75 से 100 मिली मीटर बारिश होने के बाद ही करें बुआई
सोयाबीन के घरेलू बीज का अधिक इस्तेमाल करने की अपील
अमरावती/दि.27– जिला कृषि कार्यालय द्बारा खरीप फसल की तैयारी कर रहे किसानों को बुआई कब करें, बीज का चुनाव कैसे करें आदि को लेकर जानकारी दी जा रही है. कृषि विभाग द्बारा किसानों को खरीप के मौसम में घरेलू सोयाबीन बीज का अधिक इस्तेमाल करने की अपील की जा रही है. उसी प्रकार जब तक 75 से 100 मिली मीटर बारिश नहीं बरसती तब तक बुआई नहीं करने की सुचना किसानों को दी जा रही है. बुआई करते वक्त बीज जमीन में 3 से 4 सेंटी मीटर तक डाले जाये, बुआई से पहले बीज पर रोग संरक्षण प्रक्रिया की जाए, इसके लिए बुआई से 3 घंटे पहले तक रायझोबियम व पीएसबी जीवाणू संवर्धक का 200 से 250 ग्राम प्रति 10 से 15 किलो बीज पर उपयोग कर बीजों को छाव में सुखाकर बाद में बुआई करने का सुझाव कृषि विभाग ने दिया है.
सोयाबीन यह स्वपराग सिंचित फसल है. इस फसल के सभी वान सीधे वान है. इसलिए हर वर्ष बीज बदलने की आवश्यकता नहीं है. एक बार प्रमाणित बीज का उपयोग करने के बाद उसके उत्पादन से निकलने वाले बीज 2 वर्ष तक इस्तेमाल किये जा सकते है. इसलिए किसान वर्ग अपने घरेलू बीज का ही अधिक इस्तेमाल करें, ऐसा आवाहन किसानों से जिला कृषि अधिकारी अनिल खर्चान ने किया.
* ऐसे करें बीजों का चयन
किसानों ने बुआई के लिए अधिक से अधिक घरेलू बीज का इस्तेमाल किया, तो उपज खर्च कम होगा. विगत 2 वर्ष में किसानों ने बाजार से खरीदे प्रमाणित बीज से उत्पादित सोयाबीन बीज का इस्तेमाल बुआई के लिए किया, तो उन्हें लाभ होगा. उसी प्रकार ग्राम बीज उत्पादन, फसल परिक्षण योजना, घर की फसल से बीजों का चयन किया जा सकता है. इन प्रक्रियाओं पर अमल कर किसान सोयाबीन बीज का चुनाव कर सकते है.
* बीज की सुरक्षा पर ध्यान दें
सोयाबीन बीज बेहद नाजूक रहता है. उसका बाह्य आवरण कवच बेहद पतला रहने से उसकी उत्पादन क्षमता कायम रखने के लिए बीज की सुरक्षा पर ध्यान देना जरुरी है. बीज जहां पर रखे जाते है, वहां पर हवा में नमी 10 से 12 प्रतिशत से अधिक नहीं रहनी चाहिए, बीज रखने के लिए प्लास्टिक के थैलियों का इस्तेमाल न करें, उसी प्रकार बीज स्टोअर रखते वक्त एक लाईन में 7 फीट से अधिक उची लाईन नहीं रखनी चाहिए.