प्रतिनिधि/दि.२५
अमरावती – इस साल रोहिणी नक्षत्र में मानसून के पूर्व व मृग मानसून में बारिश शुरू होने की वजह से पश्चिम विदर्भ में खरीफ में बुआई लगभग बढ़ गई. हाल की स्थिति में ३२ लाख २८ हजार ५०० हेक्टर क्षेत्र की तुलना में २९ लाख ३६ हजार हेक्टर में बुआई का कार्य निपट चुका है. जिसमें ९१ फीसदी बुआई का समावेश है.
विभाग में कंपनी द्वारा उर्वराशक्ति नहीं रहनेवाली सोयाबीन बीज १५ हजार किसानों के माथे मार दिए गये थे. उसके पश्चात उन किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ी थी. किसानों ने नये बीज लेकर बुआई की थी. अब खरीफ में बुआई स्थिर है. अधिकांश क्षेत्रोंं में खेती के काम शुरू हो चुके है. फसले बढ़ रही है. पिछले दो सप्ताह से पानी गायब हो चुका है. जिससे फसलों पर असर देखा जा रहा है.कृषि महासंचालक कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार सार्वधिक ९५ फीसदी बुआई अमरावती व यवतमाल जिले में हुई है. खरीफ बुआई की समीक्षा करने के पश्चात हाल की स्थिति में धान के लिए ६९०० हेक्टर क्षेत्र रहने के बाद ५ हजार हेक्टर में बुआई हुई है. अब इस क्षेत्र में ७२ फीसदी बुआई हो चुकी है.
सोयाबीन, कपास के बुआई क्षेत्र
सोयाबीन के लिए बुलढाणा जिले में ३५.३३०० हेक्टर, अकोला १७.३२०० हेक्टर, वाशिम २८.६००० हेक्टर, अमरावती २५.१९०० हेक्टर, यवतमाल २७.५६०० हेक्टर बुआई हो चुकी है.
कपास के लिए बुलढाणा जिले में १८७१०० हेक्टर, अकोला १०६९०० हेक्टर वाशिम २१९०० हेक्टर, अमरावती २४१२०० हेक्टर, यवतमाल ४५५५०० हेक्टर, क्षेत्र में बुआई हो चुकी है. तुअर के लिए बुलढाणा जिले में ६७७०० हेक्टर, अकोला ४९४०० हेक्टर, वाशिम ५४५०० हेक्टर, अमरावती १०३७०० हेक्टर, यवतमाल ११९०० हेक्टर क्षेत्र में बुआई की जा चुकी है.