यह समाजसेवा और समाज के विकास का जरिया है. लेकिन कुछ लोग अपना धंधा चलाने व चमकाने के लिए राजनीति में आये है. जिन्होंने धर्म का भी अपने धंधे के फायदे हेतु इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है. यहीं वजह है कि, जिस स्थान पर शिवमहापुराण कथा का आयोजन हुआ था, अब वहां पर लेआउट डालकर प्लॉटींग किये जाने की खबरे सामने आ रहे है. ऐसे लोग अपने फायदे के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते है.

 * लोग अब अच्छे नहीं, पुराने दिन चाहते है
राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर हुई बातचीत में विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, इस समय राज्य में भाजपा के खिलाफ जबर्दस्त असंतोष का माहौल है. वहीं महाविकास आघाडी की स्थिति काफी हद तक मजबूत है. सर्वे में यह बात सामने आते ही भाजपा द्वारा राज्य में राजनीतिक हालात को अलग रंग देने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन महाराष्ट्र की जनता बेहद समझदार है. साथ ही भाजपा के अच्छे दिन वाले वादे की असलियत लोगों के सामने खुल गई है और लोग समझ गये है कि, पुराने वाले दिन ही काफी अच्छे थे. ऐसे में अब लोगबाग भाजपा के अच्छे दिन को छोडकर कांग्रेस के पुराने दिन वापिस लाना चाहते है.

* इवीएम में धांधली कर भाजपा जीतती है चुनाव
इस समय जब पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर से यह जानने का प्रयास किया गया कि, जब लोगों में भाजपा के खिलाफ इतना अधिक असंतोष है, जो कई बार सोशल मीडिया पर भी दिखाई देता है, तो इसका असर चुनाव परिणाम पर क्यों नहीं पडता तथा भाजपा चुनाव कैसे जीत जाती है, तो इसके जवाब में विधायक यशोमति ठाकुर का साफ तौर पर कहना रहा कि, भाजपा द्वारा निर्वाचन आयोग पर दबाव बनाते हुए इवीएम में बडे पैमाने पर गडबडियां की जाती है. यह बात खुद उन्होंने मध्यप्रदेश के चुनाव के समय देखी है. जहां सील पैक इवीएम मशीन की बैटरी सील खोले जाने के बाद अपने आप फुल चार्ज पायी गई. साथ ही विविपैट से निकली पर्चियों की गिनती में भी काफी धांधली की गई. कुछ स्थानों पर तो विविपैट से निकली पर्चियों की गिनती ही नहीं कराई गई और कही-कही पर तो इवीएम मशीन ही गायब कर दी गई, ताकि चुनाव परिणाम को प्रभावित किया जा सके.

* आज के दौर में मीडिया भी निष्पक्ष नहीं
मौजूदा दौर में हर क्षेत्र पर सरकार का दबाव रहने की बात कहते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, आज मीडिया भी सरकारी दबाव से अछूता नहीं है. इसके चलते मीडिया निपक्ष नहीं रहा. इसकी सबसे बडी वजह इन दिनों मीडिया को बडे कार्पोरेट घरानो द्वारा संचालित व नियंत्रित किया जा रहा है, जो हर बात में अपना फायदा देखते है. यह स्थिति लोकतंत्र के लिए बेहद घातक है.

* मविआ में सीटों के बंटवारें की स्थिति साफ
महाविकास आघाडी ने सीटों के बंटवारे की स्थिति लगभग साफ रहने की बात कहते हुए पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, मविआ में शामिल तीनों प्रमुख दलों के वरिष्ठ नेताओं द्वारा जल्द ही इसे लेकर घोषणा की जाएगी. ऐसे में जब उनसे यह जानने का प्रयास किया गया कि, क्या अमरावती संसदीय सीट कांग्रेस में हिस्से में रहेंगी और कांग्रेस की ओर से अमरावती लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशी कौन रहेगा, तो विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, अमरावती संसदीय सीट हमेशा से ही कांग्रेस का मजबूत गढ रहती आती है. ऐसे में हमारा इस सीट पर स्वाभाविक दावा है. जिससे हमने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया है. जिसके तहत उनसे आग्रह किया गया है कि, इस बात अमरावती संसदीय सीट पर पंजा चुनाव चिन्ह के साथ कांग्रेस का प्रत्याशी खडा किया जाये. इस पर पार्टी नेतृत्व को अंतिम निर्णय लिया है. साथ ही जिला कांग्रेस कमिटी ने अमरावती संसदीय सीट हेतु 4 संभावित प्रत्याशियों के नाम प्रदेश कांग्रेस को भेजे है. जिसमें से प्रत्याशी कौन होगा. यह प्रदेश कांग्रेस तय करेंगी. इसके साथ ही यशोमति ठाकुर ने यह भी स्पष्ट किया कि, यदि किसी कारणवश यह सीट कांग्रेस के हिस्से में नहीं आती व मविआ के किसी घटक दल के हिस्से में जाती है, तो ऐसी स्थिति में गठबंधन धर्म का पालन किया जाएगा.

