अमरावती प्रतिनिधि/दि.३१ – खट्टे-मीठे फलों के मौसम की शुरुआत हो चुकी है. पिछले एक महीने से शहरवासियों में सीताफल का मीठा स्वाद चखाता, अब खट्टे-मीठे अमरुद की आवक शुरु हो जाने से शहरवासियों को अमरुद का स्वाद चखना होगा. अमरुद को जाम भी कहा जाता है. इसे संस्कृत में बहूबीज तथा इंग्लिश में गावा नाम से भी जाना जाता है. शहर में अचलपुर, परतवाडा जुडवा शहर से प्रचूर मात्रा में इसकी आवक होती है. अमरुद को लेकर वैद्य क्रांति कुमार आमले ने कहा कि अमरुद में साधारणत: गुलाबी व सफेद गुदा होता है और यह पित्तनाशक व कफनाशक भी है. इसमें विटामिन ए, बी, सी होता है. बौद्धिक विकास के लिए अमरुद सर्वोत्तम है.
अमरुद के सेवन से ऊर्जा मिलती है और मानसिक थकावट भी दूर होती है. अमरुद का सेवन दोपहर के भोजन के पश्चात करना उपयुक्त है. अमरुद के साथ जीरा व कालीमिर्च का सेवन करने पर कफ, वात दूर हो जाते है. अमरुद से अचार, जैम, चटनी, मुरब्बा भी बनाया जाता है. अमरुद यह फल गुणकारी है. साथ ही यह औषधी भी है, सतत तीन-चार दिन अमरुद का सेवन करने पर उसका फायदा निश्चित तौर पर होता है.फल के साथ इसके पत्तियां भी गुणकारी है. जिससे दांतो का रोग ठीक होता है. गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे, व कमजोर व्यक्तियों ने इसका नियमित सेवन करना चाहिए. ऐसी जानकारी वैद्य क्रांतिकुमार आमले ने दी.