अमरावती

जिले में जल्द ही 2.15 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध होंगे

  •  जिलाधीश की बैठक के बाद कृषि विभाग में हलचलें तेज

  •  सोयाबीन बीज का जतन करने जनजागृति आवश्यक

अमरावती/प्रतिनिधि दि.19 – आगामी खरीफ के मौसम में कोरोना संक्रमण की वजह से पहले ही विभिन्न तरह इस समस्याओं का सामना कर रहे किसानों को किसी नई तरह की समस्या या दिक्कत का सामना न करना पडे. इस बात के मद्देनजर जिलाधीश शैलेश नवाल ने विगत दिनों बीजों के संदर्भ में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक आयोजीत की. जिसमें यह बात सामने आयी कि, इस वर्ष खरीफ सीझन के लिए 2.15 लाख क्विंटल बीजों की जरूरत है. ऐसे में कृषि विभाग द्वारा अपनी गतिविधियां तेज कर दी गई है. जिसके चलते जिले को जल्द ही 2.15 लाख क्विंटल बीज मिलेंगे. साथ ही किसानों द्वारा अपने पास उपलब्ध सोयाबीन बीजों का जतन करने हेतु युध्दस्तर पर जनजागृति अभियान चलाना शुरू किया है.
बता दें कि, खरीफ के पिछले मौसम में सितंबर-2020 से अपने सोयाबीन की फसल में से अपने पास सोयाबीन के बीज बचाकर रखने हेतु जनजागृति अभियान विस्तार प्रशासन द्वारा शुरू किया गया था. जिसके चलते किसानों ने 92 हजार 620 क्विंटल सोयाबीन के बीज बचाकर रखे थे और इस समय जिले में 2.70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र हेतु 75 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 2.15 लाख क्विंटल बीज बुआई के लिए आवश्यक होंगे. बीजों के प्रचलित प्रमाण के अनुसार 1.30 लाख क्विंटल सोयाबीन बीजों की मांग की गई है. यदि किसानों के पास अपने खुद के सोयाबीन बीज है, तो उन्हें नये बीज खरीदने की जरूरत नहीं पडेगी. लेकिन इस समय कोरोना काल के दौरान जहां एक ओर किसान आर्थिक तंगी में हैं, वहीं दूसरी ओर बाजार में सोयाबीन के दाम बढे हुए है. ऐसे में कई किसान अपना सोयाबीन बेचने की मानसिकता में है. किंतु प्रशासन द्वारा आवाहन किया गया है कि, गत वर्ष काफी बेहतरीन दर्जे की सोयाबीन का उत्पादन हुआ था. अत: किसानों ने अपने पास बुआई लायक सोयाबीन के बीज बचाकर रखने चाहिए. बता दें कि बाजार से खरीदे गये प्रमाणित बीजों से उगाये गये सोयाबीन को अगले दो वर्ष तक बीज के रूप में प्रयोग में लाया जा सकता है.

  • 2.70 लाख हेक्टेयर में होगी सोयाबीन की बुआई

अमरावती जिले में खरीफ का बुआई क्षेत्र 7 लाख 58 हजार हेक्टेयर है. जिसमें से 2.70 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन, 2.61 लाख हेक्टेयर में कपास, 1.30 लाख हेक्टेयर में तुअर, मूग, उडद व ज्वार की बुआई होती है. वहीं शेष कृषि क्षेत्र में अन्य फसलें ली जाती है.

  •  100 मिमी बारिश के बाद करें सोयाबीन की बुआई

कृषि क्षेत्र द्वारा कहा गया है कि, जब तक 100 मिमी बारिश नहीं होती, तब तक सोयाबीन की बुआई नहीं की जानी चाहिए. साथ ही बीजों को जमीन में 3 से 4 सेमी से अधिक नीचे नहीं डालना चाहिए. इसके अलावा सोयाबीन सहित अन्य फसलों की बुआई से पहले बीजों की रासायनिक, जैविक, बुरशीनाशक और जीवाणूसंग टेस्ट की जानी चाहिए. साथ ही सोयाबीन, मूंग, उडद व अन्य फल्लीवर्गीय फसलों पर यूरिया का प्रयोग भी कम किया जाना चाहिए.

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