प्रतिनिधि/दि.२३
अमरावती-राज्य लोकसेवा आयोग द्वारा कर सहायक पद हेतु ली गयी परीक्षा में दर्यापुर निवासी मो. शाहीद मो. अयुब समूचे राज्य में खुले संवर्ग से प्रथम स्थान पर रहा. जबर्दस्त मेहनत, जिद, लगन व परिश्रम के दम पर २७ वर्षीय मो. शाहीद मो. अयूब ने यह सफलता हासिल की है और दर्यापुर शहर सहित समूचे जिले का गौरव बढाया है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, मो. शाहीद के पिता मो. अयूब कबाड की खरीदी-बिक्री का व्यवसाय करते है और आज कबाड विक्रेता पिता का बेटा एमपीएससी की परीक्षा में समूचे राज्य से अव्वल आते हुए कर सहायक पद पर पहुंचा है. बता दें कि, वर्ष २०१९ में ली गयी कर सहायक पद की परीक्षा के ऑनलाईन नतीजे मंगलवार को घोषित हुए और मो. शाहीद के समूचे राज्य में सबसे अव्वल स्थान पर रहने की खबर मिलते ही दर्यापुर शहर में उत्साह व उत्सव का माहौल बन गया. दर्यापुर के राठीपुरा के पास रहनेवाले मो. शाहीद ने यशवंतराव चव्हाण मुक्त विद्यापीठ से वर्ष २०१६ में बीए की पदवी प्राप्त की. साथ ही उसने वर्ष २०१३ से ही प्रा. गजानन कोरे के मार्गदर्शन में स्पर्धा परीक्षाओं की तैयारी शुरू की थी. वर्ष २०१७ में मो. शाहीद ने डाक विभाग की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. पश्चात वह वर्ष २०१९ में एसटी महामंडल द्वारा सुरक्षा निरीक्षक पद हेतु ली गई परीक्षा में भी उत्तीर्ण हुआ और अभी इस पद की ऑर्डर घर पर आयी थी कि, मो. शाहीद के कर सहायक पद की परीक्षा में राज्य में सबसे अव्वल आने की खबर सामने आयी. अपनी इस सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए मो. शाहीद ने कहा कि, वह यहीं पर नहीं रूकना चाहता, बल्कि उपजिलाधीश पद हासिल करना चाहता है. साथ ही उसने बताया कि, उसे बीच में मंत्रालय में सहायक के तौर पर भी काम करने का अवसर मिला है. मो. शाहीद के बडे भाई मो. रेहान भी सरकारी सेवा में है. वहीं उसके छोटे भाई का ट्रान्सपोर्ट व्यवसाय है, जिसमें उसके पिता भी सहायता करते है. इस दौरान मो. शाहीद का अभिनंदन करने हेतु बुधवार को पूरा दिन उसके घर पर कई लोगों की भीड जमी रही.
मैं जीस स्पर्धा परीक्षा मार्गदर्शन केंद्र का विद्यार्थी था, वहीं पर मैने शिक्षक के रूप में भी विद्यार्थियों को पढाने का काम किया. मेरी सफलता में मेरे बडे भाई रेहान व मेरे मार्गदर्शक प्रा. गजानन कोरे का सर्वाधिक योगदान है. आगे चलकर मैं उपजिलाधीश बनना चाहता हूं.
– मो. शाहीद मो. अयूब
मो. शाहीद के बडे भाई को सरकारी नौकरी मिलने के बाद शाहीद ने उससे प्रेरणा ली और वह स्पर्धा परीक्षा की क्लासेस में आया. इसके बाद उसने अपनी जिद और मेहनत से यह सफलता हासिल की.
– प्रा. गजानन कोरे दर्यापुर