* विधायक खोडके से हमारी कोई नाराजगी या दूरी नहीं
इसी बातचीत के दौरान जब विधायक यशोमति ठाकुर से यह जानने का प्रयास किया गया कि, अमरावती की कांग्रेस विधायक सुलभा खोडके को शहर व जिला कांग्रेस द्वारा खुद से दूर रखा जाता है और पार्टी के सभी छोटे-बडे आयोजनों के समय उनकी अनदेखी की जाती है, तो इस सवाल के जवाब में विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, सुलभाताई खोडके हमारी पार्टी की विधायक है. जिसके चलते उनका पार्टी में पूरा मान-सम्मान है. लेकिन चूंकि सुलभाताई के पति संजय खोडके राकांपा के वरिष्ठ नेता है. इस वजह से शायद सुलभाताई की नजदीकियां राकांपा के साथ अधिक रही और वे खुद ही कांग्रेस के साथ दूरी बनाकर चलती है. लेकिन बीते दिनों सुलभाताई ने कहा था कि, वे कांग्रेस में थी, है और रहेगी, तो इस बात को हम सभी कांग्रेसियों द्वारा विश्वास रखा जा सकता है.

* पिता को याद कर भावूक हुई यशोमति
– नई पीढी को राजनीति में नहीं आने देने की बात कहीं
इस बातचीत के दौरान अपने पिता पूर्व विधायक स्व. भैय्यासाहब ठाकुर के साथ जुडी यादों को ताजा करते हुए विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, वे पहाड की तरफ है और उन्होंने उन्हें किसी राजकुमारी की तरह नहीं बल्कि किसान की बेटी के तौर पर पाला. जिनसे उन्हें काफी कुछ सीखने को भी मिला और आज हर कदम पर उनकी तमाम सीख सामने आती है. राजनीति में अपने पिता की विरासत में संभाल रही पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, मौजूदा दौर की राजनीति को देखते हुए वे नहीं चाहती कि, उनकी अगली पीढी राजनीति के क्षेत्र में आये. उन्होंने बताया कि, उनका बडा बेटा मुंबई में रहता है, जो अपनी कामकाजी दुनिया में पूरी तरह से व्यक्त है. वहीं उनकी बेटी राजनीतिक व सामाजिक जीवन में उनका हाथ बटाती है. लेकिन बेटी आगे चलकर राजनीति में आये, ऐसी उनकी कोई आकांक्षा नहीं है.

 * नांदगांव पेठ एमआईडीसी व टेक्स्टाइल पार्क हमारी सोच का नतीजा
अमरावती शहर सहित जिले को लेकर अपने ड्रिम प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, वर्ष 2009 तक नांदगांव पेठ की एमआईडीसी पूरी तरह से खाली पडी हुई थी. जहां पर उद्योगों को आमंत्रित करने हेतु हमने विदर्भ एडवान्टेज के तहत कई सामंजस्य करार किये थे, जिसके परिणाम आज दिखाई दे रहे है और आज यह एमआईडीसी पूरी तरह से भरी हुई है. हमने इस समय इस एमआईडीसी में टेक्स्टाइल झोन को मंजूरी दी थी, तो आज वहां पर टेक्स्टाइल पार्क बना हुआ दिखाई दे रहा है. यदि हमारी सरकार आगे भी रही होती, तो अब तक बेलोरा विमानतल का काम भी पूरा हो चुका होता, लेकिन भाजपा की सरकार के दौरान केवल नागपुर के विकास पर ही पूरा ध्यान दिया जा रहा है और नागपुर के विकास को ही शायद विदर्भ का विकास मान लिया गया है.

* सांप खाने वाले मोर की तरह हैं राणा दम्पति
उल्लेखनीय है कि, जिले की सांसद नवनीत राणा तथा पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर के बीच अक्सर ही तनातनी चलती रहती है और इससे पहले इन दोनों महिला नेत्रियों ने एक-दूसरे के खिलाफ व्यक्तिगत स्तर की टिपणी भी की थी. इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, जिले में शायद ही ऐसा कोई जनप्रतिनिधि बचा हो, जिसके खिलाफ राणा दम्पति ने कोई अंटशंट बयान न दिया हो. ऐसा करके राणा दम्पति खुद को दूध का धुला साबित करना चाहते है. विधायक यशोमति ठाकुर के मुताबिक उन्होंने अपनी ओर से राणा दम्पति को लेकर कोई बयान नहीं दिया अथवा कोई आरोप नहीं लगाया. लेकिन जब नवनीत राणा ने उनके सावले रंग का मजाक उडाया था, तब उन्होंने इतना जरुर कहा था कि, वे किसान की बेटी है. जिसके चलते सावला रंग ही उनका सौंदर्य है और उनके पास ‘लाल मुंह’ वालों की तरह मेकअप करने की फुर्सत नहीं है. इस समय विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, जिस तरह मोर दिखने में काफी सुंदर होता है, लेकिन किडे-मकोडे और सांप खाकर जिंदा रहता है, कुछ उसी तरह का मामला राणा दम्पति का भी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, राणा दम्पति को एक तरह से कांग्रेस ने ही अपने कंधे पर बिठाकर बडा बनाया है. लेकिन बडा हो जाने के बाद अगर कोई बच्चा आवारा व नाकारा निकल जाये, तो इसके लिए परिवार को दोष नहीं दिया जा सकता. साथ ही एक-दो बच्चों के नालायक निकल जाने या घर छोडकर चले जाने से परिवार पर कोई फर्क भी नहीं पडता.

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