अमरावती

कहीं आपका नाबालिग बच्चा एफबी तो नहीं चला रहा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.११ – यदि आपके छोटे बच्चे इंस्टाग्राम या फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग कर रहे है, तो आपको तुरंत सतर्क हो जाने की जरूरत है. क्योंकि इन माध्यमों की वजह से छोटे बच्चों में मानसिक बीमारिया घर कर रही है और वे डिप्रेशन जैसे मनोविकार का शिकार हो रहे है. यह बात हाल ही में एक अध्ययन के जरिये सामने आयी है.
इस अध्ययन में कहा गया है कि, छोटे बच्चों में सामाजिक भाव की कमी होती है. ऐसे में फेसबुक का गलत उपयोग हो सकता है. चूंकि फेसबुक पर 18 वर्ष से कम आयुवालों का अकाउंट नहीं खोला जा सकता. अत: कई नाबालिग बच्चे अपनी गलत जन्मतारीख दर्ज करते हुए उसको 18 वर्ष से अधिक आयु का दिखाते है और फेसबुक पर अपना अकाउंट खोलते है. इसके जरिये कई बार किसी गलत पोस्ट को वायरल करते हुए छोटे बच्चे दिक्कतों में भी आ सकते है. इसके अलावा कई बार वे चैटिंग की आदत का शिकार भी हो जाते है. साथ ही चैटिंग के जरिये उन्हें अपने जाल में फांसकर कई लोग उनका गलत फायदा उठाते है. इन तमाम खतरों को देखते हुए नाबालिगों को सोशल मीडिया के प्रयोग से दूर रखने की सख्त जरूरत है.

  • 18 वर्ष से अधिक आयु रहने पर ही खुलता है अकाउंट

सोशल मीडिया की कई साईटस् व ऍप पर 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद ही अकाउंट खोला जा सकता है. किंतु फेसबुक की क्रेज अब छोटे बच्चो में भी बढ गई है. ऐसे में कई नाबालिग अपनी गलत जन्मतिथी डालते हुए खुद को 18 वर्ष से अधिक आयु का दर्शाते है और फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया साईटस् व ऍप पर अपना अकाउंट खोलते है.

  • अल्पवयीनों की वजह से बढे कई खतरे

इन दिनों फेसबुक पर भी मैसेंजर व वीडियो चैटिंग की सुविधा उपलब्ध हो गई है. साथ ही उस पर कई प्रकार की लिंक भी आती रहती है. जिसकी ओर किशोरवयीन बच्चे आकर्षित हो सकते है. कई बार तो प्रौढ व्यक्तियों को भी शिकार के तौर पर फांसा जाता है. ऐसे में नाबालिगों को शिकार के तौर पर फांसना और उनका गलत फायदा लेना बेहद आसान काम है.

  • सही उम्र पर ध्यान देने की कोई व्यवस्था नहीं

इन दिनों 13 से 14 आयुवाले लगभग सभी बच्चों के पास एंड्राईड फोन होता है. इसे मौजूदा वक्त की जरूरत भी कहा जा सकता है. ऐसे में अपने यार दोस्तों व परिचितों को सोशल मीडिया साईटस् पर देखते हुए वे भी इस प्लेटफॉर्म पर आना चाहते है. जिसके लिए फर्जी जन्मतारीख दर्ज करते हुए उम्र बढाकर एफबी अकाउंट खोला जाता है, क्योंकि किसी भी सोशल मीडिया साईटस् अथवा ऍप पर सही उम्र की तसदिक करनेवाली कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है.

  • सावधानी बरतें अभिभावक

इन दिनों ऑनलाईन शिक्षा की वजह से लगभग सभी बच्चों के हाथ में मोबाईल आ गया है. ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी काफी अधिक बढ गई है. अभिभावकों को चाहिए कि, वे ऑनलाईन क्लास होने के बाद अपने बच्चों का मोबाईल चेक करे. साथ ही बच्चों को मोबाईल देते समय सोशल मीडिया के ऍप को लॉक करके रखे. इसके अलावा उन्हें सोशल मीडिया के दुष्परिणामों के बारे में भी बताये. सबसे जरूरी बात यह है कि, बच्चों के साथ हमेशा संवाद जारी रखे.

  • संभालकर करे सोशल मीडिया का प्रयोग

मौजूदा पीढी मोबाईल सहित सोशल मीडिया साईटस् का प्रयोग करने में काफी कुशल है. लेकिन उन्हें खतरे का अंदाजा नहीं है. सोशल मीडिया का प्रयोग करते समय अथवा गेम खेलते समय मोबाईल स्क्रीन पर उनकी उंगलिया फटाफट चलती है, लेकिन उन्हें सतर्क रहना भी बेहद जरूरी होता है. साथ ही अभिभावकों द्वारा भी उन्हें सतर्क किया जाना चाहिए.
– डॉ. आरती सिंह
शहर पुलिस आयुक्त, अमरावती

Related Articles

Back to top button