अमरावती में शुरु होगा दक्षिण एशिया की सबसे बडी विमान उडान प्रशिक्षण संस्था
एमएडीसी व एयर इंडिया में हुआ संयुक्त करार
* बेलोरा एयरपोर्ट पर होगा संस्था का संचालन
अमरावती/दि.29 – महाराष्ट्र विमानतल विकास कंपनी (एमएडीसी) ने अमरावती के बेलोरा विमानतल पर दक्षिण एशिया की सबसे बडी उडान प्रशिक्षण संस्था स्थापित करने हेतु गतिविधियां शुरु कर दी है. जिसके चलते एमएडीसी द्वारा अमरावती के बेलोरा विमानतल पर एयर इंडिया के सहयोग से अप्रैल-मई 2015 तक उडान ऑपरेशन सहित प्रकल्प को पूर्णत: कार्यान्वित करने की पूरी संभावना है. विशेष उल्लेखनीय है कि, नागरी विमान वाहतुक महासंचालक की अनुमति से लाईसेंसी उडान प्रशिक्षण संस्था (फ्लाइन ट्रेनिंग ऑर्गेनायजेशन) यह भारत में किसी भी विमान कंपनी द्वारा स्थापित की गई पहली संस्था रहेगी. इस सहयोगी उपक्रम के लिए एयर इंडिया व एमएडीसी के बीच हाल ही में एक सामंजस्य करार पर हस्ताक्षर किया गया है. साथ ही एयर इंडिया के संचालक सुनील भास्करन एवं एयर इंडिया की एविएशन अकादमी के नेतृत्व में एक टीम अमरावती में इस प्रकल्प की भू-स्तरीय योजनाओं का प्रारुप तय कर रही है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया के 31 सिंगल इंजीन और 3 ट्विन इंजीन विमानों के जरिए प्रतिवर्ष 180 व्यवसायिक विमानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही यहां पर प्रतिवर्ष 36 हजार फ्लाइट घंटे की क्षमता रहेगी. प्रशिक्षणार्थियों के लिए 10 एकड क्षेत्रफल में अत्याधुनिक प्रशिक्षण संस्था विकसित की जाएगी. जिसमें डिजीटल सक्षमवर्ग वैश्विक शैक्षणिक मानकों से सुसज्जित छात्रावास एक डिजीटल ऑपरेशन सेंटर तथा ऑपरेशनल कार्य क्षमता बढाने हेतु सुविधा केंद्र उपलब्ध रहेगा. उडान प्रशिक्षण संस्था के सर्वसमावेशक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक कक्षा, गतिमान व्यवहारिक उडान अनुभव का समावेश रहेगा और यहां पर देश के युवाओं को कौशल्यपूर्ण प्रशिक्षण मिलेगा.
इस बारे में जानकारी देते हुए एमएडीसी की उपाध्यक्ष एवं व्यवस्थापकीय संचालक स्वाति पाडे ने बताया कि, इस प्रकल्प के चलते केवल विदर्भ में ही आर्थिक संभावनाओं को बल नहीं मिलेगा, बल्कि महाराष्ट्र के विमान वाहतुक क्षेत्र को भी गति मिलेगी. स्वाति पांडे के मुताबिक बेलोरा विमानतल पर एमएडीसी द्वारा रात्रिकालीन उडान व इंस्टूमेंटल लैंडिंग क्षमता सहित अत्याधुनिक विमान चालन सुविधा शुरु की जाएगी. जिसके चलते विमान वाहतुक क्षेत्र में 3 हजार से अधिक नौकरियां पैदा होगी. अमरावती विमानतल पर उडान के लिए 300 दिन से भी अधिक समय स्वच्छ दृष्यमानता होती है और भरपूर जगह भी उपलब्ध है. एमएडीसी द्वारा बनाये गये वैश्विक स्तर के रनवे तथा रात के समय विमान उतरने की क्षमता से सुसज्जित विमानतल भी अपने आप में एक विशेषता है. अमरावती का बेलोरा विमानतल महाराष्ट्र के उडान आरसीएस योजना में शामिल रहने वाले विमानतलों में से एक है और जल्द ही अलायन्स विमान सेवा के जरिए अमरावती व मुंबई के बीच सीधी कनेक्टीविटी उपलब्ध हो जाएगी.